उत्तर प्रदेश बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम | 17 Jun 2024

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, उत्तर प्रदेश ने राज्य को संभावित बाढ़ से बचाने के लिये व्यापक तैयारियाँ शुरू की हैं।

  • उन्होंने अधिकारियों को एक मज़बूत बाढ़ प्रबंधन योजना बनाने का निर्देश दिया है, जिसमें स्थानीय निवासियों और पशुओं को सुरक्षित क्षेत्रों में शीघ्र स्थानांतरित करने पर ज़ोर दिया गया है।

मुख्य बिंदु:

  • राज्य प्रशासन ने उत्तर प्रदेश को तीन बाढ़ प्रबंधन क्षेत्रों में विभाजित किया है: 29 अत्यधिक संवेदनशील ज़िले, 11 संवेदनशील ज़िले और 35 सामान्य ज़िले।
  • तैयारी बढ़ाने के लिये सात राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) टीमें, 18 राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) टीमें और 17 प्रांतीय सशस्त्र बल (PAC) टीमें रणनीतिक रूप से तैनात की गई हैं।
    • राज्य सरकार ने आपातकालीन स्थिति में सहायता के लिये 400 प्रतिबद्ध व्यक्तियों को 'आपदा मित्र' तथा 10,500 स्वयंसेवकों को तैयार किया है। 
    • इसके अलावा, तैयारियों को बढ़ाने के लिये सभी ज़िलों को विस्तृत बाढ़ तैयारी मार्गदर्शिका उपलब्ध कराई गई है।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (National Disaster Response Force- NDRF)

  • यह आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत गठित एक भारतीय विशेष बल है। 
  • भारत में आपदाओं के प्रबंधन की ज़िम्मेदारी राज्य सरकारों की है। प्राकृतिक आपदाओं के प्रबंधन के लिये केंद्र सरकार में 'नोडल मंत्रालय' गृह मंत्रालय (MHA) है। 
  • यह प्रशिक्षित पेशेवर इकाइयों को संदर्भित करता है जिन्हें आपदाओं के लिये विशेष प्रतिक्रिया हेतु बुलाया जाता है।

आपदा मित्र योजना 

  • परिचय:
    • यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसे मई 2016 में शुरू किया गया था। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण योजना की कार्यान्वयन एजेंसी है।
    • यह आपदा-प्रवण क्षेत्रों में उपयुक्त व्यक्तियों की पहचान करने की एक योजना है, जिसमें आपदाओं के समय प्रथम आपदा मित्र अर्थात् बचाव कार्यों के लिये प्रशिक्षित किया जा सकता है।
  • उद्देश्य:
    • योजना के तहत समुदाय के स्वयंसेवकों को आपदा के बाद अपने समुदाय की तत्काल आवश्यकताओं को ध्यान के रखते हुए आवश्यक कौशल प्रदान करना जिससे वे आकस्मिक बाढ़ और शहरी क्षेत्रों में उत्पन्न बाढ़ जैसी आपातकालीन स्थितियों के दौरान बुनियादी राहत एवं बचाव कार्य करने में सक्षम हो सकें।