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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 29 Sep, 2021
  • 18 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स: 29 सितंबर, 2021

आपदा मित्र योजना 

Aapada Mitra Programme

देश के 30 ज़िलों में ‘आपदा मित्र’ योजना के प्रायोगिक स्तर पर सफल रहने के बाद सरकार देश भर के 350 ज़िलों में ‘आपदा मित्र’ (आपदा में मित्र) योजना को शुरू करने की योजना बना रही है। इसके साथ ही कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल (Common Alerting Protocol- CAP) हेतु भी दस्तावेज़ जारी किये गए हैं।

  • CAP सभी प्रकार के नेटवर्क पर आधारित आपातकालीन अलर्ट और सार्वजनिक चेतावनियों के आदान-प्रदान हेतु एक सरल लेकिन सामान्य प्रारूप है।

प्रमुख बिंदु 

  • योजना के बारे में:
    • यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसे मई 2016 में शुरू किया गया था। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण योजना की कार्यान्वयन एजेंसी है।
    • यह आपदा-प्रवण क्षेत्रों में उपयुक्त व्यक्तियों की पहचान करने की एक योजना है, जिसमें आपदाओं के समय प्रथम आपदा मित्र अर्थात् बचाव कार्यों के लिये प्रशिक्षित किया जा सकता है।
  • लक्ष्य:
    • योजना के तहत समुदाय के स्वयंसेवकों को आपदा के बाद अपने समुदाय की तत्काल ज़रूरतों को ध्यान के रखते हुए आवश्यक कौशल प्रदान करना जिससे वे अचानक बाढ़ और शहरी क्षेत्रों में उत्पन्न बाढ़ जैसी आपातकालीन स्थितियों के दौरान बुनियादी राहत और बचाव कार्य करने में सक्षम हो सकें।
  • विशेषताएँ:
    • राज्य/संघ राज्य क्षेत्र स्तर पर संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा पैनलबद्ध  (Empanelled) प्रशिक्षण संस्थान।
    • सामुदायिक स्वयंसेवकों को आपदा प्रतिक्रिया (बाढ़ राहत और बचाव), समन्वय, जीवन रक्षक कौशल में प्रशिक्षित करना तथा व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और आपातकालीन प्रतिक्रिया किट प्रदान करना।
    • ज़िला/ब्लॉक स्तर पर एक सामुदायिक आपातकालीन भंडार/रिज़र्व बनाना जिसमें आवश्यक सामान जैसे- टार्च, बचाव उपकरण, प्राथमिक चिकित्सा किट आदि शामिल हों।
    • योजना के बाद के चरणों में बाढ़ग्रस्त ज़िलों में परियोजना के तहत विकसित प्रशिक्षण और शिक्षा उपकरणों का प्रसार करना।
  • अन्य आपदा संबंधी पहलें:

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण

  • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत में आपदा प्रबंधन के लिये शीर्ष वैधानिक निकाय है। इसकी अध्यक्षता भारत के प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है।
  • इसका औपचारिक रूप से गठन 27 सितंबर, 2006 को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत किया गया था।
  • इसका प्राथमिक उद्देश्य प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं के दौरान प्रतिक्रियाओं हेतु समन्वय कायम करना और आपदा-प्रत्यास्थ (आपदाओं में लचीली रणनीति) व संकटकालीन प्रतिक्रिया हेतु क्षमता निर्माण करना है।
  • यह एक समग्र, अग्रसक्रिय तकनीक संचालित और संवहनीय विकास रणनीति द्वारा एक सुरक्षित और आपदा प्रतिरोधी भारत बनाने की परिकल्पना करता है जिसमें सभी हितधारकों की मौजूदगी हो तथा जो आपदा रोकथाम, तैयारी और शमन की संस्कृति (Culture) का पालन करती हो।

इंस्पायरसैट-1 क्यूबसैट सैटेलाइट

INSPIRESAT-1 Cubesat Satellite

इंटरनेशनल सैटेलाइट प्रोग्राम इन रिसर्च एंड एजुकेशन (International Satellite Program in Research and Education- INSPIRE) के तहत विकसित इंस्पायरसैट-1 क्यूबसैट सैटेलाइट (INSPIRESAT-1 Cubesat Satellite) लॉन्च के लिये तैयार है।

प्रमुख बिंदु 

  • इंस्पायरसैट-1 क्यूबसैट सैटेलाइट के बारे में:
    • यह एक छोटा वैज्ञानिक उपग्रह है जिसे पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा,  जो एक कॉम्पैक्ट आयनोस्फियर जांँच के साथ पृथ्वी के आयनमंडल का अध्ययन करने में सक्षम है।
      • आयनमंडल वायुमंडल का वह भाग है जो सौर विकिरण द्वारा आयनित होता है।
      • CIP एक ऑल-इन-वन प्लाज़्मा सेंसर है जो एक समय-साझाकरण तंत्र (Time-Sharing Mechanism) में कई सेंसर कार्यों को करने हेतु एकल उपकरण (Single Instrument) का उपयोग करता है।
    • यह इस बात की भी जानकारी प्रदान करेगा कि सूर्य का कोरोना फोटोस्फीयर की तुलना में अधिक गर्म क्यों है, विभिन्न सौर घटनाओं के दौरान तत्त्वों की बहुतायत में परिवर्तन क्यों होता है और ये घटनाएँ पृथ्वी के आयनमंडल को किस प्रकार प्रभावित करती हैं।
    • इसका वज़न 10 किग्रा से कम है और इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के आगामी ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (Polar Satellite Launch Vehicle- PSLV) से प्रक्षेपित किया जाएगा।
      • PSLV भारत की तीसरी पीढ़ी का प्रक्षेपण यान है। यह लिक्विड स्टेज से युक्त पहला भारतीय लॉन्च व्हीकल है।
      • यह चार चरणों वाला प्रक्षेपण यान है जिसमें पहले और तीसरे चरण में ठोस रॉकेट मोटर्स का उपयोग किया जाता है तथा दूसरे और चौथे चरण में तरल रॉकेट इंजन का उपयोग किया जाता है।
  • विकास में शामिल संस्थाएँ:
    • कोलोराडो बोल्डर विश्वविद्यालय, अमेरिका की वायुमंडलीय और अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला (LASP) 
    • नेशनल सेंट्रल यूनिवर्सिटी, ताइवान
    • नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी,सिंगापुर 
    • भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST)

इंस्पायर (INSPIRE)

  • इंस्पायर अंतरिक्ष कार्यक्रमों में सक्रिय विश्वविद्यालयों का एक संघ है, जिसे अंतरिक्ष विज्ञान और इंजीनियरिंग को आगे बढ़ाने हेतु निर्मित किया गया है।
  • INSPIRE कार्यक्रम के तहत पृथ्वी और अंतरिक्ष-मौसम अवलोकन उपग्रहों के एक समूह की परिकल्पना की गई है जिसमें इंस्पायरसैट (इंस्पायरसैट-1 से इंस्पायरसैट-7 तक) की एक शृंखला शामिल है।

International-Satellite-Program

क्यूबसैट

  • क्यूब सैटेलाइट (क्यूबसैट) एक मानकीकृत, कम लागत वाला, छोटा उपग्रह है जो आमतौर पर तकनीकी के प्रदर्शन और अनुसंधान हेतु उपयोग किया जाता है।
  • यह एक नैनोसेटेलाइट है, अन्य नैनोसेटेलाइट में पॉकेट क्यूब, ट्यूबसैट, सन क्यूब, थिनसैट आदि शामिल हैं।
    • नैनोसेटेलाइट में 10 किलोग्राम से कम वज़न के उपग्रह शामिल हैं।

एल्डर लाइन: बुजुर्गों के लिये टोल-फ्री नंबर

Elder Line: Toll-Free Number for Elderly

हाल ही में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने वृद्ध व्यक्तियों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of Older Persons) जो प्रतिवर्ष 1 अक्तूबर को मनाया जाता है, से पहले वरिष्ठ नागरिकों के लिये पहला अखिल भारतीय टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर (14567) एल्डर लाइन लॉन्च किया।

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प्रमुख बिंदु

वृद्धावस्था

  • उम्र का बढ़ना एक सतत्, अपरिवर्तनीय, सार्वभौमिक प्रक्रिया है, जो गर्भाधान से शुरू होती है और मृत्यु तक जारी रहती है।
  • हालाँकि जिस उम्र में किसी के उत्पादक योगदान में गिरावट आती है और वह आर्थिक रूप से निर्भर हो जाता है, उसे जीवन के वृद्ध चरण की शुरुआत के रूप में माना जा सकता है।
  • राष्ट्रीय बुजुर्ग नीति 60+ आयु वर्ग के लोगों को बुजुर्ग के रूप में परिभाषित करती है।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 29 सितंबर, 2021

विश्व हृदय दिवस

हृदय रोगों, उनकी रोकथाम और वैश्विक प्रभाव के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व भर में 29 सितंबर को ‘विश्व हृदय दिवस’ का आयोजन किया जाता है। विश्व हृदय दिवस की स्थापना सर्वप्रथम वर्ष 1999 में ‘वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन’ (WHF) ने ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (WHO) के साथ मिलकर की थी और यह दिवस सर्वप्रथम वर्ष 2000 में आयोजित किया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा एकत्रित आँकड़ों के अनुसार, हृदय रोग (CVDs) के कारण प्रत्येक वर्ष लगभग 17.9 मिलियन लोगों की मृत्यु हो जाती है। इस प्रकार वैश्विक स्तर पर होने वाली कुल मौतों में 31 प्रतिशत मौतें हृदय संबंधी रोगों के कारण होती हैं। हृदय रोग (CVDs) संबंधी रोग मुख्य तौर पर तंबाकू, अस्वास्थ्यकर भोजन, शारीरिक गतिविधियों का अभाव और शराब के अत्यधिक उपयोग के कारण उत्पन्न होते हैं। इस दिवस का प्राथमिक उद्देश्य हृदय रोगों के संबंध में लोगों को शिक्षित करना है, ताकि तंबाकू का उपयोग, अस्वास्थ्यकर आहार और शारीरिक निष्क्रियता जैसे जोखिम वाले कारकों को नियंत्रित करके हृदय रोग से होने वाली कम-से-कम 80 प्रतिशत मौतों को रोका जा सके।

लता मंगेशकर 

28 सितंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विख्यात गायिका लता मंगेशकर को उनके जन्मदिवस पर शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि ‘लता मंगेशकर का मधुर स्वर एवं विनम्रता पूरे विश्व में उनकी विशेष पहचान है।’ प्रसिद्ध भारतीय प्लेबैक सिंगर लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को इंदौर (ब्रिटिश इंडिया) में हुआ था। लता मंगेशकर के लगभग छह दशक लंबे कॅरियर के दौरान 2,000 से अधिक भारतीय फिल्मों के साउंडट्रैक के लिये उनके गाने रिकॉर्ड किये गए हैं। लता मंगेशकर को बच्चपन से ही संगीत में काफी रुचि थी और मात्र 13 वर्ष की उम्र में ‘वसंत जोगलेकर’ की मराठी फिल्म ‘किटी हसाल’ के लिये उनका पहला गाना रिकॉर्ड किया गया था। उन्होंने 36 से अधिक क्षेत्रीय, भारतीय और विदेशी भाषाओं में गाने गाए हैं, जिसमें मराठी, हिंदी, बांग्ला और असमिया प्रमुख हैं। वर्ष 1989 में उन्हें भारत सरकार द्वारा ‘दादा साहब फाल्के’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 2001 में राष्ट्र में उनके योगदान हेतु उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान- ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया और एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी के बाद यह सम्मान प्राप्त करने वाली वह दूसरी गायिका हैं। इसके अलावा वर्ष 2007 में फ्राँस द्वारा उन्हें सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ऑफिसर ऑफ द लीज़न ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था।

वेवर सर्विसेज़ एंड डिज़ाइन रिसोर्स सेंटर 

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा हिमाचल प्रदेश के हस्तशिल्प उत्पादों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उनके निर्यात के लिये एक बेहतर मंच प्रदान करने हेतु ‘कुल्लू’ में ‘वेवर सर्विसेज़ एंड डिज़ाइन रिसोर्स सेंटर’ की स्थापना की जाएगी। इस बुनकर सेवा केंद्र में गुणवत्तापूर्ण नवीन डिज़ाइन तैयार करने के लिये आधुनिक उपकरण एवं प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस केंद्र में डिज़ाइन, गुणवत्ता, पैकेजिंग और मार्केटिंग के आधुनिकीकरण पर अधिक ध्यान दिया जाएगा, ताकि बुनकरों को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में अपने उत्पादों की बेहतर कीमत मिल सके। हिमाचल में हस्तशिल्प, हथकरघा एवं कारीगरों के कौशल उन्नयन की अपार संभावनाएँ हैं। गौरतलब है कि वर्तमान में राज्य में 13,572 पंजीकृत बुनकर हैं, जिनकी आजीविका बुनाई और कढ़ाई के कौशल पर निर्भर है। चंबा के रूमाल के साथ कुल्लू की शॉल एवं टोपी तथा किन्नौर की शॉल को जीआई टैग प्रदान किया गया है। 

विश्व रेबीज़ दिवस

रेबीज़ और इसकी रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रतिवर्ष 28 सितंबर को विश्व रेबीज़ दिवस मनाया जाता है। यह दिवस फ्रांँस के प्रसिद्ध जीवविज्ञानी ‘लुई पाश्चर’ की पुण्यतिथि के अवसर पर 28 सितंबर को मनाया जाता है, जिन्होंने पहला रेबीज़ टीका विकसित कर रेबीज़ की रोकथाम की नींव रखी थी। वर्ष 2021 के लिये इस दिवस की थीम- ‘रेबीज़: फैक्ट, नॉट फियर’ (Rabies: Facts, not Fear) रखी गई है। रेबीज़ एक विषाणु जनित रोग है। यह वायरस अधिकांशतः रेबीज़ से पीड़ित जानवरों जैसे- कुत्ता, बिल्ली, बंदर आदि की लार में मौजूद होता है। आँकड़ों के अनुसार, मनुष्यों के लगभग 99 प्रतिशत मामलों में रेबीज़ का कारण कुत्ते का काटना है। पागल जानवर के काटने और रेबीज़ के लक्षण दिखाई देने की समयावधि चार दिनों से लेकर दो वर्ष तक या कभी-कभी उससे भी अधिक हो सकती है। इसलिये घाव से वायरस को जल्द-से-जल्द हटाना ज़रूरी होता है।


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