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प्रीलिम्स फैक्ट्स : 3 मई, 2018

  • 03 May 2018
  • 8 min read

भारत में पेरॉल रिपोर्टिंग (Payroll Reporting)

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme) के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (Central Statistics Office - CSO) ने सितंबर 2017 से फरवरी 2018 तक की अवधि के लिये देश के रोज़गार आउटलुक (Employment Outlook) पर रिपोर्ट जारी की है। यह विशिष्ट आयामों में प्रगति का आकलन करने के लिये चुनी हुई सरकारी एजेंसियों के साथ उपलब्ध प्रशासनिक रिकॉर्ड पर आधारित है।

  • रोज़गार सांख्यिकी की इस श्रृंखला में यह पहली रिपोर्ट है।
  • यह रिपोर्ट नीति आयोग के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित रोज़गार डाटा में सुधार लाने पर गठित कार्यबल की अनुशंसाओं का परिणाम है जिसने अगस्त 2017 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
  • एक अनुशंसा उच्च बारंबारता रोज़गार आँकड़े तैयार करने के लिये प्रशासनिक सांख्यिकी के उपयोग की खोज करने से संबंधित है।
  • पहली रिपोर्ट में ईपीएफओ, ईएसआईसी एवं एनपीएस से प्रशासनिक रिकॉर्डों का उपयोग औपचारिक क्षेत्र में आँकड़ों को संकलित करने के लिये किया गया है और यह सितंबर 2017 से फरवरी 2018 की अवधि से संबंधित है।

प्रधानमंत्री वय वंदना योजना

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तीय समावेश और सामाजिक सुरक्षा के प्रति सरकारी प्रतिबद्धता के अंतर्गत प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) के तहत निवेश सीमा को 7.5 लाख रुपए से दोगुना कर 15 लाख रुपए करने का निर्णय लिया है।

  • इसके साथ-साथ इसकी सदस्यता की समय सीमा को 4 मई, 2018 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2020 करने की भी मंज़ूरी दी है।
  • इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों के लिये सामाजिक सुरक्षा पहलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मौजूदा योजना में प्रति परिवार 7.5 लाख रुपए की निवेश सीमा को बढ़ाकर संशोधित पीएमवीवीवाई में प्रति वरिष्ठ नागरिक 15 लाख रुपए कर दिया गया है।
  • इससे वरिष्ठ नागरिकों को प्रति माह 10,000 रुपए तक पेंशन मिल सकेगी।

पृष्ठभूमि

  • प्रधानमंत्री वय वंदना योजना वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना (2014) की तरह ही है, जिसे साल 2014-15 में लॉन्च किया गया था।
  • इस स्कीम को सबसे पहले यूनियन बजट 2003-04 (अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल) के दौरान लॉन्च किया गया था।
  • पीएमवीवीवाई को भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के ज़रिये क्रियान्वित किया जा रहा है, ताकि वृद्धावस्था में सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जा सके।
  • भारतीय नागरिक जो कि 60 वर्ष की उम्र से ऊपर के हैं, वो प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) में निवेश करने के पात्र हैं।
  • इसके साथ ही 60 साल एवं उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को अनिश्चित बाज़ार स्थितियों के चलते उनकी ब्याज आमदनी में किसी भी भावी कमी से उन्हें सुरक्षा प्रदान की जा सके।
  • इस स्कीम के तहत 10 साल तक प्रति वर्ष 8 प्रतिशत की गारंटीड रिटर्न दर के आधार पर एक निश्चित या आश्वासित पेंशन दी जाती है और इसमें मासिक/तिमाही/छमाही एवं वार्षिक आधार पर पेंशन का चयन करने का विकल्प दिया गया है।
  • रिटर्न में अंतर अर्थात् एलआईसी द्वारा सृजित रिटर्न और प्रति वर्ष 8 प्रतिशत के आश्वासित रिटर्न में अंतर को वार्षिक आधार पर सब्सिडी के रूप में भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

‘धड़कन’ एप

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (रुड़की) ने एक ऐसा मोबाइल एप तैयार किया है, जो हृदयाघात की आशंका होने पर मरीज़ और उसके चिकित्सक को पहले ही अलर्ट संदेश प्रेक्षित कर देगा। पूर्व जानकारी होने से समय रहते मरीज़ का जीवन बचाया जा सकेगा।

  • आईआईटी रुड़की के कंप्यूटेशनल बायोलॉजी ग्रुप ने ‘धड़कन’ नामक एक मोबाइल एप बनाया है।
  • इस एप के माध्यम से हृदय की समस्या से ग्रसित रहे मरीज़ों के रक्तचाप, हृदय गति की दर एवं वज़न में तीव्र बदलाव होने संबंधी जानकारी तत्काल प्रभाव से मरीज़ के डॉक्टर तक पहुँच जाएगी, जिससे समय रहते मरीज़ को बचाया जा सकता है।
  • इस एप को मरीज़ और उसका इलाज कर रहे डॉक्टर के मोबाइल पर डाउनलोड करना होगा।
  • आमतौर पर हार्ट फेल के खतरे से जूझ रहे मरीज़ों के रक्तचाप एवं हृदय गति की दर में एक सप्ताह में करीब दस फीसदी तक अंतर और वज़न एक किलो घट या बढ़ सकता है।
  • आवश्यक होने पर इसके ज़रिये मरीज़ चिकित्सक को ईसीजी रिपोर्ट भी भेज सकते हैं।

विजय प्रहार

इन दिनों सूरतगढ़ (राजस्थान) के समीप महाजन रेंज में युद्धाभ्यास 'विजय प्रहार' के ज़रिये राजस्थान में तैनात सेना की दक्षिण-पश्चिम कमान के 20 हज़ार सैनिक दुश्मन के परमाणु हमले से निपटने का अभ्यास कर रहे हैं।

  • इस दौरान थलसेना के सैनिकों को वायुसेना के साथ तालमेल बैठाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इस युद्ध्याभ्यास में अत्याधुनिक बहुउद्देश्यीय हथियारों का प्रयोग किया जा रहा है। 
  • युद्धाभ्यास पश्चिमी सीमा पर होने वाले किसी भी आक्रमण से निपटने के लिये किया जा रहा है।
  • इसमें वायुसेना और थलसेना के जवान संयुक्त ऑपरेशन में लड़ाकू विमानों, टैंकों व तोपों के साथ खुफिया सूचनाएँ, चौकसी व गहन सर्वेक्षण के बीच तालमेल बैठाने का अभ्यास कर रहे हैं। 
  • इस दौरान परमाणु हमले से निपटने हेतु सैटेलाइट, ड्रोन के उपयोग आदि का भी अभ्यास कराया जा रहा है।
  • इस दौरान परमाणु युद्ध के हालातों का सामना करने के लिये अपनाई जाने वाली नीतियों को बेहतर बनाया जाएगा।
  • इसके अलावा कमान के सैनिकों को फार्मेशन नेटवर्क केंद्रित वातावरण में अत्याधुनिक हथियारों के संवेदनशील उपकरणों का प्रयोग, लड़ाकू हेलिकॉप्टरों की तैनाती का भी अभ्यास कराया जा रहा है।
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