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हिमाचल त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग

  • 13 Sep 2023
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय आपदा टैग, मानसून, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, राष्ट्रीय आपदा आकस्मिकता निधि (NCCF), गंभीर आपदा

मेन्स के लिये:

हिमाचल त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

हाल ही में हिमाचल प्रदेश ने प्रधानमंत्री से राज्य में भारी बारिश से हुई त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का अनुरोध किया है।

  • मानसून 2023 में बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण हिमाचल प्रदेश को 10,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ और लगभग 418 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई।
  • गंभीर प्रकृति की आपदा की स्थिति में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष से अतिरिक्त केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है।

प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राज्यों की सहायता:

  •  "राष्ट्रीय आपदाओं" की कोई आधिकारिक या परिभाषित श्रेणी नहीं है।.  
  • इस प्रकृति की आपदाएँ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत आती हैं, जो ‘आपदा’ को ‘किसी भी क्षेत्र में प्राकृतिक या मानव निर्मित कारणों से, या दुर्घटना या लापरवाही से उत्पन्न होने वाली आपदा, दुर्घटना, विपत्ति या गंभीर घटना के रूप में परिभाषित करती है जिसके परिणामस्वरूप जीवन की हानि या मानव पीड़ा या क्षति तथा संपत्ति का विनाश या पर्यावरण की क्षति होती है जो प्रभावित क्षेत्र के समुदाय की मुकाबला करने की क्षमता से परे है’।
  • इस अधिनियम के तहत प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और संबंधित मुख्यमंत्रियों की अध्यक्षता में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) का गठन किया गया।
    • इस अधिनियम के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल का भी गठन किया गया। इसकी कई बटालियन या टीम हैं, जो कई राज्यों में ज़मीनी स्तर पर राहत और बचाव कार्य के लिये ज़िम्मेदार हैं।

राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) 

  • राष्ट्रीय आपदा राहत कोष:
    • NDRF का उल्लेख वर्ष 2005 के आपदा प्रबंधन अधिनियम में किया गया है।
    • गंभीर प्राकृतिक आपदा की स्थिति में NDRF किसी राज्य के SDRF के पूरक के रूप में कार्य करता है, बशर्ते SDRF में पर्याप्त धनराशि उपलब्ध न हो।
  • राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष:
    • SDRF का गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत किया गया है।
    • SDRF अधिसूचित आपदाओं की प्रतिक्रिया हेतु राज्य सरकारों के लिये उपलब्ध प्राथमिक धनराशि के रूप में राज्यों के पास मौजूद होता है।
    • केंद्र सरकार सामान्य राज्यों के मामले में SDRF में 75% और पूर्वोत्तर एवं हिमालयी राज्यों के संदर्भ में 90% का योगदान देती है।
    • नवंबर 2019 के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक प्रकाशन के अनुसार, "आपदा की स्थिति में बचाव, राहत और पुनर्वास उपायों के लिये मुख्य रूप से राज्य सरकार ज़िम्मेदार है," लेकिन इन्हें केंद्रीय सहायता से पूरा किया जा सकता है।
    • SDRF का उपयोग केवल चक्रवात, सूखा, भूकंप, आग, बाढ़, सुनामी, ओलावृष्टि, भूस्खलन, हिमस्खलन, बादल फटने, कीटों का हमला और शीत लहर जैसी अधिसूचित आपदाओं के पीड़ितों को तत्काल राहत प्रदान करने हेतु किया जाता है। 

गंभीर आपदा:

  • परिचय:
    • गंभीर आपदा से तात्पर्य महत्त्वपूर्ण परिमाण और तीव्रता की एक भयावह घटना या आपदा से है जो व्यापक क्षति, जीवन की हानि और सामान्य जीवन में व्यवधान का कारण बनती है।
    • जब किसी आपदा को ‘गंभीर’ घोषित किया जाता है, तो इस आपदा में राहत और वित्तीय सहायता के लिये एक विशिष्ट प्रक्रिया शुरू की जाती है।
  • भारत में आपदा राहत की प्रक्रिया: 
    • घोषणा: राज्य सरकार ने एक ज्ञापन प्रस्तुत किया है जिसमें आपदा से हुए नुकसान की सीमा और राहत कार्यों के लिये निधि की आवश्यकताओं का विवरण दिया गया है।
    • आकलन: एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम राहत प्रयासों के लिये ऑन द स्पॉट क्षति और धन की आवश्यकताओं का आकलन करेगी।
    • समिति द्वारा मूल्यांकन: समितियों को मूल्यांकन रिपोर्टों की जाँच करने के साथ ही एक उच्च-स्तरीय समिति को NDRF से जारी की जाने वाली तत्काल राहत की राशि को मंज़ूरी देनी होगी।
      • इसमें गृह मंत्रालय का आपदा प्रबंधन प्रभाग सहायता प्रदान करेगा और धन के उपयोग की निगरानी करेगा।
    • वित्तीय सहायता: SDRF अधिसूचित आपदाओं की प्रतिक्रिया के लिये राज्य सरकारों के पास उपलब्ध प्राथमिक निधि है। 
    • अतिरिक्त सहायता: यदि SDRF पर्याप्त नहीं है, तो NDRF से अतिरिक्त सहायता पर विचार किया जा सकता है जो पूरी तरह से केंद्र द्वारा वित्तपोषित है।
      • NDRF और SDRF के लिये धनराशि सरकार द्वारा बजटीय आवंटन के हिस्से के रूप में आवंटित की जाएगी।
    • ऋण राहत: राहत उपायों के तहत ऋणों के पुनर्भुगतान में राहत या प्रभावित व्यक्तियों को रियायती शर्तों पर नए ऋण का प्रावधान शामिल हो सकता है।
    • वित्त आयोग: वित्त आयोग द्वारा तत्काल राहत के लिये धनराशि की सिफारिश की जाएगी। 15वें वित्त आयोग (2021-22 से 2025-26 के लिये) ने पिछले व्यय, जोखिम (क्षेत्र और जनसंख्या) के खतरे तथा राज्यों की भेद्यता जैसे कारकों के आधार पर राज्य-वार आवंटन के लिये एक नई पद्धति अपनाई है।
    • धनराशि जारी करना: आपदा राहत के लिये केंद्रीय योगदान दो समान किश्तों में जारी किया जाएगा, जो उपयोग प्रमाण पत्र और राज्य सरकारों द्वारा की गई गतिविधियों पर रिपोर्ट के अधीन होता है।
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