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उत्तर प्रदेश

वाराणसी में SLCR परियोजना

  • 23 Aug 2024
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत और डेनमार्क सरकारों के बीच हरित रणनीतिक साझेदारी ने प्रमुख सहयोग को सुगम बनाया है, जिसके परिणामस्वरूप वाराणसी में स्वच्छ नदियों पर स्मार्ट प्रयोगशाला (SLCR) की स्थापना हुई है।

प्रमुख बिंदु

  • यह भारत सरकार (जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान - बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ((IIT-BHU) तथा डेनमार्क सरकार के बीच छोटी नदियों के पुनरुद्धार एवं प्रबंधन में उत्कृष्टता लाने के लिये एक अनूठी त्रिपक्षीय पहल है।
  • SLCR का उद्देश्य सतत् उपायों का उपयोग करके वरुणा नदी को बहाल करना है।
    • इसके लक्ष्यों में सरकारी एजेंसियों, शैक्षणिक संस्थानों और स्थानीय समुदायों के लिये ज्ञान का आदान-प्रदान करने तथा स्वच्छ नदी जल को बनाए रखने के लिये समाधान तैयार करने के लिये एक सहयोगी मंच स्थापित करना शामिल है
    • इस पहल में IIT-BHU में एक हाइब्रिड लैब मॉडल और वरुणा नदी पर एक जीवित प्रयोगशाला शामिल है, ताकि वास्तविक दुनिया के वातावरण में समाधानों का परीक्षण एवं पैमाना बनाया जा सके।
  • भारत-डेनमार्क संयुक्त संचालन समिति (JSC) SLCR के लिये सर्वोच्च मंच है जो रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करती है और प्रगति की समीक्षा करती है।
  • राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG), केंद्रीय जल आयोग (CWC), केंद्रीय भूजल बोर्ड (CGWB), IIT-BHU और डेनमार्क के शहरी क्षेत्र परामर्शदाता के सदस्यों वाली परियोजना समीक्षा समिति (PRC) परियोजना स्तर पर गुणवत्ता नियंत्रण की देख-रेख करेगी।
  • सहयोग के तहत चार परियोजनाएँ शुरू की जाएंगी:
    • पहली परियोजना में जल प्रबंधन के लिये निर्णय समर्थन प्रणाली (DSS) का निर्माण करना शामिल है, जिसे जल विज्ञान मॉडल, परिदृश्य निर्माण, पूर्वानुमान और डेटा विश्लेषण का उपयोग करके बेसिन जल गतिशीलता का विश्लेषण करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • दूसरी परियोजना उभरते प्रदूषकों के लक्षण-निर्धारण और फिंगरप्रिंट विश्लेषण पर केंद्रित है। इसमें प्रदूषकों की पहचान तथा मात्रा निर्धारित करने के लिये क्रोमैटोग्राफी एवं मास स्पेक्ट्रोमेट्री जैसी उन्नत विश्लेषणात्मक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
    • रिचार्ज साइट्स के लिये वरुणा बेसिन का हाइड्रोजियोलॉजिकल मॉडल चौथी परियोजना होगी। इसका उद्देश्य प्रबंधित जलभृत पुनर्भरण (MAR) के माध्यम से बेस फ्लो को बढ़ाना है।

वरुणा नदी

  • यह गंगा नदी की एक छोटी सहायक नदी है। यह प्रयागराज ज़िले के फूलपुर शहर से बहती है
    • यह वाराणसी ज़िले के सराय मोहना गाँव के पास गंगा नदी में मिल जाती है
  • 'वाराणसी' ज़िले का नाम दो नदियों, वरुणा और अस्सी नदियों के नाम से लिया गया है।
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