राजस्थान का लक्ष्य विद्युत और ऊर्जा में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना | 10 Jul 2024
चर्चा में क्यों?
राजस्थान सरकार ने विद्युत और ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिये वित्त वर्ष 2025 के अंत तक 30 गीगावाट (Gw) सौर ऊर्जा का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है।
मुख्य बिंदु
- मार्च 2024 में राज्य सरकार और नेवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NLC) इंडिया ने बीकानेर में 7,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के साथ 1,000 मेगावाट (Mw) सौर ऊर्जा संयंत्र तथा 125 मेगावाट लिग्नाइट-आधारित विद्युत संयंत्र स्थापित करने हेतु एक संयुक्त उद्यम बनाने के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- सरकार ने राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भरता में अग्रणी बनाने हेतु चार प्रमुख सौर परियोजनाओं के लिये भूमि को भी स्वीकृति दी।
- इन परियोजनाओं में बीकानेर में 2,450 मेगावाट के तीन सौर पार्क तथा फलौदी में 500 मेगावाट की एक परियोजना शामिल है।
- राज्य PM कुसुम सौर पंप संयंत्र को भी मज़बूत कर रहा है, जिससे 50,000 से अधिक खेतों में सौर पंप स्थापित करने और 200 मेगावाट विद्युत उत्पादन में सहायता मिलेगी।
- यह पहल नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने को भी प्रोत्साहित करती है और सौर ऊर्जा चालित पंपों के कार्यान्वयन के माध्यम द्वारा राज्य में कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
PM- कुसुम (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्तम महाभियान)
- PM- कुसुम योजना को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में ऑफ-ग्रिड सौर पंपों की स्थापना तथा इन क्षेत्रों में ग्रिड पर निर्भरता कम करने के लिये शुरू किया गया था।
- आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने फरवरी 2019 में वित्तीय और जल सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से इस योजना को शुरू करने को मंज़ूरी दी थी।
- सरकार के 2020-21 के बजट में इस योजना का दायरा बढ़ा दिया गया है, जिसके तहत 20 लाख किसानों को सौर पंप लगाने के लिये सहायता प्रदान की जाएगी; अन्य 15 लाख किसानों को उनके ग्रिड से जुड़े पंप सेटों को सौर ऊर्जा से चलाने के लिये सहायता दी जाएगी।
- इससे किसान अपनी बंजर भूमि पर सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता स्थापित कर सकेंगे और उसे ग्रिड को बेच सकेंगे।