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State PCS Current Affairs

राजस्थान

पोषण अभियान

  • 12 Mar 2025
  • 5 min read

चर्चा में क्यों? 

8 मार्च 2025 को पोषण अभियान ने अपने सात वर्ष पूरे किये, जिसके तहत देशभर में पोषण स्तर सुधारने और कुपोषण उन्मूलन के लिये उल्लेखनीय प्रयास किये गए।

मुख्य बिंदु

  •  पोषण अभियान के बारे में:
    • पोषण अभियान (पूर्ववर्ती राष्ट्रीय पोषण मिशन) का शुभारंभ प्रधानमंत्री द्वारा 8 मार्च, 2018 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राजस्थान के झुंझुनू से किया गया था 
    • यह लक्षित एवं एकीकृत दृष्टिकोण के माध्यम से किशोरियों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं एवं बच्चों (0-6 वर्ष) की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने पर केंद्रित है।
  • उद्देश्य: 
    • इसका उद्देश्य स्टंटिंग, कुपोषण, एनीमिया (छोटे बच्चों, महिलाओं एवं किशोरियों में) को कम करना तथा जन्म के समय कम वज़न वाले बच्चों की संख्या में कमी लाना है।
  • रणनीतिक स्तंभ: इसका क्रियान्वयन चार रणनीतिक स्तंभों पर आधारित है:
    • गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ: बालक के आरंभिक 1,000 दिनों पर ध्यान केंद्रित करते हुए ICDS, NHM और PMMVY के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण करना।
    • क्षेत्रों के बीच समन्वय: समग्र पोषण के लिये जल एवं स्वच्छता जैसे मंत्रालयों के प्रयासों में समन्वय करना।
    • प्रौद्योगिकी: वास्तविक समय में आँकड़ों और निगरानी के लिये पोषण ट्रैकर का उपयोग करना  है तथा आँगनवाड़ी सेवाओं के वितरण का सुदृढ़ीकरण  के लिये ICDS-कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाना।
    • जन आन्दोलन: समुदाय द्वारा संचालित पोषण जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देना।
  • अभियान की प्रमुख उपलब्धियाँ
    • दिसंबर 2023 के पोषण ट्रैकर के आँकड़ों के अनुसार, छह वर्ष से कम आयु के लगभग 7.44 करोड़ बच्चों का मूल्यांकन किया गया, जिसमें 36% बच्चे बौने (Stunted), 17% बच्चे कम वजन (Underweight) के और 5 वर्ष से कम आयु के 6% बच्चे कमज़ोर (Wasted) पाए गए।
    • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (NFHS-5) 2019-21 की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, NFHS-4 (2015-16) की तुलना में पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों के पोषण संकेतकों में सुधार दर्ज किया गया है—
      • बौनापन 38.4% से घटकर 35.5% हो गया।
      • कुपोषण 21.0% से घटकर 19.3% हो गया।
      • कम वजन का प्रचलन 35.8% से घटकर 32.1% हो गया।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)

  • NHM को भारत सरकार द्वारा 2013 में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (2005 में शुरू) और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (2013 में शुरू) को सम्मिलित करके शुरू किया गया था।
  • मुख्य कार्यक्रम घटकों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रजनन-मातृ-नवजात-शिशु और किशोर स्वास्थ्य (RMNCH+A), तथा संचारी और गैर-संचारी रोगों के लिये स्वास्थ्य प्रणाली को सुदृढ़ बनाना शामिल है।
  • NHM का लक्ष्य समतापूर्ण, किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करना है , जो लोगों की आवश्यकताओं के प्रति जवाबदेह और उत्तरदायी हों।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)

  • PMMVY एक मातृत्व लाभ कार्यक्रम है जिसे 1 जनवरी, 2017 से देश के सभी ज़िलों में क्रियान्वित किया जा रहा है।
  • यह एककेंद्र प्रायोजित योजना है जिसका क्रियान्वयन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
  • प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना:
    • गर्भवती महिलाओं को उनकी बढ़ी हुई पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने तथा मज़दूरी की हानि की आंशिक भरपाई के लिये सीधे उनके बैंक खाते में नकद लाभ प्रदान किया जाता है।
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