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उत्तर प्रदेश

NMCG की 59वीं कार्यकारी समिति की बैठक

  • 01 Jan 2025
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) की 59वीं कार्यकारी समिति (EC) की बैठक में गंगा नदी के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिये समर्पित कई महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं को मंज़ूरी दी गई।

  • इन पहलों का उद्देश्य नदी की स्वच्छता, सतत् विकास तथा पर्यावरणीय एवं सांस्कृतिक महत्त्व के संरक्षण को बढ़ावा देना है।

मुख्य बिंदु

  • उत्तर प्रदेश में परियोजनाएँ:
  • मानिकपुर परियोजना:
  • बिहार में नदी संरक्षण:
    • बक्सर परियोजना:
      • 50 मिलियन लीटर क्षमता वाले STP और सहायक संरचना का निर्माण।
      • इसमें प्रकृति आधारित 1 मिलियन लीटर क्षमता वाला STP, तीन इंटरसेप्शन पंपिंग स्टेशन और 8.68 किमी. सीवर नेटवर्क शामिल है।
      • 15 वर्षों के लिये सुदृढ़ प्रचालन एवं रखरखाव सुनिश्चित करना तथा स्थायी नदी संरक्षण प्रयासों को आगे बढ़ाना।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG)

  • परिचय:
    • 12 अगस्त, 2011 को NMCG को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत एक सोसायटी के रूप में सूचीबद्ध किया गया।
    • यह राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (NGRBA) की कार्यान्वयन शाखा के रूप में कार्य करता है, जिसका गठन पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम (EPA), 1986 के प्रावधानों के तहत किया गया था।
      • NGRBA को वर्ष 2016 में निरस्त कर दिया गया और उसके स्थान पर राष्ट्रीय गंगा पुनरुद्धार, संरक्षण एवं प्रबंधन परिषद का गठन किया गया।
  • उद्देश्य:
    • NMCG का उद्देश्य प्रदूषण को कम करना और गंगा नदी का पुनर्जीवन सुनिश्चित करना है।
      • नमामि गंगे, गंगा की सफाई के लिये NMCG के प्रतिष्ठित कार्यक्रमों में से एक है।
    • इसे व्यापक योजना एवं प्रबंधन के लिये अंतर-क्षेत्रीय समन्वय को बढ़ावा देकर तथा नदी में न्यूनतम पारिस्थितिक प्रवाह को बनाए रखकर प्राप्त किया जा सकता है, जिसका उद्देश्य जल की गुणवत्ता और पर्यावरणीय रूप से सतत् विकास सुनिश्चित करना है।


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