नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य | 13 Mar 2025
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश में भारतीय भेड़ियों को रेडियो कॉलर पहनाया जाएगा, जिससे उनके आवास, खानपान और व्यवहार पर शोध करने में सहायता मिलेगी।
मुख्य बिंदु
- मुद्दे के बारे में:
- NTCA से अनुमति मिलते ही नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य में अलग-अलग झुंडों के तीन भेड़ियों को रेडियो कॉलर लगाया जाएगा।
- इसके लिये फरवरी 2024 में जबलपुर स्थित राज्य वन अनुसंधान संस्थान द्वारा दो वर्षीय अध्ययन शुरू किया गया था।
- उद्देश्य
- इस शोध का उद्देश्य भेड़ियों के जीवन, उनके भोजन, आवास, दिनचर्या और बाघ तथा तेंदुए जैसे जानवरों के साथ उनके सह-अस्तित्व के बारे में जानना है।
- मध्य प्रदेश में भेड़ियों की स्थिति:
- वर्ष 2022 में देशभर में भेड़ियों की गणना की गई, जिसमें सबसे ज़्यादा भेड़ियों की संख्या के साथ मध्य प्रदेश ने पहला स्थान प्राप्त किया।
- गणना के अनुसार, भारत में कुल 3170 भेड़िये थे, जिनमें से 20% यानी 772 भेड़िये अकेले मध्य प्रदेश में पाए गए।
- नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य
- नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा वन्यजीव अभयारण्य है।
- यह अभयारण्य मध्य प्रदेश के तीन जिलों सागर, दमोह और नरसिंहपुर में लगभग 1197 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है।
- यह संरक्षित क्षेत्र भारत की दो प्रमुख नदी घाटियों, नर्मदा और गंगा के तट पर स्थित है।
- यह भारतीय भेड़िये (कैनिस ल्यूपस पैलिप्स) का प्राकृतिक आवास है, जो ग्रे वुल्फ की एक उप-प्रजाति है।
- वर्ष 1975 में इसे भेड़ियों के संरक्षण के लिए प्रदेश का सबसे बड़ा अभयारण्य का दर्जा दिया गया था।
- नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य को चीतों के लिये भी उपयुक्त क्षेत्र माना गया है, इसलिए इसे एक साल पहले टाइगर रिज़र्व का दर्जा दिया गया था।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय (Statutory Body) है।
- इसकी स्थापना वर्ष 2006 में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों में संशोधन करके की गई। प्राधिकरण की पहली बैठक नवंबर 2006 में हुई थी।
- यह राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के प्रयासों का ही परिणाम है कि देश में विलुप्त होते बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।