मध्य प्रदेश
नेशनल लोक अदालत
- 10 Mar 2025
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चर्चा में क्यों?
8 मार्च 2025 को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेश पर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।
मुख्य बिंदु
- मुद्दे के बारे में
- इस नेशनल लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003, धारा 135 के तहत लंबित बिजली चोरी एवं अनियमितता के मामलों को आपसी समझौते के माध्यम से निपटाने का अवसर प्रदान किया गया।
- ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ताओं से कानूनी कार्यवाही से बचने और छूट का लाभ उठाने के लिये संबंधित बिजली कार्यालय से संपर्क करने की अपील की।
- छूट का दायरा एवं पात्रता
- निम्न दाब श्रेणी के घरेलू, कृषि, 5 किलोवाट तक के गैर-घरेलू एवं 10 हॉर्स पावर तक के औद्योगिक उपभोक्ता इस योजना के अंतर्गत आएंगे।
- केवल पहली बार बिजली चोरी/अनधिकृत उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को ही छूट मिलेगी।
- पूर्व में लोक अदालत/न्यायालय से छूट प्राप्त उपभोक्ताओं को दोबारा छूट नहीं मिलेगी।
- सामान्य बिजली बिलों की बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी।
लोक अदालत
- परिचय:
- 'लोक अदालत' शब्द का अर्थ 'पीपुल्स कोर्ट' है और यह गांधीवादी सिद्धांतों पर आधारित है।
- सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार, यह प्राचीन भारत में प्रचलित न्यायनिर्णयन प्रणाली का एक पुराना रूप है और वर्तमान में भी इसकी वैधता बरकरार है।
- यह वैकल्पिक विवाद समाधान (ADR) प्रणाली के घटकों में से एक है जो आम लोगों को अनौपचारिक, सस्ता और शीघ्र न्याय प्रदान करता है।
- पहला लोक अदालत शिविर वर्ष 1982 में गुजरात में एक स्वैच्छिक और सुलह एजेंसी के रूप में बिना किसी वैधानिक समर्थन के निर्णयों हेतु आयोजित किया गया था।
- समय के साथ इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए इसे कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत वैधानिक दर्ज़ा दिया गया था। यह अधिनियम लोक अदालतों के संगठन और कामकाज़ से संबंधित प्रावधान करता है।