नालंदा विश्वविद्यालय | 18 Jun 2024
चर्चा में क्यों
भारत के प्रधानमंत्री बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन करेंगे।
मुख्य बिंदु:
- इस विश्वविद्यालय की परिकल्पना भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) देशों के बीच संयुक्त सहयोग के रूप में की गई है।
- यह परिसर एक ‘नेट ज़ीरो’ ग्रीन परिसर है। यह एक सौर संयंत्र, घरेलू और पेयजल उपचार संयंत्र, अपशिष्ट जल के पुनः उपयोग के लिये जल पुनर्चक्रण संयंत्र, 100 एकड़ क्षेत्रफल वाले जल निकाय एवं कई अन्य पर्यावरण अनुकूल सुविधाओं के लैस और आत्मनिर्भर है।
- लगभग 1600 वर्ष पूर्व स्थापित मूल नालंदा विश्वविद्यालय को विश्व के प्रथम आवासीय विश्वविद्यालयों में से एक माना जाता है।
- नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष/खंडहरों को संयुक्त राष्ट्र धरोहर स्थल घोषित किया गया।
- पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन:
- EAS की स्थापना वर्ष 2005 में दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN) के नेतृत्व वाली पहल के रूप में की गई थी।
- EAS हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एकमात्र नेतृत्वकारी मंच है जो सामरिक महत्त्व के राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिये सभी प्रमुख साझेदार राष्ट्रों को एक साथ संगठित करता है।
- EAS स्पष्टता, समावेशिता, अंतर्राष्ट्रीय कानून के प्रति सम्मान, ASEAN की केंद्रीयता तथा प्रेरक शक्ति के रूप में ASEAN की भूमिका के सिद्धांतों पर कार्य करता है।