अंतर्राष्ट्रीय संबंध
नेट ज़ीरो इनोवेशन वर्चुअल सेंटर
- 29 Apr 2023
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प्रिलिम्स के लिये:नेट ज़ीरो इनोवेशन वर्चुअल सेंटर, भारत-यूके विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग, भारत का नेट ज़ीरो लक्ष्य। मेंस के लिये:भारत-यूके संबंध, भारत का नेट ज़ीरो/शुद्ध शून्य उत्सर्जन लक्ष्य। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत-यूके विज्ञान और नवाचार परिषद की बैठक में, भारत और यूनाइटेड किंगडम ने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय लक्ष्यों को संबोधित करने के उद्देश्य से 'नेट ज़ीरो' इनोवेशन वर्चुअल सेंटर की स्थापना की घोषणा की।
नेट ज़ीरो इनोवेशन वर्चुअल सेंटर क्या है?
- यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के लिये भारत और यूके की एक संयुक्त पहल है।
- यह दोनों देशों के हितधारकों को एक साथ लाने के लिये एक फोरम प्रदान करेगा ताकि कुछ फोकस क्षेत्रों जैसे निर्माण प्रक्रिया और परिवहन प्रणालियों के डीकार्बोनाइजेशन तथा नवीकरणीय स्रोत के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन पर काम किया जा सके।
- यह उत्सर्जित और वातावरण से रिमूव किये गए ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा को संतुलित करते हुए शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लक्ष्य का समर्थन करेगा।
- यह दोनों देशों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान, नवाचार, अनुसंधान और विकास, क्षमता निर्माण तथा नीतिगत संवाद की सुविधा भी प्रदान करेगा।
बैठक के मुख्य हाइलाइट्स:
- भारत-यूके विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग:
- यूके भारत के दूसरे सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान और नवाचार भागीदार के रूप में उभरा है।
- भारत और यूके के बीच संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रम लगभग शून्य से बढ़कर 300-400 मिलियन पाउंड के करीब पहुँच गया है।
- भारत की आर्थिक और तकनीकी क्षमताएंँ:
- भारत अपनी असाधारण तकनीकी और नवीन क्षमताओं से संचालित एक आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है, विशेष रूप से कोविड वैक्सीन की सफलता के बाद।
- ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा केंद्रीय स्तंभ है जहाँ भारत सौर गठबंधन और स्वच्छ ऊर्जा मिशन जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से पहले ही नेतृत्व कर चुका है।
- भारत कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिये पर्यावरण प्रदूषण और तकनीकी-आधारित मार्गों के समाधान तथा निगरानी समाधान विकसित करने की दिशा में निरंतर प्रयासों के माध्यम से महत्वाकांक्षी शुद्ध-शून्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये प्रतिबद्ध है।
- उद्योग-अकादमिक सहयोग:
- यह सहयोग दोनों देशों के आर्थिक विकास के लिये एक साथ नए उत्पादों/प्रक्रियाओं को विकसित करने के लिये भारतीय और यूके शिक्षा तथा उद्योग के लिये एक अवसर प्रदान करेगा।
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