काँवड़ यात्रा | 23 Jul 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों के विवादास्पद आदेशों पर रोक लगा दी, जिसके तहत काँवड़ यात्रा (पवित्र यात्रा) के मार्ग पर स्थित होटलों, दुकानों, भोजनालयों और ढाबों पर मालिकों के नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया गया था।
मुख्य बिंदु
- काँवड़ यात्रा भगवान शिव के भक्तों द्वारा श्रावण माह में की जाने वाली एक हिंदू तीर्थयात्रा है।
- भक्तगण उत्तराखंड में हरिद्वार, गौमुख, गंगोत्री, बिहार में सुल्तानगंज, उत्तर प्रदेश में प्रयागराज, अयोध्या और वाराणसी जैसे तीर्थ स्थानों की यात्रा करते हैं तथा शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिये काँवड़ में गंगा जल लेकर लौटते हैं।
- जल को शिव मंदिरों में चढ़ाया जाता है, जिसमें भारत के 12 ज्योतिर्लिंग और उत्तर प्रदेश में पुरा महादेव मंदिर तथा औघड़नाथ, प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर एवं झारखंड के देवघर में बाबा बैद्यनाथ मंदिर जैसे अन्य मंदिर शामिल हैं। इस अनुष्ठान को जल अभिषेक के नाम से जाना जाता है।
12 ज्योतिर्लिंग
- ज्योतिर्लिंग एक तीर्थस्थल है जहाँ भगवान शिव की ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा की जाती है।
- प्रत्येक ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का एक अलग स्वरूप है।
- वर्तमान में भारत में 12 मुख्य ज्योतिर्लिंग हैं। ये हैं:
- गिर, गुजरात में सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
- श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश में मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
- मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
- मध्य प्रदेश के खंडवा में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
- देवघर, झारखंड में बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
- महाराष्ट्र में भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
- तमिलनाडु के रामेश्वरम में रामनाथस्वामी ज्योतिर्लिंग
- गुजरात के द्वारका में नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
- काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
- त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग नासिक, महाराष्ट्र में है
- रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड में केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
- महाराष्ट्र के औरंगाबाद में घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग