उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन में 10 गुना वृद्धि
- 01 Apr 2025
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने घोषणा की कि पिछले 8 वर्षों में राज्य में सौर ऊर्जा उत्पादन में 10 गुना वृद्धि हुई है।
मुख्य बिंदु
- मुद्दे के बारे में:
- उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (UPNEDA) ने वर्तमान सरकार के 8 वर्ष पूरे होने के अवसर पर यह जानकारी दी।
- वर्ष 2017 में राज्य में सौर ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता 288 मेगावाट थी, जो 2025 में बढ़कर 2653 मेगावाट हो गई है।
- उत्तर प्रदेश के सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रयास:
- सौर ऊर्जा नीति – 2022:
- 5 वर्षों में 22 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य।
- यह नीति भविष्य में जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से बनाई गई है।
- बुंदेलखंड में सौर ऊर्जा पार्क:
- बुंदेलखंड क्षेत्र में 4,000 मेगावाट क्षमता का सौर पार्क विकसित किया जा रहा है।
- चित्रकूट, बाँदा और अन्य क्षेत्रों में 800 मेगावाट की सौर परियोजनाओं का विकास।
- रूफटॉप और फ्लोटिंग सोलर प्लांट:
- 508 मेगावाट सोलर रूफटॉप परियोजनाएँ घरों की छतों पर स्थापित की जा चुकी हैं।
- उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के तहत प्रदेशवासियों को सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
- सोलर रूफटॉप इंस्टालेशन में गुजरात और महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है।
- औरया के दिबियापुर में प्रदेश का पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाया गया है और ललितपुर में 1 गीगावॉट क्षमता का फ्लोटिंग सोलर प्लांट स्थापित किया जा रहा है
- सौर ऊर्जा नीति – 2022:
सौर ऊर्जा के बारे में:
- सौर ऊर्जा, जिसे सूर्य से प्राप्त ऊर्जा के रूप में जाना जाता है, एक स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा स्रोत है। यह सौर प्रौद्योगिकी के माध्यम से उपयोग की जाती है, जो मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है:
- सौर तापीय: इसमें सूर्य की ऊष्मा का उपयोग पानी को गर्म करने के लिये किया जाता है।
- सौर फोटोवोल्टिक (पीवी): इसमें सूर्य की किरणों को विद्युत ऊर्जा में बदलने के लिये फोटोवोल्टिक प्रभाव का उपयोग किया जाता है।
- सौर ऊर्जा का उपयोग:
- सौर प्रौद्योगिकियाँ मापनीय और लचीली होती हैं, जो पूरे शहर को सौर फार्मों के माध्यम से बिजली प्रदान कर सकती हैं।
- विकेंद्रीकृत प्रणालियों के द्वारा दूरदराज़ क्षेत्रों में भी बिजली की आपूर्ति की जा सकती है।
- छतों पर सौर पैनल लगाकर घरों और वाणिज्यिक भवनों को ऊर्जा प्रदान की जा सकती है।
- उदाहरण: कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा एक ऐसा उदाहरण है जहाँ सौर ऊर्जा का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है।
- सौर ऊर्जा के महत्त्व:
- जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता में कमी।
- कार्बन उत्सर्जन को कम करना।
- वायु गुणवत्ता में सुधार।
- ऊर्जा तक पहुँच और सुरक्षा को बढ़ावा देना।
उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण
- उत्तर प्रदेश सरकार ने अप्रैल 1983 में वैकल्पिक ऊर्जा विकास संस्थान की स्थापना की थी, जो एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में कार्यरत था।
- बाद में इस संस्था का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (UPNEDA) रखा गया।
- यह अभिकरण प्रदेश में विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये स्टेट नोडल एजेंसी के रूप में भी कार्य करता है।