उत्तर प्रदेश
डॉ. अंबेडकर की पुण्यतिथि
- 09 Dec 2024
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश के नेताओं ने दलित आइकन और भारत के पहले विधि मंत्री डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर, जिन्होंने भारतीय संविधान की प्रारूप समिति का नेतृत्व किया था, को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर एक प्रमुख भारतीय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ थे।
- उनका जन्म 14 अप्रैल, 1891 को महू, मध्य प्रदेश में हुआ था।
- उनके पिता, सूबेदार रामजी मालोजी सकपाल, एक सुशिक्षित व्यक्ति और संत कबीर के अनुयायी थे।
- शिक्षा:
- अंबेडकर ने बॉम्बे विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और आगे की पढ़ाई के लिये न्यूयॉर्क में कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स चले गए।
- योगदान:
- वर्ष 1924 में उन्होंने दलित वर्गों के कल्याण के लिये एक एसोसिएशन की शुरुआत की और 1927 में दलित वर्गों के हितों को संबोधित करने के लिये उन्होंने बहिष्कृत भारत समाचार पत्र शुरू किया।
- उन्होंने मार्च 1927 में महाड सत्याग्रह का भी नेतृत्व किया।
- उन्होंने तीनों गोलमेज सम्मेलनों में भाग लिया।
- वर्ष 1932 में, डॉ. अंबेडकर ने महात्मा गांधी के साथ पूना पैक्ट पर हस्ताक्षर किये, जिसने दलित वर्गों के लिये पृथक निर्वाचिक मंडल (कम्युनल अवार्ड) के विचार को त्याग दिया।
- वर्ष 1936 में उन्होंने दलित वर्गों के हितों की रक्षा के लिये इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी का गठन किया।
- वर्ष 1942 में डॉ. अंबेडकर को भारत के गवर्नर जनरल की कार्यकारी परिषद में श्रम सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया और वर्ष 1946 में बंगाल से संविधान सभा के लिये चुने गए।
- वह प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे और उन्हें भारतीय संविधान के जनक के रूप में याद किया जाता है।
- वर्ष 1947 में डॉ. अंबेडकर स्वतंत्र भारत के पहले मंत्रिमंडल में विधि मंत्री बने।
- वर्ष 1951 में हिंदू कोड बिल पर मतभेद के कारण उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।
- वर्ष 1924 में उन्होंने दलित वर्गों के कल्याण के लिये एक एसोसिएशन की शुरुआत की और 1927 में दलित वर्गों के हितों को संबोधित करने के लिये उन्होंने बहिष्कृत भारत समाचार पत्र शुरू किया।
- अतिरिक्त विवरण:
- बाद में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया। 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हो गया, जिसे महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- चैत्य भूमि मुंबई में स्थित बी.आर. अंबेडकर का स्मारक है।
- उन्हें वर्ष 1990 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।
- बाद में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया। 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हो गया, जिसे महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।