भारतीय इतिहास
66वाँ महापरिनिर्वाण दिवस
- 07 Dec 2022
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प्रिलिम्स के लिये:महापरिनिर्वाण दिवस, बौद्ध धर्म, बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर, गोलमेज सम्मेलन मेन्स के लिये:डॉ. भीमराव अंबेडकर का संक्षिप्त परिचय एवं भारतीय समाज में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री ने महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और देश के लिये उनकी अनुकरणीय सेवा को याद किया।
परिनिर्वाण दिवस क्या है?
- परिनिर्वाण जिसे बौद्ध धर्म के लक्ष्यों के साथ-साथ एक प्रमुख सिद्धांत भी माना जाता है, यह एक संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ है मृत्यु के बाद मुक्ति अथवा मोक्ष है।
- बौद्ध ग्रंथ महापरिनिब्बाण सुत्त (Mahaparinibbana Sutta) के अनुसार, 80 वर्ष की आयु में हुई भगवान बुद्ध की मृत्यु को मूल महापरिनिर्वाण माना जाता है।
- यह 6 दिसंबर को डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा दिये गए सामाजिक योगदान और उनकी उपलब्धियों को याद करने के लिये मनाया जाता है। बौद्ध नेता के रूप में डॉ. अंबेडकर की सामाजिक स्थिति के कारण उनकी पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में जाना जाता है।
डॉ. भीमराव अंबेडकर:
- परिचय:
- बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म वर्ष 1891 में महू, मध्य प्रांत (अब मध्य प्रदेश) में हुआ था।
- उन्हें ‘भारतीय संविधान का जनक’ माना जाता है और वह भारत के पहले कानून मंत्री थे।
- वह संविधान निर्माण की मसौदा समिति के अध्यक्ष थे।
- डॉ. अंबेडकर एक समाज सुधारक, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, लेखक, बहुभाषाविद, मुखर वक्ता, विद्वान और धर्मों के विचारक थे।
- उन्होंने तीनों गोलमेज सम्मेलनों (Round Table Conferences) में भाग लिया।
- वर्ष 1932 में डॉ. अंबेडकर ने महात्मा गांधी के साथ पूना पैक्ट पर हस्ताक्षर किये, जिससे उन्होंने दलित वर्गों (सांप्रदायिक पंचाट) हेतु पृथक निर्वाचन मंडल की मांग के विचार को छोड़ दिया।
- हालाँकि प्रांतीय विधानमंडलों में दलित वर्गों के लिये सुरक्षित सीटों की संख्या 71 से बढ़ाकर 147 कर दी गई तथा केंद्रीय विधानमंडल (Central Legislature) में दलित वर्गों की सुरक्षित सीटों की संख्या में 18 प्रतिशत की वृद्धि की गई।
- हिल्टन यंग कमीशन (Hilton Young Commission) के समक्ष प्रस्तुत उनके विचारों ने भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) की नींव रखने का कार्य किया।
- उन्होंने वर्ष 1951 में हिंदू कोड बिल पर मतभेदों के कारण कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।
- उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया। 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हो गया। चैत्य भूमि मुंबई में स्थित भीमराव अंबेडकर का स्मारक है।
- वर्ष 1936 में वे विधायक (MLA) के रूप में बॉम्बे विधानसभा (Bombay Legislative Assembly) के लिये चुने गए।
- वर्ष 1942 में उन्हें एक कार्यकारी सदस्य के रूप में वायसराय की कार्यकारी परिषद में नियुक्त किया गया था।
- वर्ष 1947 में डॉ. अंबेडकर ने स्वतंत्र भारत के पहले मंत्रिमंडल में कानून मंत्री बनने हेतु प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निमंत्रण को स्वीकार किया।
- हिंदू कोड बिल (Hindu Code Bill) पर मतभेद को लेकर उन्होने वर्ष 1951 में कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।
- उन्होंने बौद्ध धर्म को स्वीकार कर लिया तथा 6 दिसंबर, 1956 (महापरिनिर्वाण दिवस) को उनका निधन हो गया।
महत्त्वपूर्ण कार्य:
- पत्रिकाएँ:
- मूकनायक (1920)
- बहिष्कृत भारत (1927)
- समता (1929)
- जनता (1930)
- पुस्तकें:
- जाति प्रथा का विनाश
- बुद्ध या कार्ल मार्क्स
- अछूत: वे कौन थे और अछूत कैसे बन गए
- बुद्ध और उनका धम्म
- हिंदू महिलाओं का उदय और पतन
- संगठन:
- बहिष्कृत हितकारिणी सभा (1923)
- स्वतंत्र लेबर पार्टी (1936)
- अनुसूचित जाति फेडरेशन (1942)
- मृत्यु:
- 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हुआ।
- मुंबई में स्थित चैत्य भूमि बी. आर. अंबेडकर का स्मारक है।
- 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हुआ।
- वर्तमान समय में अंबेडकर की प्रासंगिकता:
- भारत में जाति आधारित असमानता अभी भी कायम है, जबकि दलितों ने आरक्षण के माध्यम से एक राजनीतिक पहचान हासिल कर ली है और अपने स्वयं के राजनीतिक दलों का गठन किया है, किंतु सामाजिक आयामों (स्वास्थ्य और शिक्षा) तथा आर्थिक आयामों का अभी भी अभाव है।
- सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और राजनीति के सांप्रदायिकरण का उदय हुआ है। यह आवश्यक है कि संवैधानिक नैतिकता की अंबेडकर की दृष्टि को भारतीय संविधान में स्थायी क्षति से बचाने के लिये धार्मिक नैतिकता का समर्थन किया जाना चाहिये।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):प्रिलिम्सप्रश्न. निम्नलिखित में से किन दलों की स्थापना डॉ. बी आर अंबेडकर ने की थी? (2012)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: B
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है। मेन्सप्रश्न: अपसारी उपगामों और रणनीतियों के होने के बावजूद, महात्मा गाँधी और डॉ. बी. आर. अम्बेडकर का दलितों की बेहतरी का एक समान लक्ष्य था। स्पष्ट कीजिये। (2015) |