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State PCS Current Affairs

उत्तर प्रदेश

धनौरी आर्द्रभूमि

  • 27 Jan 2025
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने उत्तर प्रदेश सरकार को जेवर हवाई अड्डे के पास धनौरी जलाशय को आर्द्रभूमि के रूप में अधिसूचित करने की स्थिति की जानकारी चार सप्ताह के भीतर  प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य सरकार का दृष्टिकोण:
    • उत्तर प्रदेश के अधिवक्ता ने कहा कि सरकार धनौरी को आद्रभूमि के रूप में अधिसूचित करने की प्रक्रिया में है।
    • NGT पीठ ने अधिसूचना प्रक्रिया पूरी करने के लिये तीन महीने की आवश्यकता पर सवाल उठाया, जबकि स्थल को पहले ही आर्द्रभूमि का दर्जा देने के लिये चिन्हित किया जा चुका है।
  • प्रभागीय वन अधिकारी (DFO):
    • गौतमबुद्ध नगर के DFO ने हलफनामे के जरिये NGT को बताया कि प्रस्तावित धनौरी आर्द्रभूमि 112.89 हेक्टेयर में फैला है।
    • इस क्षेत्र में मुख्य रूप से गौतम बुद्ध नगर की सदर तहसील के धनौरी कलाँ, ठसराना और अमीपुर बांगर गाँवों में स्थित निजी स्वामित्व वाली भूमि शामिल है। 
    • DFO ने आगे की कार्यवाही करने से पहले भूमि मालिकों से परामर्श करने तथा उनकी सहमति प्राप्त करने के लिये तीन महीने का समय मांगा।
  • आर्द्रभूमि अधिसूचना और रामसर स्थल प्रक्रिया:
    • राज्य सरकारें संरक्षण के लिये झीलों और जल निकायों को आर्द्रभूमि के रूप में अधिसूचित कर सकती हैं।
    • रामसर स्थल के नामकरण के लिये राज्य सरकारों की सिफारिशों के आधार पर केंद्र सरकार से अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
    • पारिस्थितिकी और जैवविविधता मानदंडों के अंतर्गत योग्य आर्द्रभूमियों की पहचान वर्ष 1971 की अंतर्राष्ट्रीय रामसर अभिसमय संधि के तहत की जाती है, जो विशेष संरक्षण उपायों को सुनिश्चित करती है।

धनौरी आर्द्रभूमि



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