उत्तर प्रदेश
सारस क्रेन की संख्या में वृद्धि
- 11 Jul 2024
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चर्चा में क्यों?
राज्य वन विभाग द्वारा की गई गणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश में सारस क्रेन की संख्या बढ़ रही है।
मुख्य बिंदु:
- सर्वेक्षण से पता चला कि इटावा वन प्रभाग में सारस क्रेन की संख्या सबसे अधिक 3,289 दर्ज की गई, जो कि 500 अधिक है।
- जबकि मऊ वन प्रभाग ने एक दशक में पहली बार छह सारस क्रेन देखे।
- उत्तर प्रदेश में सारस क्रेन की संख्या पिछले कुछ वर्षों में निरंतर बढ़ी है और वर्ष 2021 में 17,329 से बढ़कर वर्ष 2022 में 19,188, वर्ष 2023 में 19,522 तथा वर्ष 2024 में 19,918 हो गई है।
सारस क्रेन
- सारस क्रेन का वैज्ञानिक नाम ग्रस एंटीगोन (Grus Antigone) है।
- यह विश्व का सबसे बड़ा उड़ने वाला पक्षी है, जिसकी लंबाई 152-156 सेंटीमीटर और पंखों का फैलाव 240 सेंटीमीटर है।
- सारस क्रेन मुख्य रूप से लाल सिर और इसकी ऊपरी गर्दन भूरे रंग की होती है, साथ ही हल्के लाल पैर होते हैं।
- यह आजीवन जोड़े में रहते हैं और इसना प्रजनन काल मानसून में भारी बारिश के दौरान होता है।
- ये मनुष्यों के साथ और अच्छी तरह से जल वाले मैदानों, दलदली भूमि, तालाबों तथा आर्द्रभूमि (जैसे उत्तर प्रदेश में धनौरी आर्द्रभूमि) में रहने के लिये जाने जाते हैं जो उनके निर्वहन तथा घोंसले के लिये उपयुक्त हैं।
- संरक्षण की स्थिति:
- IUCN रेड लिस्ट: सुभेद्य
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची IV