वाराणसी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास | 20 Jun 2024
चर्चा में क्यों ?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिये 2869.65 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के साथ एक व्यापक विकास योजना को मंज़ूरी दी।
- भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) इस परियोजना की देख-रेख करेगा, जिसका उद्देश्य हवाई अड्डे की यात्री संचालन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि करना है।
मुख्य बिंदु:
- इस परियोजना में एक नया टर्मिनल बनाना, रनवे को लंबा करना और एप्रन को विस्तृत करना शामिल है।
- आगामी टर्मिनल 75,000 वर्ग मीटर में विस्तृत होगा, जो प्रतिवर्ष 6 मिलियन यात्रियों की सेवा करेगा तथा व्यस्त समय में 5,000 यात्रियों को संभाल सकेगा।
- इसमें वाराणसी की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा तथा यात्रियों को एक अनूठा अनुभव प्रदान किया जाएगा।
- हवाई अड्डा ऊर्जा दक्षता, अपशिष्ट पुनर्चक्रण, कार्बन उत्सर्जन को कम करने, सौर ऊर्जा का उपयोग करने और प्राकृतिक प्रकाश को अधिकतम करने के माध्यम से पर्यावरणीय स्थिरता को प्राथमिकता देकर पर्यावरण-अनुकूल हवाई अड्डे में परिवर्तित होने की राह पर है।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI)
- इसका गठन संसद के भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण अधिनियम, 1994 द्वारा किया गया था तथा यह 1 अप्रैल, 1995 को तत्कालीन राष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण और भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण को मिलाकर अस्तित्त्व में आया।
- इस विलय से एक संगठन अस्तित्त्व में आया जिसे देश में ज़मीन और हवाई क्षेत्र में नागरिक विमानन अवसंरचना के सृजन, उन्नयन, रखरखाव तथा प्रबंधन की ज़िम्मेदारी सौंपी गई।