मलेरिया उन्मूलन अभियान | 21 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2027 तक राज्य से मलेरिया उन्मूलन के लिये तीव्र अभियान शुरू किया है।
इस पहल में मलेरिया के प्रत्येक मामले की गहन जाँच और पूर्ण उपचार शामिल है।
मुख्य बिंदु:
- राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जून माह मलेरिया रोधी माह है, इस वर्ष राज्य में मलेरिया के 771 मामले सामने आए।
- प्रयासों में बेहतर केस रिपोर्टिंग, प्रबंधन, तथा महामारी विज्ञान और कीट विज्ञान संबंधी जाँच में वृद्धि, साथ ही वेक्टर नियंत्रण उपायों में तेज़ी लाना शामिल है।
- अधिकारियों के अनुसार, स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता व्यापक सर्वेक्षण और परीक्षण कर रहे हैं तथा मलेरिया की रोकथाम एवं लक्षणों पर सामुदायिक शिक्षा जारी है
- जून के अंत में मानसून आने की संभावना है, जो मच्छर जनित बीमारियों के लिये एक महत्त्वपूर्ण समय है, इसलिये मलेरिया की रोकथाम के लिये व्यापक गतिविधियों की योजना बनाई गई है।
- इनमें कीटनाशक का छिड़काव और फॉगिंग (Fogging) तथा सामुदायिक जागरूकता सेमिनार शामिल हैं।
मलेरिया
- मलेरिया प्लाज़्मोडियम परजीवी के कारण होने वाली एक जानलेवा बीमारी है।
- प्लाज़्मोडियम परजीवी की पाँच प्रजातियाँ हैं जो मनुष्यों में मलेरिया का कारण बनती हैं और इनमें से दो प्रजातियाँ पी. फाल्सीपेरम तथा पी. विवैक्स सबसे बड़ा खतरा हैं।
- मलेरिया मुख्य रूप से अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया के उष्णकटिबंधीय तथा उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
- मलेरिया संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है।
- मच्छर संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद संक्रमित हो जाता है। मलेरिया परजीवी फिर मच्छर द्वारा काटे गए अगले व्यक्ति के रक्तप्रवाह में प्रवेश करते हैं। परजीवी यकृत तक जाते हैं, परिपक्व होते हैं और फिर लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं।
- मलेरिया के लक्षणों में बुखार और फ्लू जैसी बीमारी शामिल है, जिसमें ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द तथा थकान शामिल है। उल्लेखनीय है कि मलेरिया के संक्रमण को रोका जाता सकता है एवं इसका उपचार किया जा सकता है।
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (National Vector-Borne Disease Control Programme- NVBDCP)
- NVBDCP भारत में छह वेक्टर जनित बीमारियों यानी मलेरिया, डेंगू, लिम्फैटिक फाइलेरिया, कालाज़ार, जापानी इंसेफेलाइटिस और चिकनगुनिया की रोकथाम तथा नियंत्रण के लिये केंद्रीय नोडल एजेंसी है। यह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत कार्य करती है।