हरियाणा की अरावली को संरक्षित वन का दर्जा मिला | 16 Aug 2024

चर्चा में क्यों?

हाल ही में  हरियाणा ने ग्रेट निकोबार में उष्णकटिबंधीय वर्षावनों के विनाश की भरपाई के लिये प्रतिपूरक वनीकरण स्वैप के तहत अपने पाँच ज़िलों में अरावली की 24,353 हेक्टेयर भूमि को संरक्षित वन के रूप में नामित किया है।

मुख्य बिंदु

  • हालाँकि लक्ष्य 26,000 हेक्टेयर था, लेकिन हरियाणा 24,353 हेक्टेयर भूमि हासिल करने में सफल रहा। शेष 1,647 हेक्टेयर भूमि के लिये केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) मध्य प्रदेश सरकार के साथ वार्ता कर रहा है।
  • नवंबर 2022 में MoEFCC ने अपनी मंज़ूरी दे दी, जिससे ग्रेट निकोबार में एक विशाल परियोजना का मार्ग प्रशस्त हो गया।
    • इस परियोजना में 160 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, एक शिपिंग बंदरगाह, एक विद्युत संयंत्र और एक टाउनशिप का निर्माण शामिल है।
    • इस भूमि का 80% से अधिक हिस्सा प्राचीन उष्णकटिबंधीय वन का हिस्सा है, जिसके परिणामस्वरूप लगभग दस लाख पेड़ नष्ट हो गए हैं।
    • फरवरी 2023 में यह निर्णय लिया गया कि भारत की मुख्य भूमि से दूर एक द्वीप में इस वन विनाश के लिये प्रतिपूरक वनरोपण हरियाणा की अरावली में किया जाएगा।
    • हरियाणा सरकार, जिसने प्रतिपूरक वनरोपण के लिये अपनी योजना प्रस्तुत की है, को अपने पाँच ज़िलों में अरावली को पुनर्जीवित करने के लिये 3,000 करोड़ रुपए मिलेंगे।
      • पाँच ज़िले हैं - गुरुग्राम, नूंह, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और चरखी दादरी।

ग्रेट निकोबार द्वीप

  • ग्रेट निकोबार, निकोबार द्वीपसमूह का सबसे दक्षिणी और सबसे बड़ा द्वीप है, जो बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी भाग में मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय वर्षावन का 910 वर्ग किलोमीटर का विरल रूप से बसा हुआ क्षेत्र है।
  • द्वीप पर इंदिरा प्वाइंट, भारत का सबसे दक्षिणी बिंदु, इंडोनेशियाई द्वीपसमूह के सबसे बड़े द्वीप सुमात्रा के उत्तरी सिरे पर सबंग से 90 समुद्री मील (<170 किमी) दूर स्थित है।
  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 836 द्वीप शामिल हैं, जो दो समूहों में विभाजित हैं, जिन्हें उत्तर में स्थित अंडमान द्वीप समूह तथा दक्षिण में स्थित निकोबार द्वीप समूह के रूप में जाना जाता है, जो 150 किलोमीटर चौड़ी 10 डिग्री चैनल द्वारा अलग होते हैं।
  • ग्रेट निकोबार में दो राष्ट्रीय उद्यान, एक बायोस्फीयर रिज़र्व, शोम्पेन, ओन्गे, अंडमानी और निकोबारी जनजातीय लोगों की छोटी आबादी तथा कुछ हज़ार गैर-आदिवासी निवासी हैं।