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हरियाणा

ज़ीरकपुर बाईपास को मंजूरी

  • 10 Apr 2025
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 1,878.31 करोड़ रुपए की पूंजीगत लागत से छह लेन वाले जीरकपुर बाईपास के निर्माण को मंजूरी दी।

  • इस परियोजना का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश की ओर जाने वाले यातायात को पुनर्निर्देशित करके जीरकपुर और पंचकूला जैसे शहरों में भीड़भाड़ को कम करना है।

मुख्य बिंदु

  • मार्ग और विनिर्देश: 
    • छह लेन वाला जीरकपुर बाईपास NH-7 पर जीरकपुर-पटियाला जंक्शन से शुरू होगा और NH-5 पर जीरकपुर-परवाणू जंक्शन पर समाप्त होगा।
    • यह बाईपास पंजाब और हरियाणा से होकर गुजरेगा और इसकी कुल लंबाई 19.2 किलोमीटर होगी।
    • इस परियोजना को राष्ट्रीय राजमार्ग (मूल) [NH(O)] कार्यक्रम के भाग के रूप में हाइब्रिड एन्युइटी मोड (HAM) का उपयोग करके विकसित किया जाएगा।
  • पीएम गतिशक्ति के तहत रणनीतिक महत्त्व:
    • सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस परियोजना को एकीकृत परिवहन अवसंरचना के निर्माण में एक महत्त्वपूर्ण कदम बताया।
    • यह पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के उद्देश्यों के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य बुनियादी ढाँचे की योजना को समन्वित करना और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है।

पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान

  • अक्तूबर 2021 में शुरू किया गया पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान 100 लाख करोड़ रुपए की एक परिवर्तनकारी पहल है जिसका उद्देश्य अगले पाँच वर्षों में भारत के बुनियादी ढाँचे में क्रांतिकारी बदलाव लाना है।
    • इसे BISAG-N (भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भूसूचना विज्ञान संस्थान) द्वारा डिजिटल मास्टर प्लानिंग टूल के रूप में विकसित किया गया है। 
  • इसे गतिशील भौगोलिक सूचना प्रणाली GIS) प्लेटफॉर्म पर तैयार किया गया है, जिसमें सभी मंत्रालयों/विभागों की विशिष्ट कार्य योजनाओं के आँकड़ों को एक व्यापक डाटाबेस में शामिल किया गया है। 
  • इस योजना का उद्देश्य परियोजनाओं को तेज़ी से पूरा करना, समय सीमा को कम करना तथा अंतर-मंत्रालयी बाधाओं को दूर करके भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता को बढ़ाना है। 
  • पीएम गतिशक्ति का विज़न एक विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचे का निर्माण करना है, जो जीवन को आसान बनाए, आर्थिक विकास को बढ़ावा दे और भारतीय व्यवसायों को अधिक प्रतिस्पर्द्धी बनाए।

हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) 

  • यह IPC और BOT-एन्युटी मॉडल का मिश्रण है। डिज़ाइन के अनुसार, सरकार पहले पाँच वर्षों में वार्षिक भुगतान (एन्युटी) के माध्यम से परियोजना लागत का 40% योगदान देगी।
  • शेष भुगतान सृजित परिसंपत्तियों और डेवलपर के प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा।

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