उत्तर प्रदेश
एग्रीवोल्टेइक परियोजना
- 01 Apr 2025
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चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश ‘एग्रीवोल्टेइक’ परियोजना को अपनाने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है।
मुख्य बिंदु
- एग्रीवोल्टेइक प्रणाली
- एग्रीवोल्टाइक प्रणाली, जिसे कृषि-वोल्टीय प्रणाली या "सौर-खेती" भी कहा जाता है, एक नई तकनीक है जिसमें किसान अपनी फसलों के उत्पादन के साथ-साथ बिजली का उत्पादन भी कर सकते हैं।
- इस प्रणाली में फोटो-वोल्टाइक (PV) तकनीक का उपयोग करके कृषि योग्य भूमि पर सौर पैनल स्थापित किये जाते हैं।
- यह तकनीक पहली बार वर्ष 1981 में एडॉल्फ गोएट्ज़बर्गर और आर्मिन ज़ास्ट्रो द्वारा पेश की गई थी। 2004 में जापान में इसका प्रोटोटाइप विकसित किया गया और कई परीक्षणों के बाद 2022 में पूर्वी अफ्रीका में इसे लागू किया गया।
- वर्तमान में भारत, अमेरिका, फ्राँस, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों में इसका सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है।
- हालांकि, भारत में यह तकनीक अभी अपने प्रारंभिक चरण में है।
- लाभ
- बढ़ती ऊर्जा की मांग और खाद्य सुरक्षा की समस्याओं का समाधान।
- सौर पैनल से फसलों की वाष्पन दर कम और जल का बेहतर उपयोग।
- सौर पैनल से फसलों को उच्च तापमान और UV किरणों से सुरक्षा।
- सौर ऊर्जा से बिजली की लागत में कमी और किसानों की आय में वृद्धि।
- बारिश का पानी सौर पैनल से एकत्र और सिंचाई के लिये उपयोग।
- चुनौतियाँ
- यह एक भूमि-आधारित प्रणाली है, जिसमें प्रति मेगावाट उत्पादन के लिये लगभग दो हेक्टेयर ज़मीन की आवश्यकता होती है।
- बरसाती मौसम में जब आकाश में बादल होते हैं, तब यह प्रणाली उतनी प्रभावी नहीं रहती है और किसानों को वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता है।
- सौर पैनल से उत्पन्न छाया कभी-कभी पौधों में पीड़क का कारण बन सकती है, जिससे फसलों पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
- एडीबी से अनुदान:
- वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने “उत्तर प्रदेश में एग्रीवोल्टेइक परियोजनाओं का प्रदर्शन” शीर्षक वाले राज्य सरकार के तकनीकी सहायता प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
- इसके तहत एशियाई विकास बैंक (ADB) से 0.50 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹4.15 करोड़) की तकनीकी सहायता स्वीकृत हुई है।
- उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसे ADB से इस प्रकार की आर्थिक सहायता मिली है।
- महत्त्व
- इस परियोजना के तहत एक ही ज़मीन पर कृषि उत्पादन के साथ सौर ऊर्जा का भी उत्पादन होता है।
- इससे किसानों को अतिरिक्त आय मिलेगी, ऊर्जा उत्पादन बढ़ेगा और सतत् विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- यह पहल स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन, पर्यावरण संरक्षण और सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है।
एशियाई विकास बैंक क्या है?
- परिचय: ADB एक क्षेत्रीय विकास बैंक है जिसकी स्थापना वर्ष 1966 में एशिया और प्रशांत क्षेत्र में सामाजिक एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी।
- ADB सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिये ऋण, तकनीकी सहायता, अनुदान एवं इक्विटी निवेश प्रदान करके अपने सदस्यों तथा भागीदारों की सहायता करता है।
- मुख्यालय: मनीला, फिलीपींस
- सदस्य: वर्तमान में इसके 68 सदस्य हैं जिनमें से 49 एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र के भीतर और 19 अन्य क्षेत्रों से हैं।
- ADB और भारत: भारत ADB का संस्थापक सदस्य और बैंक का चौथा सबसे बड़ा शेयरधारक है।
- ADB की रणनीति 2030 और देश की साझेदारी रणनीति, 2023-2027 के अनुरूप मज़बूत, जलवायु लचीले एवं समावेशी विकास के लिये भारत की प्राथमिकताओं का समर्थन करता है।