27वाँ IEEE WPMC 2024 | 20 Nov 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत ने ग्रेटर नोएडा में वायरलेस पर्सनल मल्टीमीडिया कम्युनिकेशंस (WPMC) 2024 पर 27वीं IEEE अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की मेज़बानी की।
- भारतीय अधिकारियों ने दूरसंचार नवाचार में देश की तीव्र प्रगति तथा 5G परिनियोजन से 6G प्रौद्योगिकी के भविष्य की परिकल्पना की ओर संक्रमण पर प्रकाश डाला।
मुख्य बिंदु
- उद्देश्य एवं विषय:
- यह शोधकर्त्ताओं, उद्योग जगत के नेताओं और नीति निर्माताओं को वायरलेस संचार में प्रगति पर चर्चा करने के लिये एक मंच प्रदान करता है।
- थीम, "Secure 6G– AI Nexus: Where Technology Meets Humanity अर्थात् सुरक्षित 6G- AI नेक्सस: प्रौद्योगिकी का मानवता से मिलन", 6G और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के प्रतिच्छेदन पर केंद्रित है।
- कार्यक्रम का स्थान:
- यह कार्यक्रम शारदा विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया और इसमें विभिन्न देशों के विशेषज्ञ और विचारक एकत्रित हुए।
- वायरलेस संचार में भारत की भूमिका:
- एक विशेषज्ञ ने भारत के बढ़ते नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र और वैश्विक दूरसंचार क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान देने की इसकी क्षमता पर प्रकाश डाला।
- भारत द्वारा शीघ्र ही 6G प्रौद्योगिकी से संबंधित लगभग 10 पेटेंट दाखिल किए जाने की आशा है, जिससे उसकी आर्थिक और तकनीकी स्थिति में और वृद्धि होगी।
- 6G प्रौद्योगिकी हेतु दृष्टिकोण:
- सरकार अत्यंत कम विलंबता के साथ 1 टेराबिट प्रति सेकंड तक की अभूतपूर्व गति प्राप्त करने की परिकल्पना करती है, जो वैश्विक कनेक्टिविटी और सामाजिक-आर्थिक विकास में एक परिवर्तनकारी कदम होगा।
- यह पहल भारत को दूरसंचार क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी के रूप में स्थापित करने के राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप है।
- 6G की परिवर्तनकारी क्षमता:
- विशेषज्ञों ने उन्नत क्षमताओं वाले पोर्टेबल उपकरणों को सक्षम करने के लिये 6G की क्षमता पर जोर दिया, जिसमें उच्च आवृत्ति उपयोग और न्यूनतम विलंबता पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- इस प्रौद्योगिकी से दूरस्थ स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कृषि को सुविधाजनक बनाकर ग्रामीण पारिस्थितिकी तंत्र में क्रांतिकारी बदलाव आने की आशा है, जो डिजिटल विभाजन को पाटने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के भारत के मिशन के साथ संरेखित होगा।