पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में 'शुगरकेन टाइगर्स' | 10 Oct 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में पीलीभीत के गन्ने के खेतों से 10 से अधिक बाघ रहस्यमय तरीके से गायब हो गए, जिससे शिकार या पलायन की आशंका बढ़ गई है।
प्रमुख बिंदु
- 'शुगरकेन टाइगर्स':
- 'शुगरकेन टाइगर्स' शब्द का प्रयोग उन बाघों के लिये किया जाता है जो वन क्षेत्रों के बजाय गन्ने के खेतों में रहते हैं।
- ये क्षेत्र घने आवरण और शिकार प्रदान करते हैं, जिससे वनों के समान आवास का निर्माण होता है।
- उत्तर प्रदेश में पीलीभीत ऐसे बाघों के लिये जाना जाता है, क्योंकि घटते वन क्षेत्र और बाघों के आवासों में मानव अतिक्रमण के कारण गन्ने के खेत बाघों को आश्रय प्रदान करते हैं।
- पीलीभीत टाइगर रिज़र्व:
- यह उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और शाहजहाँपुर ज़िले में स्थित है।
- इसे वर्ष 2014 में टाइगर रिज़र्व के रूप में अधिसूचित किया गया था।
- वर्ष 2020 में, इसने पिछले चार वर्षों में बाघों की संख्या दोगुनी करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार TX2 जीता।
- यह ऊपरी गंगा के मैदान में तराई आर्क परिदृश्य का हिस्सा है।
- रिज़र्व का उत्तरी किनारा भारत-नेपाल सीमा पर स्थित है, जबकि दक्षिणी सीमा शारदा और खकरा नदियों द्वारा चिह्नित है।
- वनस्पति और जीव:
- यह 127 से अधिक जानवरों, 326 पक्षी प्रजातियों और 2,100 फूल वाले पौधों का निवास स्थान है।
- वन्यजीवों में बाघ, स्वैंप डियर, बंगाल फ्लोरिकन, तेंदुआ आदि शामिल हैं।
- इसमें विभिन्न जल निकायों के साथ ऊँचे साल के वन, बागान और घास के मैदान हैं।