भारत में प्रवासी प्रजातियों की सूची
प्रीलिम्स के लिये:COP-13, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, भारत में प्रवासी प्रजातियों की सूची, विभिन्न वर्गों (जंतु, पक्षी, मछली तथा सरीसृप) से संबंधित आँकड़े मेन्स के लिये:प्रवासी प्रजातियों का संरक्षण तथा इनसे संबंधित विभिन्न मुद्दे |
चर्चा में क्यों?
प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर अभिसमय (Convention on the Conservation of Migratory Species-CMS) द्वारा वन्यजीवों की सूची में नए बदलाव के साथ ही भारत के प्रवासी जीवों की कुल संख्या 457 हो गई है।
प्रमुख बिंदु
- भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (Zoological Survey of India-ZSI) ने पहली बार गुजरात में आयोजित सम्मेलन (COP 13) से पहले CMS के तहत भारत की प्रवासी प्रजातियों की सूची तैयार की थी। तब ZSI ने भारत के प्रवासी जीवों की कुल संख्या को 451 बताया गया था। निम्नलिखित छह प्रजातियों को बाद में इस सूची में जोड़ा गया था:
- एशियाई हाथी (Elephas maximus)
- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (Ardeotis nigriceps)
- बंगाल फ्लोरिकन (Bengal florican)
- ओशनिक व्हाइट-टिप शार्क (Carcharhinus longimanus)
- यूरियाल (Ovis orientalis vignei)
- स्मूथ हैमरहेड शार्क (Sphyrna zygaena)
गुजरात के गांधीनगर में आयोजित ‘प्रवासी प्रजातियों पर संयुक्त राष्ट्र के काॅप-13 सम्मेलन में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, एशियाई हाथी और बंगाल फ्लोरिकन को प्रवासी प्रजातियों पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय के परिशिष्ट-I में शामिल करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है। उक्त तीन प्रजातियों के अलावा सात अन्य प्रजातियों- जगुआर, यूरियाल, लिटिल बस्टर्ड, एंटीपोडियन अल्बाट्रॉस, ओशनिक व्हाइट-टिप शार्क, स्मूथ हैमरहेड शार्क और टोपे शार्क को भी CMS परिशिष्टों में सूचीबद्ध करने लिये प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था।
- विश्व स्तर पर 650 से अधिक प्रजातियों को CMS के परिशिष्ट में सूचीबद्ध किया गया है और 450 से अधिक प्रजातियों के साथ भारत, उनके संरक्षण में अति महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पक्षी वर्ग से संबंधित आँकड़े:
- प्रवासी जीवों के इन नवीनतम आँकड़ों में पक्षियों की हिस्सेदारी 83% है। ध्यातव्य है कि COP-13 से पहले, प्रवासी पक्षी प्रजातियों की संख्या 378 थी और अब यह 380 तक पहुँच गई है।
- पक्षी वर्ग में मूसिकैपिडे (Muscicapidae) से संबंधित प्रवासी प्रजातियों की संख्या सर्वाधिक है। प्रवासी पक्षियों की सर्वाधिक संख्या वाला दूसरा समूह राप्टर्स या एक्सीपीट्रिडे (Accipitridae) वर्ग के उल्लू, गिद्ध और चील जैसे शिकारी पक्षियों का है।
- बड़ी संख्या में प्रवास करने वाले पक्षियों का एक अन्य समूह वेडर (wader) या जलपक्षियों का है। भारत में इन प्रवासी पक्षी प्रजातियों की संख्या 41 है, इसके बाद ऐनाटीडे वर्ग से संबंधित बत्तखों का स्थान आता है जिनकी संख्या 38 हैं।
भारत में फ्लाईवे:
ZSI के अनुसार, देश में तीन फ्लाईवे (पक्षियों द्वारा उपयोग किये जाने वाले उड़ान मार्ग) हैं:
1. मध्य एशियाई फ्लाईवे (Central Asian Flyway)
2. पूर्वी एशियाई फ्लाईवे (East Asian Flyway)
3. पूर्वी एशियाई-ऑस्ट्रेलियाई फ्लाईवे (East Asian–Australasian Flyway)
जंतु वर्ग से संबंधित आँकड़े:
- ZSI के वन्यजीव अनुभाग के अनुसार, COP-13 के बाद भारत में प्रवासी स्तनपायी प्रजातियों की संख्या 44 से बढ़कर 46 हो गई है। एशियाई हाथी को परिशिष्ट-I और यूरियाल को परिशिष्ट-II में शामिल किया गया है।
- स्तनधारियों का सबसे बड़ा समूह वेस्पेरिलिओनिडे (Vespertilionidae) से संबंधित चमगादड़ों का है। डॉल्फिन स्तनधारियों का दूसरा सबसे बड़ा समूह है, इनमें डॉल्फिन की नौ प्रजातियाँ सूचीबद्ध की गई हैं।
मछलियों से संबंधित आँकड़े:
- मछलियाँ प्रवासी प्रजातियों के एक और महत्त्वपूर्ण समूह का निर्माण करती हैं। COP-13 से पहले ZSI ने 22 प्रजातियों को संकलित किया था, जिसमें 12 शार्क और 10 रे मछली (Ray Fish) शामिल थीं।
- अब ओशनिक व्हाइट-टिप शार्क और स्मूथ हैमरहेड शार्क को शामिल किये जाने के बाद भारत में प्रवासी मछली प्रजातियों की कुल संख्या 24 हो गई है।
सरीसृप वर्ग से संबंधित आँकड़े:
- भारत में पाई जाने वाली सरीसृप प्रजातियों में से कछुओं की पाँच प्रजातियाँ और भारतीय घड़ियाल तथा खारे पानी के मगरमच्छ CMS के अंतर्गत वन्यजीव सूची में शामिल हैं।
- ध्यातव्य है कि ये प्रजातियाँ पहले से ही CMS की सूची में शामिल हैं तथा सरीसृप सूची में किसी नई प्रजाति को शामिल नहीं किया गया है।