स्वच्छ सर्वेक्षण 2021
प्रिलिम्स के लिये:स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 संबंधी आँकड़े, स्वच्छ भारत मिशन-शहरी मेन्स के लिये:स्वच्छ भारत अभियान-शहरी 2.0 का उद्देश्य और महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रपति ने शहरों को स्वच्छ सर्वेक्षण (Swachh Survekshan) 2021 के छठे संस्करण में स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन और समग्र स्वच्छता बनाए रखने में उनके प्रदर्शन के लिये सम्मानित किया।
- यह समारोह 'स्वच्छ अमृत महोत्सव' के दौरान आयोजित किया गया था जो स्वच्छ भारत अभियान-शहरी के पिछले सात वर्षों में शहरों की उपलब्धियों का उत्सव है और स्वच्छ भारत अभियान-शहरी 2.0 के माध्यम से स्वच्छता के अगले चरण में नए जोश के साथ आगे बढ़ने के लिये शहरों और नागरिकों की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
प्रमुख बिंदु
- स्वच्छ सर्वेक्षण:
- परिचय:
- यह भारत के शहरों और कस्बों में स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन और समग्र स्वच्छता का वार्षिक सर्वेक्षण करता है।
- इसे स्वच्छ भारत अभियान के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य भारत को स्वच्छ और खुले में शौच से मुक्त बनाना था।
- वर्ष 2016 में आयोजित पहले स्वच्छ सर्वेक्षण में कुल 73 शहरों को शामिल किया गया था।
- वर्ष 2020 में आयोजित वार्षिक स्वच्छ सर्वेक्षण में कुल 4242 शहरों को शामिल किया गया था और इसे दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण कहा गया था।
- वर्ष 2021 में आयोजित छठे स्वच्छ सर्वेक्षण में 4,320 शहरों ने भाग लिया, जिसमें 5 करोड़ से अधिक नागरिकों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जबकि पिछली बार यह संख्या 1.87 करोड़ थी।
- नोडल मंत्रालय:
- आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (MoHUA):
- परिचय:
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 की श्रेणियाँ:
- 1 लाख से कम आबादी:
- महाराष्ट्र के वीटा, लोनावाला और सासवड शहर क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे सबसे स्वच्छ शहर रहे।
- 1 लाख से अधिक जनसंख्या:
- लगातार 5वें वर्ष इंदौर (मध्य प्रदेश) को स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत भारत के सबसे स्वच्छ शहर के खिताब से नवाजा गया, जबकि सूरत और विजयवाड़ा ने क्रमशः दूसरा व तीसरा स्थान हासिल किया।
- मध्य प्रदेश में होशंगाबाद 'सबसे तेज़ गति से गतिमान शहर' के रूप में उभरा और इस प्रकार इसने शीर्ष 100 शहरों में 87वाँ स्थान हासिल किया।
- बेस्ट गंगा टाउन: वाराणसी।
- सबसे स्वच्छ छावनी: अहमदाबाद छावनी 'भारत की सबसे स्वच्छ छावनी' घोषित की गई, उसके पश्चात् मेरठ छावनी और दिल्ली छावनी का स्थान है।
- सबसे स्वच्छ राज्य:
- 100 से अधिक शहरी स्थानीय निकाय वाले राज्य:
- छत्तीसगढ़ को लगातार तीसरे वर्ष भारत के 'सबसे स्वच्छ राज्य' के रूप में सम्मानित किया गया है।
- कर्नाटक ''फास्टेस्ट मूवर स्टेट' (Fastest Mover State) के रूप में उभरा है।
- 100 से कम शहरी स्थानीय निकाय (ULB) वाले राज्य:
- झारखंड ने दूसरी बार "शहरी स्थानीय निकाय श्रेणी" में सबसे स्वच्छ राज्य का पुरस्कार जीता।
- मिजोरम छोटे (100 से कम ULB) राज्य की श्रेणी में 'फास्टेस्ट मूवर स्टेट' के रूप में उभरा।
- 100 से अधिक शहरी स्थानीय निकाय वाले राज्य:
- 1 लाख से कम आबादी:
- प्रेरक दौर सम्मान:
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के तहत एक नई प्रदर्शन श्रेणी शुरू की गई, पांँच शहरों- इंदौर, सूरत, नवी मुंबई, नई दिल्ली नगर परिषद और तिरुपति को 'दिव्य' (प्लैटिनम) के रूप में वर्गीकृत किया गया।
- अन्य सम्मान:
- सफाई मित्र सुरक्षा चुनौती:
- सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज के तहत भाग लेने वाले 246 शहरों में से शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शहर इंदौर, नवी मुंबई, नेल्लोर और देवास हैं, जबकि शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य छत्तीसगढ़ और चंडीगढ़ हैं।
- भारत में 5-स्टार रेटिंग कचरा मुक्त शहर:
- कचरा मुक्त शहरों के स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल के तहत 9 शहरों को 5-स्टार शहरों के रूप में प्रमाणित किया गया, जबकि 143 शहरों को 3-स्टार के रूप में प्रमाणित किया गया।
- MoHU द्वारा स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल वर्ष 2018 में शुरू किया गया था ताकि शहरों को कचरा मुक्त करने हेतु एक तंत्र को संस्थागत रूप दिया जा सके और शहरों को स्थायी स्वच्छता के उच्च स्तर को प्राप्त करने के लिये प्रेरित किया जा सके।
- कुल 9 शहरों- इंदौर, सूरत, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद, नवी मुंबई, अंबिकापुर, मैसूर, नोएडा, विजयवाड़ा और पाटन को 5-स्टार शहरों के रूप में प्रमाणित किया गया है
- कचरा मुक्त शहरों के स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल के तहत 9 शहरों को 5-स्टार शहरों के रूप में प्रमाणित किया गया, जबकि 143 शहरों को 3-स्टार के रूप में प्रमाणित किया गया।
- सफाई मित्र सुरक्षा चुनौती:
स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) 2.0
- बजट 2021-22 में घोषित SBM-U 2.0, SBM-U के पहले चरण की निरंतरता है।
- सरकार शौचालयों में स्वच्छता संबंधित उपायों को लागू करने, मल कीचड़ के निपटान और सेप्टेज का दोहन करने की कोशिश कर रही है। इसे 1.41 लाख करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ वर्ष 2021 से 2026 तक पांँच वर्षों के लिये लागू किया जाएगा।
- यह कचरे के स्रोत का पृथक्करण, सिंगल यूज़ प्लास्टिक और वायु प्रदूषण में कमी, निर्माण एवं विध्वंसक गतिविधियों से उत्पन्न कचरे का प्रभावी ढंग से प्रबंधन और सभी पुराने डंप साइटों के बायोरेमेडिएशन पर केंद्रित है।
- इस मिशन के तहत सभी अपशिष्ट जल को जल निकायों में छोड़ने से पहले ठीक ढंग से उपचारित किया जाएगा और सरकार इसके अधिकतम पुन: उपयोग को प्राथमिकता देने का प्रयास कर रही है।