अंतर्राष्ट्रीय संबंध
कचरा मुक्त शहरों के लिये स्मार्ट स्टार-रेटिंग
- 25 Jan 2018
- 5 min read
चर्चा में क्यों?
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs- MoHUA) द्वारा गोवा में 'कचरा मुक्त शहरों की स्टार-रेटिंग के लिये प्रोटोकॉल' (Protocol for Star-Rating of Garbage-Free Cities) लॉन्च किया गया।
स्टार रेटिंग पहल (Star Rating Initiative)
- स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) द्वारा विकसित स्टार-रेटिंग पहल के अंतर्गत 7-सितारा रेटिंग सिस्टम के आधार पर शहरों की रेटिंग की जाएगी।
- यह रेटिंग ठोस कचरा प्रबंधन के लिये निर्धारित निम्नलिखित प्रकार के स्वच्छता संकेतकों पर आधारित होगी-
⇒ कचरे का संग्रहण
⇒ थोक उत्पादक अनुपालन (Bulk Generator Compliance)
⇒ स्रोत पर कचरे का पृथक्करण (Source Segregation)
⇒ कचरे का वैज्ञानिक प्रसंस्करण
⇒ वैज्ञानिक तरीके से भूमि भराव (Scientific Land Filling)
⇒ प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (Plastic Waste Management)
⇒ निर्माण और ध्वस्तीकरण गतिविधियों का प्रबंधन (Construction and Demolition Management)
⇒ डंप रेमेडिएशन (dump remediation)
⇒ नागरिक शिकायत समाधान प्रणाली आदि।
स्टार-रेटिंग प्रोटोकॉल का लक्ष्य
- सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाना, ताकि किसी भी सार्वजनिक, वाणिज्यिक या आवासीय स्थानों पर (कूड़े के डिब्बे या स्थानांतरण स्टेशनों को छोड़कर) किसी प्रकार का कूड़ा-कचरा न मिलने पाए।
- 100% कचरे का वैज्ञानिक रूप से प्रबंधन सुनिश्चित करना।
- सभी प्रकार के कचरे को उपचारित करना।
- यह सुनिश्चित करना कि सभी शहर वैज्ञानिक रूप से ठोस अपशिष्ट, प्लास्टिक अपशिष्ट और निर्माण गतिविधियों संबंधी कचरे का प्रबंधन कर सकें।
रेटिंग
- शहरों का प्रत्येक रेटिंग के लिये निर्दिष्ट प्रोटोकॉल शर्तों के अनुपालन के आधार पर 1, 2, 3, 4, 5 और 7-स्टार के रूप में मूल्यांकन किया जा सकता है।
- इसके अतिरिक्त, किसी शहर को 3-स्टार या इससे अधिक की रेटिंग के लिये खुले में शौच से मुक्त (Open Defecation Free-ODF) होना चाहिये।
- हालाँकि शहर स्वयं को 1-स्टार, 2-स्टार या 4-स्टार के रूप में घोषित कर सकते है किंतु 3-स्टार, 5-स्टार या 7-स्टार के रूप में प्रमाणित करने के लिये MoHUA एक स्वतंत्र तृतीय पक्ष के माध्यम से एक अतिरिक्त सत्यापन करेगा।
- शहर को अपनी स्टार-रेटिंग बनाए रखने के लिये प्रति वर्ष खुद को पुनःप्रमाणित करवाना होगा।
रेटिंग का महत्त्व
- इस रेटिंग प्रोटोकॉल की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि किसी शहर की समग्र सफाई और कचरा मुक्त स्थिति में सहायक विभिन्न कारकों के अलग-अलग मूल्यांकन की बजाय यह शहरी स्वच्छता के मूल्यांकन के लिये सभी हितधारकों को केवल एक मानक निर्धारक उपलब्ध कराता है।
- वर्तमान में स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत केवल एक शहर को ‘सर्वाधिक स्वच्छ शहर’ का दर्ज़ा दिया जाता है। इस रेटिंग व्यवस्था में उच्च रेटिंग वाले कई शहर हो सकते हैं।
स्वच्छ भारत मिशन
- गांधी जी के साफ-सफाई से संबंधित आदर्शों को ध्यान में रखते हुए गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्तूबर 2014 को ‘स्वच्छ भारत मिशन’ की शुरुआत की गई थी।
- इस मिशन को शहरी तथा ग्रामीण मिशन के रूप में विभाजित किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन का मुख्य उद्देश्य महात्मा गांधी की 150वीं जयंती यानि 2 अक्तूबर, 2019 तक स्वच्छ और खुले में शौच से मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करना है।