पूंजी निवेश 2023-24 के लिये राज्यों को विशेष सहायता
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चर्चा में क्यों?
वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के व्यय विभाग ने चालू वित्त वर्ष में 16 राज्यों में 56,415 करोड़ रुपए के पूंजी निवेश प्रस्तावों को मंज़ूरी दी है।
- यह मंज़ूरी 'पूंजी निवेश 2023-24 के लिये राज्यों को विशेष सहायता' योजना के तहत दी गई है।
- इन 16 राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मिज़ोरम, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
‘पूंजी निवेश 2023-24 के लिये राज्यों को विशेष सहायता’ योजना:
- पृष्ठभूमि:
- पूंजी निवेश/व्यय के लिये राज्यों को वित्तीय सहायता की यह योजना, पहली बार वित्त मंत्रालय द्वारा वर्ष 2020-21 में कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई थी और इसने राज्य द्वारा किये जाने वाले पूंजीगत व्यय में उचित समय पर वृद्धि की।
- परिचय:
- पिछले तीन वर्षों से पूंजीगत व्यय के लिये इसी तरह के प्रयास को जारी रखते हुए इस योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2023-24 में की गई थी।
- योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान राज्य सरकारों को 1.3 लाख करोड़ रुपए की कुल राशि तक 50-वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण के रूप में विशेष सहायता प्रदान की जा रही है।
- भाग:
- इस योजना के आठ भाग हैं, जिसमें भाग-I, 1 लाख करोड़ रुपएके आवंटन के साथ सबसे बड़ा है। यह राशि 15वें वित्त आयोग के निर्णय के अनुसार राज्यों के बीच केंद्रीय करों और कर्तव्यों में उनकी हिस्सेदारी के अनुपात में आवंटित की गई है।
- योजना के अन्य भाग या तो सुधारों से जुड़े हैं या क्षेत्र-विशिष्ट परियोजनाओं के लिये हैं।
- भाग- II पुराने वाहनों को नष्ट करने और स्वचालित वाहन परीक्षण सुविधाओं की स्थापना के लिये राज्यों को प्रोत्साहन प्रदान करता है।
- भाग-III और IV शहरी नियोजन एवंशहरी वित्त में सुधार के लिये राज्यों को प्रोत्साहन प्रदान करते हैं।
- भाग-V शहरी क्षेत्रों के पुलिस स्टेशनों में पुलिस कर्मियों और उनके परिवारों के लिये उपलब्ध घरों की संख्या का विस्तार करने हेतु धनराशि प्रदान करता है।
- योजना का भाग-VI यूनिटी मॉल परियोजनाओं के माध्यम से सांस्कृतिक विविधता और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर राष्ट्रीय एकीकरण, मेक इन इंडिया तथा एक ज़िला एक उत्पाद के दृष्टिकोण का समर्थन करता है।
- भाग-VII के अंतर्गत पंचायत और वार्ड स्तर पर डिजिटल बुनियादी ढाँचे के साथ पुस्तकालय स्थापित करने के लिये राज्यों को वित्तीय सहायता के रूप में 5,000 करोड़ रुपए प्रदान किये जाते हैं, जिससे मुख्य रूप से बच्चों और किशोरों को लाभ होता है।
- योजना के उद्देश्य:
- इस योजना से मांगको बढ़ावा देने और रोज़गार सृजनकरके अर्थव्यवस्था पर उच्च गुणक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
- इस योजना का उद्देश्य राज्यांश की पूर्ति हेतु धनराशि प्रदान करके कार्यक्रम जल जीवन मिशन और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसे महत्त्वपूर्ण उद्योगों में योजना को गति देना है।
- यह योजना शहरों में जीवन की गुणवत्ता और शासन में सुधार के लिये राज्यों को शहरी नियोजन एवं शहरी वित्त में सुधार करने के लिये प्रोत्साहित करने का भी प्रयास करती है।
भारत में पूंजीगत व्यय:
- पूंजीगत व्यय:
- यह बुनियादी ढाँचे, भवन, मशीनरी और उपकरण जैसी भौतिक संपत्तियों के अधिग्रहण, निर्माण या उनमें सुधार के लिये सरकार द्वारा आवंटित धन को संदर्भित करता है।
- इसे उत्पादक और विकास में वृद्धि का कारक माना जाता है क्योंकि यह अर्थव्यवस्था की उत्पादक क्षमता में वृद्धि करता है, साथ ही भविष्य में आय बढ़ाने के साथ ही रोज़गार सृजित करता है।
- भारत सरकार अपने वार्षिक बजट के माध्यम से पूंजीगत व्यय आवंटित करती है, जिसे वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।
- पूंजी निवेश परिव्यय में लगातार तीसरे वर्ष वृद्धि देखी गई है, जो 10 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया है, यह सकल घरेलू उत्पाद का 3.3% है और 33% (केंद्रीय बजट वर्ष 2023-24) की महत्त्वपूर्ण वृद्धि दर्शाता है।
- प्रभावी पूंजीगत व्यय:
- बजट में प्रस्तुत पूंजीगत व्यय में राज्यों और अन्य एजेंसियों के लिये अनुदान सहायता के माध्यम से निर्मित पूंजीगत संपत्ति में सरकार द्वारा किया जाने वाला व्यय शामिल नहीं है।
- इन अनुदानों को बजट में राजस्व व्यय के रूप में वर्गीकृत किया गया है, इसके साथ ही ये सड़क, पुल, स्कूल, अस्पताल आदि जैसी अचल संपत्तियों के निर्माण में भी योगदान देते हैं।
- इसलिये केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक निवेश की वास्तविक सीमा को प्राप्त करने के लिये 'प्रभावी पूंजीगत व्यय' की अवधारणा प्रस्तुत की गई है।
- प्रभावी पूंजीगत व्यय को पूंजीगत परिसंपत्तियों के निर्माण के लिये पूंजीगत व्यय और अनुदान के योग के रूप में परिभाषित किया गया है।
- इसके लिये बजट 13.7 लाख करोड़ रुपए या सकल घरेलू उत्पाद का 4.5% (केंद्रीय बजट 2023-24) है।
- बजट में प्रस्तुत पूंजीगत व्यय में राज्यों और अन्य एजेंसियों के लिये अनुदान सहायता के माध्यम से निर्मित पूंजीगत संपत्ति में सरकार द्वारा किया जाने वाला व्यय शामिल नहीं है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित में से किसको/किनको भारत सरकार के पूंजी बजट में शामिल किया जाता है?(2016)
नीचे दिये गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (d) |