प्रिलिम्स फैक्ट्स: 12 अक्तूबर, 2020
राष्ट्रीय डाक सप्ताह
National Postal Week
9 अक्तूबर, 2020 को विश्व डाक दिवस (World Postal Day) के अवसर पर भारतीय डाक विभाग 9-15 अक्तूबर, 2020 तक राष्ट्रीय डाक सप्ताह (National Postal Week) मना रहा है।
विश्व डाक दिवस (World Postal Day):
- विश्व डाक दिवस, वर्ष 1874 में बर्न (स्विट्ज़रलैंड) में ‘यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन’ (Universal Postal Union- UPU) की स्थापना की याद में मनाया जाता है।
- वर्ष 1969 में टोक्यो (जापान) में आयोजित UPU काॅन्ग्रेस द्वारा इसे ‘विश्व डाक दिवस’ के रूप में घोषित किया गया था।
- UPU एक वैश्विक संचार क्रांति पर केंद्रित है जिसका उद्देश्य दुनिया भर में लोगों के मध्य पत्र व्यवहार की संस्कृति विकसित करना है।
राष्ट्रीय डाक सप्ताह (National Postal Week):
- दैनिक जीवन में डाक क्षेत्र की भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करने और विभिन्न देशों के सामाजिक-आर्थिक विकास में इसके योगदान का उल्लेख करने के लिये भारतीय डाक विभाग राष्ट्रीय डाक सप्ताह (9-15 अक्तूबर, 2020 तक) मना रहा है।
भारतीय डाक का इतिहास:
- वर्ष 1541 में शेर शाह सूरी ने बंगाल और सिंध के बीच (2000 मील की दूरी के लिये) घोड़ों के माध्यम से डाक सेवा की शुरुआत की।
- वर्ष 1672 में मैसूर अंचे (Mysore Anche) की स्थापना महाराजा चिक्का देवराय वोडयार (Maharaja Chikka Devaraya Wodeyar) ने की।
- वर्ष 1766 में रॉबर्ट क्लाइव ने एक नियमित डाक प्रणाली की स्थापना की।
- वर्ष 1774 में वारेन हेस्टिंग्स (1773-1784 तक ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल) ने डाकघरों को संगठित किया और लोगों के लिये सार्वजनिक कर दिया। इससे पहले डाक प्रणाली का मुख्य उद्देश्य ईस्ट इंडिया कंपनी के वाणिज्यिक हितों की रक्षा करना था।
- 31 मार्च, 1774 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में जीपीओ खोला गया।
- 1 जून, 1786 को मद्रास (अब चेन्नई) में जीपीओ खोला गया।
- वर्ष 1794 में बॉम्बे (अब मुंबई) में जीपीओ खोला गया।
- वर्ष 1876 में भारत ‘यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन’ (UPU) में शामिल हुआ।
जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख
Jayaprakash Narayan and Nanaji Deshmukh
11 अक्तूबर, 2020 को देश भर में लोकनायक जयप्रकाश नारायण (Jayaprakash Narayan) और नानाजी देशमुख (Nanaji Deshmukh) की जयंती मनाई गई।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण (Jayaprakash Narayan):
- जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्तूबर, 1902 को बलिया (उत्तर प्रदेश) ज़िले के सिताब दियारा (Sitab diara) गाँव में हुआ था।
- जयप्रकाश नारायण की शिक्षा संयुक्त राज्य अमेरिका के विश्वविद्यालयों में हुई जहाँ वे मार्क्सवादी विचारधारा के समर्थक बन गए।
- वर्ष 1929 में भारत लौटने पर वह भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस (Indian National Congress) में शामिल हो गए।
- वर्ष 1932 में उन्हें भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लेने के लिये एक वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई गई थी।
- जेल से रिहाई के बाद उन्होंने काॅन्ग्रेस पार्टी के भीतर एक वामपंथी समूह ‘काॅन्ग्रेस सोशलिस्ट पार्टी’ (Congress Socialist Party) के गठन में अग्रणी भूमिका निभाई।
- द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटेन के पक्ष में भारतीयों की भागीदारी का विरोध करने के कारण वर्ष 1939 में उन्हें फिर से जेल में डाल दिया गया।
- वर्ष 1946 में उन्होंने काॅन्ग्रेस नेताओं को ब्रिटिश शासन के खिलाफ अधिक उग्रवादी नीति अपनाने की सलाह दी।
- वर्ष 1948 में उन्होंने काॅन्ग्रेस के अधिकांश समाजवादी नेताओं के साथ मिलकर काॅन्ग्रेस पार्टी छोड़ दी और वर्ष 1952 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (Praja Socialist Party) बनाई।
- किंतु जल्द ही राजनीति से असंतुष्ट होकर उन्होंने वर्ष 1954 में घोषणा की कि वे अपना जीवन भूदान आंदोलन के लिये समर्पित करेंगे जिसकी स्थापना विनोबा भावे ने की थी।
- वर्ष 1959 में उन्होंने गाँव, ज़िला, राज्य एवं संघ परिषदों के चार स्तरीय पदानुक्रम के माध्यम से ‘भारतीय राजनीति के पुनर्निर्माण’ की अवधारणा प्रस्तुत की।
- जब इंदिरा गांधी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा चुनावी कानूनों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया था तो जयप्रकाश नारायण ने इंदिरा गांधी एवं राज्यों के मुख्यमंत्रियों पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया तथा सेना एवं पुलिस से असंवैधानिक और अनैतिक आदेशों की अवहेलना करने का आग्रह किया। वर्ष 1974 में उन्होंने सामाजिक परिवर्तन के लिये एक कार्यक्रम की वकालत की जिसे उन्होंने सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार के खिलाफ संपूर्ण क्रांति करार दिया।
- संपूर्ण क्रांति: संपूर्ण क्रांति सात क्रांतियों (राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, वैचारिक या बौद्धिक, शैक्षिक एवं आध्यात्मिक) का एक संयोजन है।
- इसका मुख्य उद्देश्य मौजूदा समाज में एक बदलाव लाना था जो सर्वोदय के आदर्शों के अनुरूप हो।
- संपूर्ण क्रांति: संपूर्ण क्रांति सात क्रांतियों (राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, वैचारिक या बौद्धिक, शैक्षिक एवं आध्यात्मिक) का एक संयोजन है।
- स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान और गरीबों एवं दलितों के उत्थान के लिये जयप्रकाश नारायण को मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ प्रदान किया गया।
नानाजी देशमुख (Nanaji Deshmukh):
- चंडिकादास अमृतराव देशमुख (Chandikadas Amritrao Deshmukh) जिन्हें नानाजी देशमुख (वर्ष 1916-2010) के नाम से भी जाना जाता है, एक सामाजिक कार्यकर्त्ता और राजनीतिक नेता थे।
- नानाजी देशमुख लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सदस्य और जनसंघ के संस्थापक सदस्य थे। बाद में वह जनता पार्टी और भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा बन गए।
- उन्हें वर्ष 1974 में आपातकाल के खिलाफ जय प्रकाश नारायण द्वारा शुरू किये गए आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक माना जाता है और वर्ष 1977 में उन्होंने जनता पार्टी की सरकार के गठन में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- वह वर्ष 1977 और वर्ष 1979 के बीच 6वीं लोकसभा के सदस्य थे और वर्ष 1999 में तत्कालीन राजग सरकार द्वारा राज्यसभा के लिये नामांकित किये गए थे।
- एक सामाजिक कार्यकर्त्ता के रूप में उन्होंने विशेष रूप से चित्रकूट (मध्य प्रदेश) में लगभग 500 गाँवों में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं ग्रामीण आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में कार्य किया।
- उन्होंने मध्य प्रदेश में चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय (Chitrakoot Gramodaya Vishwavidyalaya) स्थापित किया जिसे देश का पहला ग्रामीण विश्वविद्यालय माना जाता है।
- उन्होंने पूरे भारत में ‘सरस्वती विद्या मंदिर’ स्कूलों की एक श्रृंखला शुरू की।
- उन्हें वर्ष 1999 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था और मरणोपरांत वर्ष 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
हरिकेन डेल्टा
Hurricane Delta
8 अक्तूबर, 2020 को तूफान की श्रेणी 2 (Category 2) के अंतर्गत आने वाले हरिकेन डेल्टा (Hurricane Delta) जिसकी गति 169 किमी. प्रति घंटा है, के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिणी-पश्चिमी लुसियाना (Louisiana) क्षेत्र मेंजन-धन का नुकसान हुआ।
- गौरतलब है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के इसी क्षेत्र में 27 अगस्त, 2020 को तूफान की श्रेणी 4 (Category 4) के अंतर्गत आने वाले हरिकेन लौरा (Hurricane Laura) के कारण भारी नुक्सान हुआ था।
प्रमुख बिंदु:
- हरिकेन डेल्टा के मद्देनज़र संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय तूफान केंद्र (National Hurricane Center- NHC) ने ‘व्यापक नुकसान’ की चेतावनी ज़ारी की है।
- हालाँकि 8 अक्तूबर, 2020 से पहले हरिकेन डेल्टा के तहत हवाओं की गति 185 किलोमीटर प्रति घंटा थी तब इसे श्रेणी 3 के रूप में सूचीबद्ध किया गया था किंतु तटीय क्षेत्र से टकराने के बाद इसकी गति मंद पड़ गई।
- हरिकेन या उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical cyclone) को सैफिर-सिंपसन विंड स्केल (Saffir-Simpson Hurricane Wind Scale) के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। जिसमें हवा की गति के आधार पर 1 से 5 तक की रेटिंग दी जाती है।
- श्रेणी 3 या इससे ऊपर की श्रेणी के हरिकेन को संपत्ति एवं जीवन को विनाशकारी नुकसान पहुँचाने की उनकी क्षमता के कारण प्रमुख हरिकेन के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
- यह वर्ष 2020 के अटलांटिक हरिकेन मौसम (Atlantic Hurricane Season) का तीसरा बड़ा हरिकेन है।
- अटलांटिक हरिकेन मौसम की अवधि 1 जून से 30 नवंबर के मध्य होती है और ‘नेशनल ओशनिक एंड एटमाॅस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन’ (National Oceanic and Atmospheric Administration- NOAA) के अनुसार, एक औसत हरिकेन मौसम में लगभग 12 हरिकेन आते हैं जिनमें से तीन प्रमुख हरिकेन के साथ छह सामान्य हरिकेन बन जाते हैं।
- जबकि पूर्वी प्रशांत तट पर हरिकेन मौसम की अवधि 15 मई से 30 नवंबर के मध्य होती है।
- अटलांटिक हरिकेन मौसम की अवधि 1 जून से 30 नवंबर के मध्य होती है और ‘नेशनल ओशनिक एंड एटमाॅस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन’ (National Oceanic and Atmospheric Administration- NOAA) के अनुसार, एक औसत हरिकेन मौसम में लगभग 12 हरिकेन आते हैं जिनमें से तीन प्रमुख हरिकेन के साथ छह सामान्य हरिकेन बन जाते हैं।
लगातार हरिकेन आने का कारण:
- वैज्ञानिकों द्वारा हालिया अटलांटिक हरिकेन की तीव्रता एवं आवृत्ति में हुई वृद्धि का कारण ‘ग्लोबल वार्मिंग’ को बताया गया है।
सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड स्कीम 2020-21
Sovereign Gold Bond Scheme 2020-21
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के परामर्श से भारत सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड (Sovereign Gold Bond) जारी करने का निर्णय लिया है।
प्रमुख बिंदु:
- सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड अक्तूबर 2020 से मार्च 2021 तक छह श्रृंखलाओं में जारी किये जाएंगे।
सॉवरेन गोल्ड बॉण्डों का विक्रय:
- अधिसूचित व्यावसायिक बैंकों (लघु वित्त बैंकों एवं पेमेंट बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (Stock Holding Corporation of India Limited- SHCIL), निर्दिष्ट डाकघर और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज जैसे- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (National Stock Exchange of India Limited) या बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (Bombay Stock Exchange Limited) के माध्यम से बॉण्डों का विक्रय किया जाएगा।
सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड की विशेषताएँ:
- इन बॉण्डों को भारत सरकार की ओर से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किया जाएगा।
- इनकी बिक्री विभिन्न व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवार (HUFs), ट्रस्ट, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थानों जैसे निकायों तक ही सीमित रहेगी।
- SGB को 1 ग्राम की बुनियादी इकाई के साथ सोने के ग्राम संबंधी गुणक में अंकित किया जाएगा।
- इनकी समयावधि 8 वर्ष की होगी और पाँचवें वर्ष के पश्चात् इससे बाहर निकलने का विकल्प मौजूद रहेगा।
- इस बॉण्ड के तहत न्यूनतम स्वीकार्य निवेश 1 ग्राम स्वर्ण होगा।
- भारत सरकार द्वारा समय–समय पर जारी अधिसूचना के तहत प्रति वित्त वर्ष (अप्रैल–मार्च) के लिये खरीद की अधिकतम सीमा एक व्यक्ति के लिये 4 किलोग्राम, HUFs के लिये 4 किलोग्राम तथा ट्रस्ट एवं इसी प्रकार की संस्थाओं के लिये 20 किलोग्राम होगी।
- संयुक्त स्वामित्व के मामले में पहले आवेदक के लिये निवेश की सीमा 4 किलोग्राम होगी।
- इस बॉण्ड के मूल्य का निर्धारण भारतीय रुपए में खरीद की अवधि के बीते सप्ताह के अंतिम तीन दिनों में ‘इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड’ (India Bullion and Jewellers Association Limited) द्वारा प्रकाशित 999 शुद्धता वाले स्वर्ण के बंद होने वाले मूल्य के साधारण औसत के आधार पर किया जाएगा।
- स्वर्ण बॉण्ड के निर्गम मूल्य में 50 रुपए प्रति ग्राम की छूट दी जाएगी यदि आवेदन ऑनलाइन किया जाता है अथवा भुगतान डिजिटल रूप में किया जाता है।
- बॉण्ड के लिये भुगतान नकद (अधिकतम 20000 रुपए) या डिमांड ड्राफ्ट या चेक या इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग के ज़रिये किया जा सकता है।
- स्वर्ण बॉण्ड सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006 (Government Securities Act, 2006) के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा स्टॉक के रूप में जारी किये जाएंगे। इस संबंध में निवेशक को एक प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।
- निवेशकों को 2.5% वार्षिक की स्थिर दर पर प्रत्येक छमाही प्रतिपूर्ति की जाएगी।
- स्वर्ण बॉण्ड का ब्याज आयकर अधिनियम, 1961 (धारा 43) के प्रावधानों के अनुरूप कर योग्य होगा।
- स्वर्ण बॉण्ड को भुनाने पर व्यक्ति को कैपिटल गेन टैक्स से छूट दी गई है।
- इस बॉण्ड को किसी व्यक्ति को हस्तांतरित करने पर मिलने वाले दीर्घकालिक कैपिटल गेन पर ‘इंडेक्सेशन बेनिफिट’ (Indexation Benefits) प्रदान किया जाएगा।
- पुनर्ग्रहण अधिकार/बंधक (गिरवी) की प्रक्रिया के माध्यम से बैंकों द्वारा हासिल बॉण्डों को वैधानिक तरलता अनुपात (Statutory Liquidity Ratio) के रूप में गिना जाएगा।