इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के पूर्व बने राजनीतिक संगठनों में मुख्यतः संपन्न तथा कुलीन वर्ग के लोगों का वर्चस्व था, जिन्होंने प्रशासनिक सुधार तथा शिक्षा के प्रसार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। चर्चा करें।

    04 Oct, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा- 

    • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना से पूर्व के राजनीतिक संगठनों का उल्लेख करें।
    • निष्कर्ष

    भारत के शुरुआती राजनीतिक संगठनों पर संपन्न वर्ग जैसे- ज़मींदारों, व्यापारियों (दादाभाई नौरोजी) तथा कुलीनों एवं सिविल सेवकों का प्रभाव था। 

    इन संगठनों द्वारा प्रशासनिक सुधारों के लिये किये गए प्रयासों को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है-

    • ज़मींदारी एसोसिएशन- इसे लैंड होल्डर्स सोसायटी के नाम से भी जाना जाता है। इसका गठन ज़मींदारों के हितों की रक्षा के लिये 1838 में किया गया था। अपनी शिकायतों के निवारण के लिये इन्होंने संवैधानिक प्रतिरोध के तरीकों का इस्तेमाल किया।
    • मद्रास महाजन सभा- इसकी स्थापना 1884 में एस. रामास्वामी मुदलियार व पी. आनंद चार्लू द्वारा की गई थी। इन्होंने देश के लोगों के लिये स्वतंत्रता जैसे मूलाधिकारों की बात की। इसकी स्थापना स्थानीय संस्थाओं के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिये हुई थी।
    • पूना सार्वजनिक सभा- इसकी स्थापना 1867 में महादेव गोविंद रानाडे व उनके साथियों द्वारा की गई थी। यह सरकार व देश की आम जनता के बीच सेतु की तरह काम करने वाला संगठन था। 
    • बंगभाषा प्रकाशिका सभा- यह 1836 में स्थापित बंगाल का प्रथम राजनीतिक संगठन था। इसने बंगाली शिक्षा को प्रोत्साहित किया तथा इस संगठन में सरकार और प्रशासन की समीक्षा की जाती थी। इसने भारतवासियों को राजनीति के प्रति प्रारंभिक रूप से जागरूक बनाने का प्रयास किया। 
    • बंगाल ब्रिटिश इंडिया सोसायटी- इसकी स्थापना 1843 में की गई थी। इस संस्था ने सभी वर्गों के लोगों के उत्थान और अधिकारों की मांग रखी।  । इस सभा का प्रमुख उद्देश्य ब्रिटिश  शासन में भारतीयों की वास्तविक अवस्था के विषय में जानकारी प्राप्त करना, उनका प्रचार-प्रसार करना और जनता की उन्नति, सामाजिक कल्याण के लिये व न्यायपूर्ण अधिकारों के लिये शांतिमय और कानूनी साधनों का प्रयोग करना था। 
    • ईस्ट इंडिया एसोसिएशन- इसकी स्थापना 1866 में दादाभाई नौरोजी द्वारा लंदन में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश जनता के बीच भारत के हित से जुड़े प्रश्नों को उठाना था। 

    इन संगठनों से जुड़े लोग स्पष्टतः कुलीन और संपन्न वर्ग से आते थे, परंतु राजनीतिक शिक्षा के प्रसार एवं प्रशासनिक सुधारों के लिये काफी सराहनीय प्रयास किये। 

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2