कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीप समूह पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन परियोजना

प्रिलिम्स के लिये:

KLI-SOFC परियोजना, डिजिटल इंडिया, फाइबर ऑप्टिक केबल्स, नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन, लक्षद्वीप द्वीप समूह

मेन्स के लिये:

सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, डिजिटल कनेक्टिविटी बुनियादी ढाँचे का महत्त्व

स्रोत: पी.आई.बी.

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप के कावारत्ती में प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, जल संसाधन, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा सहित कई क्षेत्रों को शामिल कर 1,150 करोड़ रुपए से अधिक की विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के बीच कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीप समूह पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन (KLI-SOFC) परियोजना का उद्घाटन किया।

KLI-SOFC परियोजना के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • पृष्ठभूमि:
    • लक्षद्वीप को डिजिटल कनेक्टिविटी की आवश्यकता थी, जिससे बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये अपर्याप्त बैंडविड्थ के कारण उपग्रह संचार में सीमाओं के कारण उच्च क्षमता वाली पनडुब्बी केबल लिंक को बढ़ावा मिला।
  • KLI-SOFC परियोजना: 
    • KLI-SOFC परियोजना से इंटरनेट की गति में वृद्धि होगी, नई संभावनाएँ और अवसर खुलेंगे।
    • यह परियोजना आज़ादी के बाद लक्षद्वीप में पहली बार सबमरीन ऑप्टिक फाइबर केबल कनेक्टिविटी पेश करने जा रही है।
      • फाइबर ऑप्टिक्स या ऑप्टिकल फाइबर, उस तकनीक को संदर्भित करता है जो ग्लास या प्लास्टिक फाइबर के साथ प्रकाश स्पंदनों के माध्यम से सूचनाओं का प्रसारण करता है।
    • यूनिवर्सल सर्विसेज़ ऑब्लिगेशन फंड (Universal Services Obligation Fund- USOF) द्वारा वित्त पोषित दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications- DOT) ने परियोजना को पूरा किया। भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) परियोजना इसकी निष्पादन एजेंसी थी।
    • KLI परियोजना ने मुख्य भूमि (कोच्चि) से ग्यारह लक्षद्वीप द्वीपों, कावारत्ती, अगत्ती, अमिनी, कदमत, चेटलेट, कल्पेनी, मिनिकॉय, एंड्रोथ, किल्टान, बंगाराम और बित्रा तक पनडुब्बी केबल कनेक्टिविटी का विस्तार किया है।

  •  महत्त्व:
    • यह परियोजना ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन’ के लक्ष्यों के अनुरूप है, जो लक्षद्वीप द्वीप समूह में विभिन्न ई-गवर्नेंस परियोजनाओं के कार्यान्वयन को बढ़ावा देती है।
      • इससे ई-गवर्नेंस, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य, वाणिज्य तथा उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा इससे द्वीप में लोगों के जीवन स्तर में और सुधार करने में भी मदद मिलेगी एवं इन क्षेत्रों में समग्र सामाजिक व आर्थिक विकास में तेज़ी आएगी।
    • लक्षद्वीप द्वीप समूह की आबादी को फाइबर टू द होम (FTTH) तथा 5G/4G मोबाइल नेटवर्क प्रौद्योगिकियों के माध्यम से सुविधाजनक हाई-स्पीड वायरलाइन ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी।
      • इस परियोजना द्वारा उत्पन्न बैंडविड्थ सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (Telecom Service Providers- TSP) के लिये सुलभ होगा, जो लक्षद्वीप द्वीप समूह में दूरसंचार सेवाओं को सुगम करेगा।

लक्षद्वीप द्वीप समूह में अन्य परियोजनाएँ:

  • कदमत में निम्न तापमान थर्मल डिसेलिनेशन (Low-Temperature Thermal Desalination- LTTD) संयंत्र:
    • यह प्रतिदिन 1.5 लाख लीटर स्वच्छ पेयजल का उत्पादन करता है। अगत्ती तथा मिनिकॉय द्वीप समूह में कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (Functional Household Tap Connections- FHTC)।
      • अगत्ती तथा मिनिकॉय द्वीपों के सभी घरों में अब कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन हैं।
      • LTTD एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत गर्म सतह वाले समुद्री जल को निम्न दाब पर वाष्पित किया जाता है तथा वाष्प को ठंडे गहरे समुद्र के जल के साथ संघनित किया जाता है।
  • कवरत्ती में सौर ऊर्जा संयंत्र:
    • यह लक्षद्वीप में पहली बैटरी समर्थित सौर ऊर्जा परियोजना है।
  • कल्पेनी में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधा:
    • कल्पेनी में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधा के नवीनीकरण के लिये आधारशिला रखी गई।
  • मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र (नंद घर):
    • एंड्रोथ, चेटलाट, कदमत, अगत्ती और मिनिकॉय द्वीपों में पाँच मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र (नंद घर) बनाए जाएंगे।

लक्षद्वीप द्वीप समूह के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • 32 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला भारत का सबसे छोटा केंद्रशासित प्रदेश, लक्षद्वीप एक द्वीप समूह है, जिसमें कुल 36 द्वीप शामिल हैं।
  • इसकी राजधानी कावारत्ती है और यह केंद्रशासित प्रदेश का प्रमुख शहर भी है।
    • सभी द्वीप केरल के तटीय शहर कोच्चि से 220 से 440 किमी. दूर अरब सागर में स्थित हैं।
    • मलयालम और संस्कृत में लक्षद्वीप नाम का अर्थ ‘एक लाख द्वीप’ होता है।
  • लक्षद्वीप की जलवायु उष्णकटिबंधीय है और इसका औसत तापमान 27°C - 32°C रहता है।
    • चूँकि मानसून के दौरान जलवायु संतुलित होती है, इसलिये जहाज़ आधारित पर्यटन बंद हो जाता है।
  • यह एक प्रशासक के माध्यम से सीधे केंद्र के नियंत्रण में है।
  • संपूर्ण स्वदेशी आबादी को उनके आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन के कारण अनुसूचित जनजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
    • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति सूची (संशोधन आदेश), 1956 के अनुसार, इस केंद्र शासित प्रदेश में कोई अनुसूचित जाति नहीं है।   
  • वर्ष 2020 में, लक्षद्वीप द्वीप समूह प्रशासन ने समुद्री खीरे के लिये दुनिया का पहला संरक्षण क्षेत्र डॉ. केके मोहम्मद कोया समुद्री खीरा संरक्षण रिज़र्व स्थापित किया, जो चेरियापानी रीफ में 239 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष प्रश्न  

प्रश्न. निम्न तापमान तापीय विलवणीकरण सिद्धांत के आधार पर प्रतिदिन एक लाख लीटर मीठे जल का उत्पादन करने वाला भारत का पहला विलवणीकरण संयंत्र कहाँ स्थापित किया गया था? (2008)

(a) कवरत्ती
(b) पोर्ट ब्लेयर
(c) मैंगलोर
(d) वलसाड

उत्तर: (a) 

व्याख्या: 

  • राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान (National Institute of Ocean Technology- NIOT), चेन्नई ने कवरत्ती, मिनिकॉय और अगत्ती की स्थानीय आबादी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये लक्षद्वीप की राजधानी कवरत्ती में विश्व का पहला निम्न तापमान तापीय विलवणीकरण (LTTD) संयंत्र विकसित किया।
  • रिवर्स ऑस्मोसिस एक मेम्ब्रेन प्रक्रिया तथा विश्व स्तर पर स्वीकृत प्रौद्योगिकी है जो खारे जल के विलवणीकरण के लिये उपयुक्त है, यह LTTD प्रौद्योगिकी से काफी अलग है।
  • LTTD एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत समुद्र के गर्म जल को कम दबाव पर वाष्पित किया जाता है और वाष्प को ठंडे गहरे समुद्र के जल से संघनित किया जाता है।
  • इस लागत को कम करने के लिये राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान (National Institute of Ocean Technology- NIOT) ने विलवणीकरण प्रक्रिया के लिये कम तापमान वाली थर्मल विलवणीकरण (Low Temperature Thermal Desalination- LTTD) तकनीक विकसित की है। इस प्रक्रिया के तहत दो अलग-अलग जल स्रोतों के बीच तापमान के उतार-चढाव से पहले गर्म जल को कम दाब पर वाष्पीकृत किया जाता है तथा फिर भाप को ठंडे जल से द्रवीकृत किया जाता है ताकि मीठा जल प्राप्त किया जा सके।
  • अतः विकल्प (a) सही है।