ऑटोमोटिव ईंधन के रूप में अमोनिया
प्रिलिम्स के लिये:अमोनिया, बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन, अमोनिया की ऊर्जा घनत्व, हैबर-बॉश प्रक्रिया, हरित हाइड्रोजन/हरित अमोनिया नीति। मेन्स के लिये:ईंधन के रूप में अमोनिया से संबंधित लाभ और चुनौतियाँ, वैज्ञानिक नवाचार एवं खोजें, संरक्षण |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में अमोनिया द्वारा संचालित एक आंतरिक दहन इंजन (Internal Combustion Engine- ICE) ऑटोमोटिव उद्योग में लोकप्रियता हासिल कर रहा है।
- यह अनोखा तरीका रुचिकर लग रहा है क्योंकि यह पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन (ICE) सिस्टम से पूरी तरह से अलग नहीं होने या बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (Battery Electric Vehicles- BEV) में परिवर्तित होने के बावजूद वैकल्पिक प्रणोदन प्रौद्योगिकियों की खोज करता है।
ICE सिस्टम और BEV सिस्टम:
- आंतरिक दहन इंजन (ICE) सिस्टम:
- ICE वाहन पारंपरिक इंजनों का उपयोग करते हैं जो बिजली उत्पन्न करने के लिये जीवाश्म ईंधन (जैसे, पेट्रोल या डीज़ल) को जलाते हैं।
- ईंधन को हवा के साथ मिलाकर प्रज्ज्वलित किया जाता है और परिणामस्वरूप होने वाले विस्फोट से वाहन के पहिये चलते हैं।
- ये सिस्टम आमतौर पर कारों, ट्रकों और मोटरसाइकिलों में पाए जाते हैं।
- ये निकास गैसों का उत्सर्जन करते हैं और वायु प्रदूषण एवं ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में योगदान देते हैं।
- ICE वाहन पारंपरिक इंजनों का उपयोग करते हैं जो बिजली उत्पन्न करने के लिये जीवाश्म ईंधन (जैसे, पेट्रोल या डीज़ल) को जलाते हैं।
- बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (BEVs):
- BEV इलेक्ट्रिक वाहन हैं जो इलेक्ट्रिक मोटर को पावर देने के लिये पूरी तरह से रिचार्जेबल बैटरी पर निर्भर होते हैं।
- उन्हें ग्रिड से बिजली का उपयोग करके चार्ज किया जाना चाहिये, जिसे नवीकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न किया जा सकता है।
- वे शून्य टेलपाइप उत्सर्जन उत्पन्न करते हैं और पर्यावरण के अनुकूल माने जाते हैं।
- BEV इलेक्ट्रिक वाहन हैं जो इलेक्ट्रिक मोटर को पावर देने के लिये पूरी तरह से रिचार्जेबल बैटरी पर निर्भर होते हैं।
अमोनिया के वर्तमान प्रमुख अनुप्रयोग:
- परिचय:
- अमोनिया एक रासायनिक यौगिक है जिसका सूत्र NH3 है। यह तीक्ष्ण गंध वाली रंगहीन गैस है जिसका व्यापक रूप से विभिन्न औद्योगिक, कृषि और घरेलू अनुप्रयोगों में प्रयोग किया जाता है।
- प्रमुख अनुप्रयोग:
- कृषि: फसल वृद्धि के लिये आवश्यक अमोनिया आधारित उर्वरकों, जैसे अमोनियम नाइट्रेट और यूरिया के उत्पादन में प्रमुख घटक के रूप में।
- रासायनिक उद्योग: नाइट्रिक एसिड, अमोनियम सल्फेट और विभिन्न नाइट्रोजन-आधारित यौगिकों जैसे पदार्थों के उत्पादन में मौलिक घटक के रूप में।
- यह नायलॉन की तरह सिंथेटिक फाइबर के निर्माण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- विनिर्माण: औद्योगिक प्रशीतन प्रणालियों और एयर कंडीशनिंग में एक रेफ्रिजरेंट के रूप में।
- इसके अलावा, अमोनिया का उपयोग रंगों के निर्माण और रंगाई प्रक्रियाओं में pH नियामक के रूप में किया जाता है।
- घरेलू अनुप्रयोग: काँच और फर्श क्लीनर सहित घरेलू सफाई उत्पादों में एक घटक के रूप में।
अमोनिया को ईंधन के रूप में उपयोग करने के फायदे:
- उच्च ऊर्जा घनत्व: अमोनिया में उच्च ऊर्जा घनत्व होता है, जिसका अर्थ है कि यह एक बहुत बड़ी मात्रा में ऊर्जा संगृहीत और मुक्त कर सकता है, जो इसे दीर्घकालिक अनुप्रयोगों के लिये उपयुक्त बनाता है।
- अमोनिया में लिथियम-आयन बैटरी की तुलना में 9 गुना और संपीड़ित हाइड्रोजन की तुलना में 3 गुना अधिक ऊर्जा घनत्व होता है।
- कम कार्बन उत्सर्जन: अमोनिया में दहन के दौरान लगभग शून्य कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन करने की क्षमता होती है, जो विशेषकर जीवाश्म ईंधन की तुलना में इसे पर्यावरण के अनुकूल विकल्प बनाती है ।
- ब्रिज ईंधन: अमोनिया एक ब्रिज ईंधन के रूप में कार्य कर सकता है, जो पारंपरिक जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने में मदद करता है और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर एक संक्रमणकालीन बफर प्रदान करता है।
- इसके अलावा, अमोनिया का उपयोग ऊर्जा मिश्रण में विविधता लाकर और एकल ऊर्जा स्रोत पर निर्भरता को कम करके देश की ऊर्जा सुरक्षा को बेहतर कर सकता है।
अमोनिया को ईंधन के रूप में उपयोग करने से संबंधित प्रमुख चुनौतियाँ:
- पर्यावरणीय प्रभाव: ईंधन के रूप में अमोनिया दहन के दौरान लगभग शून्य CO2 उत्सर्जित होता है।
- किंतु वर्तमान अमोनिया इंजन अभी भी अपूर्ण दहन हुए अमोनिया और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) सहित निकास गैसों का उत्सर्जन करते हैं, जो पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के लिये खतरा उत्पन्न करते हैं।
- वायुमंडल में नाइट्रोजन के परिणामस्वरूप आमतौर पर क्षोभमंडलीय ओज़ोन की मात्रा अधिक हो जाती है जिसके परिणामस्वरूप श्वसन संबंधी बीमारियाँ और अम्लीय वर्षा होती है।
- किंतु वर्तमान अमोनिया इंजन अभी भी अपूर्ण दहन हुए अमोनिया और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) सहित निकास गैसों का उत्सर्जन करते हैं, जो पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के लिये खतरा उत्पन्न करते हैं।
- उत्पादन संबंधी चुनौतियाँ: अमोनिया का उत्पादन आम तौर पर हैबर-बॉश प्रक्रिया पर निर्भर करता है, जो महत्त्वपूर्ण मात्रा में ऊर्जा की खपत करता है और जीवाश्म ईंधन पर आधारित है।
- हरित अमोनिया उत्पादन, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा एवं हाइड्रोजन के सतत् स्रोतों का उपयोग शामिल है, अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है तथा लागत और स्केलेबिलिटी चुनौतियों का सामना कर रहा है।
- हानियाँ: अमोनिया अत्यधिक विषैला होता है, यदि ठीक से प्रबंधन न किया जाए तो यह मनुष्यों और पर्यावरण के लिये स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न कर सकता है।
- इसके अतिरिक्त, इसके हनिकारक प्रभावों और संक्षारकता के कारण दुर्घटनाएँ अथवा गलत संचालन के कारण गंभीर परिणाम घटित हो सकते हैं।
- ईंधन गुणवत्ता मानक: ईंधन के रूप में अमोनिया के लिये निरंतर गुणवत्ता मानकों को विकसित करना और उनको लागू करना जटिल हो सकता है, विशेषर जब अमोनिया विभिन्न स्रोतों से अथवा अशुद्धियों के विभिन्न स्तरों के साथ उत्पादित होता है।
नोट: भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने फरवरी 2022 में ग्रीन हाइड्रोजन/ग्रीन अमोनिया नीति को अधिसूचित किया है जो नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करने वाले ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया के निर्माताओं के लिये विभिन्न प्रोत्साहन एवं समर्थन उपाय प्रदान करता है।
आगे की राह:
- बेहतर इंजन प्रौद्योगिकी: अधिक कुशल और स्वच्छ अमोनिया इंजन बनाने के लिये अनुसंधान और विकास में निवेश करने की आवश्यकता है।
- इसमें दहन प्रक्रियाओं को अनुकूलित करना और ऐसे इंजन डिज़ाइन करना शामिल है जो न्यूनतम (NOx) उत्सर्जन के साथ अमोनिया ईंधन का उपयोग करने में सक्षम हों।
- इंजन डिज़ाइन में व्यावहारिक विकास के साथ अमोनिया एक अधिक व्यवहार्य विकल्प बन सकता है।
- सुरक्षा प्रशिक्षण: अमोनिया उद्योग में शामिल श्रमिकों के लिये व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू करना। उचित संचालन, सुरक्षा प्रोटोकॉल और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रशिक्षण अमोनिया की विषाक्तता से जुड़े जोखिमों को कम कर सकते हैं।
- बाज़ार प्रोत्साहन: अमोनिया को ईंधन के रूप में अपनाने को प्रोत्साहित देने हेतु कर क्रेडिट या सब्सिडी जैसे बाज़ार प्रोत्साहन प्रदान करना, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहाँ इसके उपयोग से समुद्री परिवहन जैसे महत्त्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं।
- अमोनिया हाइब्रिड: हाइब्रिड सिस्टम विकसित करना जो अमोनिया को अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, जैसे सौर और पवन ऊर्जा के साथ जोड़ता है।
- कम नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की अवधि के दौरान अमोनिया का उपयोग ईंधन के रूप में किया जा सकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 3 उत्तर: (d) प्रश्न. भारत में रासायनिक उर्वरकों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) |