US एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट | 10 Feb 2025
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा US एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) की विदेशी सहायता पर 90 दिनों की रोक लगा दी गई है, जिससे विश्व भर में इसके कार्यक्रम प्रभावित होंगे।
- इसके अतिरिक्त अमेरिका ने घोषणा की है कि वह दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में वर्ष 2025 में होने वाली G20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग नहीं लेगा।
US एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट क्या है?
- परिचय: USAID वैश्विक मानवीय और विकास सहायता के लिये प्राथमिक अमेरिकी एजेंसी है।
- समर्थन: वर्ष 2024 में USAID को 44.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर आवंटित किये गए जो कुल अमेरिकी संघीय बजट का केवल 0.4% है लेकिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा ट्रैक की गई सभी मानवीय सहायता का 42% हिस्सा है।
- USAID द्वारा विश्व भर में स्वास्थ्य सेवा, खाद्य सहायता एवं आपदा राहत को वित्तपोषित किया जाता है।
- इसके तहत शीर्ष प्राप्तकर्त्ताओं में यूक्रेन, इथियोपिया, जॉर्डन, सोमालिया और अफगानिस्तान शामिल हैं।
- USAID और भारत: USAID के साथ भारत का सहयोग वर्ष 1951 में भारत आपातकालीन खाद्य सहायता अधिनियम के साथ शुरू हुआ, जो खाद्य सहायता से लेकर बुनियादी ढाँचे, क्षमता निर्माण एवं आर्थिक सुधारों के रूप में कई दशकों तक विकसित हुआ।
- यह एजेंसी शिक्षा, टीकाकरण, पोलियो उन्मूलन और HIV (ह्यूमन इम्यूनोडिफिसिएंसी वायरस)/क्षय रोग (टीबी) की रोकथाम में सहयोग कर रही है।
- ऐसा कहा जाता है कि पिछले दशक में भारत को USAID से लगभग 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्राप्त हुए हैं (जो USAID के कुल वैश्विक वित्तपोषण का लगभग 0.2% से 0.4% है)।
भारत के लिये इसके क्या निहितार्थ हैं?
- ग्लोबल साउथ में भारत की भूमिका: भारत ने स्वयं को ग्लोबल नाॅर्थ और ग्लोबल साउथ के बीच एक सेतु के रूप में स्थापित किया है तथा यह G20 में अपनी बढ़ती स्थिति से लाभान्वित हो रहा है।
- चीन और रूस: यदि अमेरिका G20 में अपनी भूमिका कम कर देता है तो चीन और रूस अपना प्रभाव बढ़ा सकते हैं, जिससे वैश्विक आर्थिक गतिशीलता में संभावित रूप से बदलाव आने के साथ चीन की बढ़ती शक्ति के बीच इसमें भारत की स्थिति कमज़ोर हो सकती है।
- स्वास्थ्य सेवा: यद्यपि भारत को दी जाने वाली प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता में कमी आई है फिर भी USAID का योगदान वर्ष 2024 में 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया।
- स्थायी वित्तपोषण कटौती से भारत के टीकाकरण कार्यक्रम, संक्रामक रोग नियंत्रण एवं चिकित्सा बुनियादी ढाँचे पर प्रभाव पड़ सकता है।
- भारत को स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं शासन परियोजनाओं को बनाए रखने के क्रम में घरेलू निधियों को पुनर्निर्देशित करने की आवश्यकता हो सकती है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न: निम्नलिखित में से किस एक समूह के चारों देश G20 के सदस्य हैं? (2020) (a) अर्जेंटीना, मेक्सिको, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की उत्तर: (a) |