नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 16 जनवरी से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

रैपिड फायर

त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक 2025

  • 01 Apr 2025
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

लोकसभा ने त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2025 पारित किया, जिसके तहत सहकारी क्षेत्र में शिक्षा और प्रशिक्षण को आगे बढ़ाने के लिये भारत का पहला राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय किया जाएगा।

  • अमूल के संस्थापक त्रिभुवन काशीभाई पटेल के नाम पर यह विश्वविद्यालय गुजरात में स्थापित किया जाएगा, जिसमें सहकारी प्रशिक्षण संस्थानों के लिये राष्ट्रव्यापी अधिकार क्षेत्र होगा, जो प्रतिवर्ष 8 लाख लोगों को प्रमाणित करने के लिये डिग्री, डिप्लोमा और PhD पाठ्यक्रम प्रदान करेगा।
  • सहकारी विश्वविद्यालय की आवश्यकता क्षेत्र के विशाल आकार के बावजूद, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (NCUI) जैसे संस्थानों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सीमित पहुँच से प्रेरित है।
  • सहकारी क्षेत्र: इसमें सदस्य-स्वामित्व वाले संगठन शामिल होते हैं जिनका उद्देश्य पारस्परिक सहायता और समान संसाधन वितरण के माध्यम से साझा आवश्यकताओं को पूरा करना, ग्रामीण विकास और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है।
    • संविधान (97 वाँ संशोधन) अधिनियम, 2011 ने संविधान के अनुच्छेद 19(1)(c) में "सहकारी समितियाँ" शब्द को शामिल करके सहकारी समितियाँ बनाने के अधिकार को मौलिक अधिकार बना दिया।
    • भारत में सहकारी क्षेत्र को सहकारी समिति अधिनियम, 1912, बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 द्वारा विनियमित किया जाता है। 
      • MSCS (संशोधन) अधिनियम, 2023 बहु-राज्य सहकारी समितियों में शासन और पारदर्शिता को बढ़ाता है।

और पढ़ें: भारत का सहकारिता आंदोलन

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2