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कर राजस्व संग्रह संबंधी रुझान

  • 24 Oct 2024
  • 2 min read

स्रोत: IE

हाल ही में वित्त मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा जारी आँकड़ों से वित्त वर्ष 2023-24 के लिये कर राजस्व संग्रह संबंधी रुझान प्राप्त हुए हैं।

  • वित्त वर्ष 2023-24 में प्रत्यक्ष कर बढ़कर कुल राजस्व का 56.72% हो गया, जो 14 वर्षों में सर्वाधिक है, जबकि अप्रत्यक्ष कर घटकर 43.28% के स्तर पर पहुँच गया। 
    • प्रत्यक्ष कर सीधे करदाता पर लगाया जाता है और जिस व्यक्ति (न्यायिक या प्राकृतिक) पर यह लगाया जाता है, उसके द्वारा सरकार को सीधे भुगतान किया जाता है।
    • अप्रत्यक्ष कर वह कर है जो किसी मध्यस्थ (जैसे कि स्टोर) द्वारा उस व्यक्ति से वसूला जाता है जो अंततः इसका भुगतान करता है (अर्थात् ग्राहक)। करदाता इस कर को दूसरों पर आरोपित कर सकता है।
  • व्यक्तिगत आयकर (PIT) ( 10.45 लाख करोड़ रुपए) संग्रह निगम/कॉर्पोरेट कर (9.11 लाख करोड़ रुपए) से अधिक रहा।
  • प्रत्यक्ष कर-जीडीपी अनुपात 20 वर्षों के उच्चतम स्तर 6.64% पर पहुँच गया। 
  • वर्ष 2023-24 में कर उछाल (Tax buoyancy) बढ़कर 2.12 हो गया।
    • 2 से अधिक कर उछाल का अर्थ है कि कर राजस्व नाममात्र/नॉमिनल GDP की तुलना में दोगुने से अधिक तेज़ी से बढ़ा है, जो मज़बूत कर संग्रह वृद्धि को दर्शाता है।
  • शीर्ष 3 प्रत्यक्ष कर संग्रहकर्त्ता राज्य: महाराष्ट्र (39%), कर्नाटक (12%) और दिल्ली (10.4%)।  

और पढ़ें: वैयक्तिक आयकर और अप्रत्यक्ष कर की बढ़ती हिस्सेदारी

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