प्रारंभिक परीक्षा
स्वावलंबिनी
- 10 Feb 2025
- 6 min read
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने नीति आयोग के सहयोग से असम, मेघालय और मिज़ोरम में “स्वावलंबिनी” योजना की शुरूआत की।
स्वावलंबिनी क्या है?
- परिचय: स्वावलंबिनी एक महिला उद्यमिता कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) में महिलाओं को उद्यमी मानसिकता, संसाधन और व्यावसायिक सफलता हेतु मार्गदर्शन प्रदान करके सशक्त बनाना है।
- कार्यक्रम संरचना: MSDE ने भारतीय उद्यमिता संस्थान (IIE), गुवाहाटी और नीति आयोग के सहयोग से उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम (EAP), महिला उद्यमिता विकास कार्यक्रम (EDP), फैकल्टी विकास कार्यक्रम (FDP) एवं वित्तपोषण सहित एक चरण-वार उद्यमशीलता प्रक्रिया की शुरूआत की।
- इसके तहत सफल उद्यमों को मान्यता देना एवं पुरस्कृत करना शामिल है जिससे अन्य को प्रेरणा मिलने के साथ भारत में महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को आगे बढ़ाने के लिये एक स्पष्ट ढाँचा स्थापित होगा।
- अपेक्षित परिणाम: 10% EDP प्रशिक्षुओं द्वारा सफल व्यवसाय प्रारंभ करने की उम्मीद है।
- उच्च शिक्षा संस्थानों में उद्यमशीलता की संस्कृति को मज़बूत करना, महिलाओं के लिये व्यवसाय सृजन को एक व्यवहार्य कॅरियर मार्ग बनाना। भारत के आर्थिक परिवर्तन के प्रमुख चालक के रूप में महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को बढ़ावा देना।
स्वावलंबिनी राष्ट्रीय नीतियों के साथ किस प्रकार संरेखित है?
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 : कौशल एकीकरण, उद्योग सहयोग और उद्यमिता-संचालित शिक्षा को बढ़ावा देती है।
- स्वावलंबिनी महिला उद्यमियों के लिये वित्तीय और परामर्श सहायता सुनिश्चित करके इस पर काम करती है।
- महिला उद्यमिता योजनाएँ: स्वावलंबिनी स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया, PM मुद्रा योजना और महिला उद्यमिता मंच जैसी पहलों को मज़बूत करती है।
- स्वावलंबिनी केंद्रीय बजट 2025 के अनुरूप है, जिसमें 10,000 करोड़ रुपए के स्टार्ट-अप फंड की शुरुआत की गई है और पहले पाँच वर्षों के लिये स्टार्ट-अप लाभांश पर 100% कर छूट दी गई है, जिससे उभरते महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों के लिये महत्त्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
भारत में महिला उद्यमिता परिदृश्य
- भारत में कुल MSME: 63 मिलियन से अधिक, महिला स्वामित्व वाले MSME 20% (12.39 मिलियन)।
- रोजगार योगदान: महिलाओं के नेतृत्व वाले MSME 22-27 मिलियन लोगों को रोज़गार प्रदान करते हैं।
- महिला उद्यमिता में भारत का स्थान: महिला उद्यमिता पर मास्टरकार्ड सूचकांक (MIWE) 2021 में भारत वर्तमान में 65 देशों में से 57 वें स्थान पर है।
- वैश्विक उद्यमिता एवं विकास संस्थान के अनुसार, वैश्विक महिला उद्यमिता सूचकांक (FEI) में भारत का स्थान 77 देशों में 70वाँ है।
- महिला-नेतृत्व वाले MSME में सर्वाधिक भागीदारी वाले शीर्ष राज्य: पश्चिम बंगाल (23.42%), तमिलनाडु (10.37%), तेलंगाना (7.85%), कर्नाटक (7.56%), और आंध्र प्रदेश (6.76%)।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. जोखिम पूंजी से क्या तात्पर्य है? (2014) (a) उद्योगों को उपलब्ध कराई गई अल्पकालिक पूंजी उत्तर: (b) प्रश्न. 'स्टैंड अप इंडिया स्कीम' के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2016)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) प्रश्न. प्रधानमंत्री MUDRA योजना का लक्ष्य क्या है? (2016) (a) लघु उद्यमियों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में लाना उत्तर: (a) |