श्री पोट्टी श्रीरामुलु | 17 Dec 2024

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया

हाल ही में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने तेलुगू लोगों के लिये शहीद श्री पोट्टी श्रीरामुलु के बलिदान को याद करने के लिये उनके सम्मान में एक तेलुगू विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की।

  • श्री पोट्टी श्रीरामुलु को मद्रास से तेलुगू भाषी राज्य की वकालत करने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका के लिये सम्मानित किया जाता है। 15 दिसंबर को उनके बलिदान के कारण भारत में भाषायी राज्यों का निर्माण हुआ।
  • 56 दिनों के उपवास के बाद उनकी मृत्यु से व्यापक हिंसा हुई, जिसके कारण सरकार को राज्य पुनर्गठन आयोग (दिसंबर 1953) का गठन करना पड़ा, जिसके फलस्वरूप अक्तूबर 1953 में आंध्र प्रदेश का निर्माण हुआ।
  • श्रीरामुलु ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और वर्ष 1930 के नमक सत्याग्रह में भाग लेने के कारण जेल गए तथा भारत छोड़ो आंदोलन में भी भाग लिया।
  • वह महात्मा गांधी के समर्पित अनुयायी और प्रबल समर्थक थे। वह येरनेनी सुब्रह्मण्यम द्वारा स्थापित कोमारवोलू में गांधी आश्रम में भी शामिल हुए।
  • उन्होंने नेल्लोर के मूलपेटा स्थित वेणु गोपाल स्वामी मंदिर में दलितों के प्रवेश के अधिकार के समर्थन में अनशन किया, जिसे अंततः स्वीकार कर लिया गया।

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