स्पॉटेड पॉन्ड टर्टल | 09 Jun 2023
काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिज़र्व, असम में महावत (हाथी के रखवाले एवं चालक) का कार्य करने वाले तीन व्यक्तियों को स्वच्छ जल के कछुए की दुर्लभ प्रजाति स्पॉटेड पॉन्ड टर्टल को पकड़ने तथा खाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
- इस घटना ने पार्क के कर्मचारियों द्वारा संरक्षित प्रजातियों के अवैध उपभोग को लेकर चिंता जताई है, यही कारण है कि जाँच और गिरफ्तारी की कार्रवाई तेज़ कर दी गई है।
स्पॉटेड पॉन्ड टर्टल:
- परिचय: स्पॉटेड पॉन्ड टर्टल (जियोक्लेमिस हैमिल्टन/Geoclemys hamiltonii) का नाम उनके काले सिर, पैर और पूँछ पर पीले या सफेद धब्बों के कारण रखा गया है। उनका सिर बड़ा एवं छोटे थूथन होते हैं तथा झिल्लीदार पैर उन्हें तैरने में मदद करते हैं।
- इन्हें ब्लैक पॉन्ड टर्टल, ब्लैक स्पॉटेड टर्टल, हैमिल्टन्स टेरापिन के नाम से भी जाना जाता है।
- वे अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिये धूप में रहते हैं। इनके लिये गर्म जल की आवश्यकता और गहन स्नान क्षेत्र भी महत्त्वपूर्ण है।
- स्पॉटेड पॉन्ड टर्टल जब अपने खोल में पीछे हटते हैं, तब कर्कश ध्वनि निकालते हैं।
- सीमा और आवास: ये भारत में असम तथा साथ ही पाकिस्तान और बांग्लादेश में लंबी व गहरी नदियों में पाए जाते हैं।
- भारत में इनकी प्रजातियाँ उत्तर, पूर्वोत्तर और मध्य भारत के कुछ भागों में विस्तृत हैं
- आहार आवश्यकताएँ: ये कछुए मुख्य रूप से मांसाहारी होते हैं और जलीय अकशेरूकीय जीवों को खाते हैं।
- नींद की आदतें: स्पॉटेड पॉन्ड टर्टल संध्याचर (Crepuscular) होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे गोधूलि (शाम और सुबह) में सबसे अधिक सक्रिय होते हैं।
- संरक्षण की स्थिति:
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature- IUCN): संकटग्रस्त
- वन्य जीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES): परिशिष्ट- I
काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान:
- अवस्थिति: यह असम राज्य में स्थित है और 42,996 हेक्टेयर में फैला हुआ है। यह ब्रह्मपुत्र घाटी बाढ़ के मैदान में सबसे बड़ा अबाधित और प्रतिनिधि क्षेत्र है।
- कानूनी दर्जा:
- इसे वर्ष 1974 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।
- इसे वर्ष 2007 में एक बाघ आरक्षित घोषित किया गया। इसका कुल बाघ आरक्षित क्षेत्र 1,030 वर्ग किमी. है, जिसका मुख्य क्षेत्र 430 वर्ग किमी.है।
- अंतर्राष्ट्रीय दर्जा:
- इसे वर्ष 1985 में यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
- इसे बर्डलाइफ इंटरनेशनल द्वारा एक प्रमुख पक्षी क्षेत्र के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- पाए जाने वाले प्रमुख प्रजातियाँ:
- यहाँ विश्व भर के सबसे ज़्यादा एक सींग वाले गैंडे पाए जाते है। पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य में विश्व में एक सींग वाले गैंडों का घनत्त्व सबसे अधिक है और काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के बाद असम में गैंडों की संख्या सबसे अधिक है।
- काज़ीरंगा में संरक्षण प्रयासों का अधिकांश फोकस 'बिग फोर' प्रजातियों- गैंडा, हाथी, रॉयल बंगाल टाइगर और एशियाई जल भैंस पर केंद्रित है।
- काजीरंगा भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जाने वाली प्राइमेट्स की 14 प्रजातियों में से 9 का आवास है।
- नदियाँ और राजमार्ग:
- राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पार्क क्षेत्रों से होकर गुज़रता है।
- पार्क में 250 से अधिक मौसमी जल निकाय भी हैं, इसके अलावा डिप्लू नदी (Diphlu River) पार्क से होकर प्रवाहित होती है।
- असम में अन्य राष्ट्रीय उद्यान हैं:
- डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान।
- मानस नेशनल पार्क।
- नमेरी राष्ट्रीय उद्यान।
- राजीव गांधी ओरंग राष्ट्रीय उद्यान।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2013) राष्ट्रीय उद्यान उद्यान से होकर बहने वाली नदी
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (a) 1 और 2 उत्तर: (d) प्रश्न. निम्नलिखित भारतीय प्राणीजात पर विचार कीजिये: (2013)
उपर्युक्त में से कौन-सा/से संकटापन्न है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (c) |