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अंतरिक्ष आधारित निगरानी (SBS) मिशन

  • 12 Oct 2024
  • 2 min read

स्रोत: HT

हाल ही में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (CCS) ने अंतरिक्ष आधारित निगरानी (SBS) मिशन के तीसरे चरणको मंज़ूरी दे दी है।

  • इससे नागरिक और सैन्य अनुप्रयोगों के लिये भूमि एवं समुद्री क्षेत्र में बेहतर जागरूकता लाने में मदद मिलेगी।
  • इसमें निगरानी के लिये पृथ्वी की निचली कक्षा या लो अर्थ ऑर्बिट और भूस्थिरीय कक्षा या जियोस्टेशनरी ऑर्बिट में कम-से-कम 52 उपग्रहों का प्रक्षेपण शामिल होगा।
    • 21 उपग्रह इसरो द्वारा तथा शेष 31 निजी कंपनियों द्वारा निर्मित किये जायेंगे।
  • SBS मिशन का संचालन राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय और रक्षा मंत्रालय के अधीन रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा किया जा रहा है।
    • तीनों सशस्त्र बलों के पास भूमि, समुद्र या वायु आधारित मिशनों के लिये समर्पित उपग्रह होंगे।
  • SBS के पहले चरण की शुरुआत वर्ष 2001 में की गई थी, जिसमें चार उपग्रहों जैसे रिसैट 2  (Risat 2) का प्रक्षेपण शामिल था, जबकि SBS 2 को वर्ष 2013 में छह उपग्रहों जैसे रिसैट 2A के प्रक्षेपण के साथ शुरू किया गया था 
  • SBS 3 मिशन को भारत द्वारा अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन प्राप्त करने, फ्राँस के साथ सैन्य उपग्रहों के संयुक्त निर्माण तथा उपग्रह रोधी मिसाइल क्षमताओं से समर्थन प्राप्त होगा।
  • भारत का लक्ष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शत्रु की पनडुब्बियों का पता लगाने तथा अपनी भूमि व समुद्री सीमाओं पर शत्रु द्वारा किये जा रहे बुनियादी ढाँचे के निर्माण पर नज़र रखने की क्षमता हासिल करना है।

और पढ़ें: उपग्रह-आधारित संचार

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