प्रारंभिक परीक्षा
सौर-आधारित विलवणीकरण प्रौद्योगिकी
- 21 Apr 2025
- 6 min read
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
विश्व भर में ताज़े जल की कमी को दूर करने के लिये, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे के वैज्ञानिकों ने ड्यूल-साइडेड सुपरहाइड्रोफोबिक लेजर-इंड्यूसड ग्राफीन (DSLIG) एवापोरेटर विकसित किया है, जो पिछली विलवणीकरण प्रणालियों की विभिन्न सीमाओं को दूर करता है और व्यापक पैमाने पर अनुप्रयोगों की क्षमता रखता है।
DSLIG के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
विशेषताएँ |
विवरण |
सौर और विद्युत तापन एकीकरण |
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सुपरहाइड्रोफोबिक सतह |
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सामग्री की संरचना |
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- महत्त्व: DSLIG अपने निम्न कार्बन फुटप्रिंट और उच्च दक्षता के साथ एक पर्यावरणीय रूप से धारणीय विकल्प प्रदान करता है, जो इसे औद्योगिक अपशिष्ट जल और लवणीय जल के निर्वहन के उपचार के लिये उपयुक्त बनाता है।
- यह सफलता हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के वैश्विक प्रयासों के अनुरूप है।
नोट
- PVDF: कठोर प्लास्टिक जो ज्वाला, विद्युत् और अधिकांश रसायनों के प्रति प्रतिरोधी है।
- PES: यह एक अनाकार, पारदर्शी, हल्के एम्बर रंग का उच्च प्रदर्शन वाला थर्मोप्लास्टिक है और व्यावसायिक रूप से उपलब्ध सबसे कुशल तापमान-रोधी पारदर्शी थर्मोप्लास्टिक रेज़िन है।
- हाइड्रोफोबिसिटी: यह एक भौतिक गुण है जिसमें अणु और जल एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, और हाइड्रोफोबिक अणुओं वाले पदार्थों को हाइड्रोफोब कहते हैं।
विलवणीकरण क्या है?
- परिचय: विलवणीकरण समुद्री जल से, तथा कुछ मामलों में, लवणीय जल (अंतर्देशीय समुद्रों का निम्न लवणीय जल), अत्यधिक खनिजयुक्त भूजल (जैसे भूतापीय लवण जल) तथा नगरपालिका अपशिष्ट जल को उसके विलयित लवणों से मुक्त करने की प्रक्रिया है।
- यह प्रक्रिया अन्यथा अनुपयोगी जल को मानव उपभोग, सिंचाई, औद्योगिक अनुप्रयोगों और अन्य प्रयोजनों के लिये उपयुक्त बनाती है।
प्रक्रिया:
विलवणीकरण प्रक्रिया |
मुख्य विशेषताएँ |
तापीय विलवणीकरण: जल को ऊष्मित कर भाप बना दिया जाता है, जिससे अशुद्धियाँ नीचे रह जाती हैं, जो फिर से द्रव के रूप में मौजूद जल में संघनित हो जाती हैं। |
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झिल्ली-आधारित विलवणीकरण: इसके अंतर्गत जल एक अर्द्धपारगम्य झिल्ली से होकर गुज़रता है जो जल के अणुओं के अतिरिक्त लवण और अन्य विलयित ठोस पदार्थों को विपाषित कर लेता है। |
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नोट: राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT) ने लक्षद्वीप के कवरत्ती में विश्व का पहला निम्न तापमान थर्मल डिसेलिनेशन (LTTD) संयंत्र विकसित किया है।
- लक्षद्वीप में पाँच विलवणीकरण संयंत्र संचालनरत हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्न तापमान तापीय विलवणीकरण सिद्धांत के आधार पर प्रतिदिन एक लाख लीटर मीठे जल का उत्पादन करने वाला भारत का पहला विलवणीकरण संयंत्र कहाँ स्थापित किया गया था? (2008) (a) कवरत्ती उत्तर: (a) |