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लघु बचत योजनाएँ

  • 02 Apr 2022
  • 3 min read

हाल ही में सरकार ने मुद्रास्फीति के ऊँचे स्तर के कारण वर्ष 2022-23 (अप्रैल-जून) की पहली तिमाही के लिये राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (National Savings Certificate- NSC) और सार्वजनिक भविष्य निधि  (Public Provident Fund- PPF) सहित लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा है।

लघु बचत योजनाएँ/उपकरण:

  • परिचय:
    • ये भारत में घरेलू बचत के प्रमुख स्रोत हैं और इसमें 12 उपकरण/प्रपत्र (Instrument) शामिल हैं।
    • इसमें जमाकर्त्ताओं को उनके धन पर सुनिश्चित ब्याज मिलता है।
    • सभी लघु बचत प्रपत्रों से संग्रहीत राशि को राष्ट्रीय लघु बचत कोष (NSSF) में जमा किया जाता है।
    • कोविड-19 महामारी के कारण सरकारी घाटे में वृद्धि की वजह से उधार की उच्च आवश्यकता को पूरा करने के लिये छोटी बचतें सरकारी घाटे के वित्तपोषण के प्रमुख स्रोत के रूप में उभरी हैं।
  • वर्गीकरण: लघु बचत उपकरणों को तीन प्रमुख भागों के अंतर्गत वर्गीकृत किया जा सकता है:
    • डाक जमा: इसमें बचत खाता, आवर्ती जमा, अलग-अलग परिपक्वता की सावधि जमा और मासिक आय योजना शामिल है।
    • बचत प्रमाणपत्र: राष्ट्रीय लघु बचत प्रमाणपत्र (NSC) और किसान विकास पत्र (KVP)।
    • सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ: सुकन्या समृद्धि योजना, सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)।
  • दरों का निर्धारण:
    • छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को तिमाही आधार पर निर्धारित किया जाता है जो कि समान परिपक्वता वाले बेंचमार्क सरकारी बॉण्डों में संचलन के अनुरूप होता है। वित्त मंत्रालय द्वारा समय-समय पर दरों की समीक्षा की जाती है।
    • लघु बचत योजना पर गठित श्यामला गोपीनाथ समिति (2010) ने छोटी बचत योजनाओं के लिये बाज़ार संबद्ध ब्याज दर प्रणाली का सुझाव दिया था।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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