रैपिड फायर
शिंकानसेन ट्रेनें और बुलेट ट्रेन परियोजना
- 18 Apr 2025
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स्रोत: बिज़नेस स्टैंडर्ड
जापान वर्ष 2026 तक भारत को दो निःशुल्क शिंकानसेन ट्रेन सेट (E5 और E3 शृंखला) प्रदान करेगा।
- शिंकानसेन ट्रेन (E5 शृंखला): इसका उपयोग वर्ष 2011 से जारी है। 320 किमी/घंटा की गति के साथ, इसे शुरू में भारत की पहली बुलेट ट्रेन लाइन के लिये चुना गया था।
- अपने वायुगतिकीय डिज़ाइन, उन्नत सुरक्षा प्रणालियों और सुगम सवारी गुणवत्ता के लिये जाना जाने वाला यह हाई-स्पीड रेल प्रौद्योगिकी का अत्याधुनिक उदाहरण है।
- शिंकानसेन ट्रेन (E3 शृंखला): यह अपेक्षाकृत धीमा और पुराना मॉडल है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से मिनी-शिंकानसेन सेवाओं के लिये किया जाता है, इसमें E5 शृंखला के समान विशेषताएँ हैं, जैसे सुरक्षा तंत्र।
- बुलेट ट्रेन परियोजना (मुंबई-अहमदाबाद): राष्ट्रीय हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) द्वारा कार्यान्वित इस परियोजना में जापानी शिंकानसेन प्रौद्योगिकी का उपयोग शामिल है।
- इस परियोजना को जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) द्वारा वित्त पोषित किया गया है, जो लागत का लगभग 80% वहन करती है।
- इस परियोजना को शुरू में वर्ष 2022 तक पूरा किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन अब इसकी समय-सीमा में विस्तार कर इसे वर्ष 2028 कर दिया गया है।
- मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर भारत की राष्ट्रीय रेल योजना (NRP) 2030 का हिस्सा है।
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