SEBI ने दोगुनी की FPI प्रकटीकरण सीमा | 28 Mar 2025
स्रोत: बिज़नेस स्टैंडर्ड
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के लिये प्रकटीकरण सीमा को 25,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपए कर दिया है। इस प्रकार, इस सीमा को पार करने वाले FPI को अब लाभकारी स्वामित्व और अन्य प्रमुख निवेश विवरणों का खुलासा करना होगा।
FPI हेतु ग्रैन्युलर थ्रेशोल्ड में वृद्धि:
- उद्देश्य: बाज़ार की संवृद्धि के साथ विनियमों को संरेखित करना क्योंकि वित्त वर्ष 2022-23 से इक्विटी ट्रेडिंग की मात्रा लगभग दोगुनी हो गई है।
- इसका उद्देश्य व्यापार को सुकर बनाते हुए पूंजी अंतर्वाह को बढ़ाना और मध्यम और लघु FPI के लिये अनुपालन को सरल बनाना है।
- FPI: ये ऐसी संस्थाएँ हैं जो अपने पोर्टफोलियो को विविध बनाने और प्रतिफल अर्जित करने के लिये विदेशी बाज़ारों में स्टॉक, बॉण्ड, म्यूचुअल फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) जैसी प्रतिभूतियों और वित्तीय परिसंपत्तियों में निवेश करती हैं।
- भारत में FPI को SEBI (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) विनियम, 2019 के तहत SEBI द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
- SEBI: भारत का प्रतिभूति बाज़ार नियामक, 1988 में स्थापित किया गया था और वर्ष 1992 में SEBI अधिनियम, 1992 के तहत इसे सांविधिक दर्जा प्रदान किया गया।
- यह स्टॉक एक्सचेंजों, बाज़ार मध्यस्थों और निवेशक संरक्षण की देखरेख करता है, तथा बाज़ार की पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करता है।
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