आयुष्मान भारत के तहत वरिष्ठ नागरिकों के लिये बढ़ती लागत | 10 Aug 2024

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना (PM-JAY) में महत्त्वपूर्ण रुझानों को उजागर करते हुए डेटा जारी किया। यह जानकारी वरिष्ठ नागरिकों , विशेष रूप से 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के बढ़ते वित्तीय बोझ को रेखांकित करती है।

आयुष्मान भारत के संदर्भ में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • बड़ी संख्या में वरिष्ठ नागरिक भर्ती: डेटा से पता चलता है कि स्वीकृत अस्पतालों में  जनवरी 2024 तक लगभग 6.2 करोड़ भर्ती में से 57.5 लाख भर्तियाँ 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों की थी। पिछले छह वर्षों में इस योजना के तहत उपचार पर सरकारी व्यय कुल 79,200 करोड़ रुपए रहा, जिसमें से लगभग 9,900 (14%) करोड़ रुपए विशेष रूप से 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के उपचार के लिये आवंटित किये गए।
    • वृद्ध रोगियों को प्रायः पुरानी बीमारियों और कई सह-रुग्णताओं के कारण अधिक महँगे और गहन उपचार की आवश्यकता होती है। इस कारण उपचार जटिल हो जाता है, जिससे महँगी गहन देखभाल इकाई (ICU) देखभाल और लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहने की संभावना बढ़ जाती है।
  • राज्य परिवर्तनशीलता: अस्पताल में वरिष्ठ नागरिकों के भर्ती होने का अनुपात राज्यों में व्यापक रूप से भिन्न है, महाराष्ट्र (20.49%) और केरल (18.75%) में सबसे अधिक दरें हैं, जबकि तमिलनाडु (3.12%) में सबसे कम है।
    • तमिलनाडु में अस्पताल में भर्ती होने की दर कम होने के बावजूद, प्रति वरिष्ठ नागरिक रोगी उपचार की लागत अधिक है।
    • गोवा, लद्दाख, लक्षद्वीप और झारखंड ऐसे चार राज्य/केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहाँ वृद्ध व्यक्तियों के अस्पताल में भर्ती होने का प्रतिशत उन पर खर्च की गई कुल राशि से ज़्यादा है।
  • चिंताएँ:
    • भारत में लॉन्गिटूडिनल एजिंग स्टडीज़ ऑफ इंडिया (LASI) के अनुसार, वर्ष 2011 में भारत की 60 वर्ष से अधिक आयु की जनसंख्या 8.6% से बढ़कर वर्ष 2050 तक 19.5% हो जाने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2011 में यह संख्या 103 मिलियन से तीन गुना बढ़कर वर्ष 2050 में 319 मिलियन हो जाएगी।
    • आयुष्मान भारत का विस्तार करने की सरकार की योजना का उद्देश्य 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को शामिल करना है, चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। इस विस्तार से कार्यक्रम में लगभग 4 करोड़ नए लाभार्थी जुड़ सकते हैं।
      • इस योजना के लिये वर्तमान आवंटन 7,300 करोड़ रुपए है, जिसमें पिछले बजट से केवल 100 करोड़ रुपए की वृद्धि की गई है, जो इस तरह के विस्तार के लिये पर्याप्त धन के बारे में चिंताएँ उत्पन्न करता है।
    • चूँकि वरिष्ठ नागरिकों के लिये स्वास्थ्य सेवा की लागत में वृद्धि जारी है, इसलिये इस योजना की धारणीयता/स्थिरता और सभी वरिष्ठ नागरिकों को व्यापक कवरेज प्रदान करने की इसकी क्षमता पर नीति निर्माताओं को ध्यान देने की आवश्यकता है।
      • वृद्ध के अपेक्षाकृत समृद्ध व्यक्तियों में स्वास्थ्य संबंधी व्यवहार अधिक प्रचलित है, जिससे पॉलिसी के उपयोग और लागत में वृद्धि की संभावना अधिक होती है। 
    • विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस जनसांख्यिकीय को कवर करने की लागत सभी आयु समूहों में सबसे गरीब 40% को कवर करने की तुलना में अधिक होने की संभावना है।

आयुष्मान भारत योजना के संदर्भ में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • परिचय: भारत सरकार की एक प्रमुख योजना के रूप में शुरू की गई आयुष्मान भारत, सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) प्राप्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। वर्ष 2017 की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति द्वारा अनुशंसित, इस योजना का उद्देश्य सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करना, विशेष रूप से ‘Leave no one behind.’ की प्रतिबद्धता को पूरा करना है।
  • मुख्य घटक: आयुष्मान भारत दो परस्पर संबंधित घटकों के इर्द-गिर्द संरचित है जो स्वास्थ्य देखभाल के निर्बाध प्रवाह को प्रदान करने के लिये एक साथ कार्य करते हैं:
    • स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (HWC): वर्ष 2018 में घोषित, 1,50,000 HWC के निर्माण का उद्देश्य मौजूदा उप केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का विकास करना है, जिसमें मातृ और बाल स्वास्थ्य, गैर-संक्रामक रोग का उपचार एवं निशुल्क आवश्यक दवाएँ तथा नैदानिक ​​सेवाएँ शामिल हैं।
    • प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY): यह विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य आश्वासन/बीमा योजना है, जो माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिये प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये का कवरेज प्रदान करती है, जिसका लक्ष्य 12 करोड़ से अधिक गरीब और कमज़ोर परिवारों को लक्षित करना है, जिसमें लगभग 55 करोड़ लाभार्थी शामिल हैं, जो सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011 (SECC- 2011) पर आधारित है।
      • PM-JAY ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (RSBY) और वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा योजना (SCHIS) को शामिल कर लिया, जिससे इसकी पहुँच और प्रभाव का विस्तार हुआ।
  • कार्यान्वयन: आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन एजेंसी (AB-NHPMA) राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना का प्रबंधन करती है।
    • राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक समर्पित राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (SHA) के माध्यम से योजना को लागू करने की सलाह दी जाती है, जो एक बीमा कंपनी, एक ट्रस्ट/सोसायटी या एक एकीकृत मॉडल के माध्यम से काम कर सकती है।
  • प्रभाव: इस योजना से लगभग 40% आबादी को कवर करके, जिसमें द्वितीयक और तृतीयक स्तर अस्पताल में भर्ती भी शामिल है, स्वास्थ्य देखभाल के लिये आउट-ऑफ-पॉकेट (जेब से व्यय होने वाले) खर्च में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है।
    • प्रति परिवार 5 लाख रुपए तक के कवरेज के साथ, यह योजना गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच सुनिश्चित करती है, जिससे स्वास्थ्य परिणामों में सुधार होता है।

आगे की राह

  • लक्षित हस्तक्षेप: संसाधन आवंटन को अनुकूलित करने के लिये वृद्धावस्था के सामान्य स्वास्थ्य स्थितियों से निपटने वाले विशेष पैकेज विकसित करने चाहिये। वरिष्ठ नागरिकों में बीमारियों की गंभीरता को कम करने के लिये निवारक स्वास्थ्य सेवा और प्रारंभिक हस्तक्षेप पर ज़ोर देने की आवश्यकता है।
  • वित्तीय स्थिरता: आयुष्मान भारत योजना में विशेष रूप से वृद्धावस्था देखभाल के लिये के लिये बजटीय आवंटन में वृद्धि की आवश्यकता है। वित्तीय बोझ को साझा करने के लिये सार्वजनिक-निजी भागीदारी की संभावनाएँ तलाशी जानी चाहिये।
  • निवारक स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान: पुरानी स्थितियों को लक्षित करके निवारक स्वास्थ्य सेवा उपायों को लागू किया जाना चाहिये, जिससे अंततः समग्र स्वास्थ्य सेवा लागत कम हो सके।
  • सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को बढ़ावा दने की आवश्यकता है, जो नियमित जाँच और स्वास्थ्य समस्याओं का शीघ्र पता लगाने को प्रोत्साहित करते हों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच सीमित है।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के संदर्भ में भारत की वृद्ध/वरिष्ठ आबादी के संबंध में उत्पन्न चुनौतियों पर चर्चा कीजिये।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs) 

मेन्स

प्रश्न. एक कल्याणकारी राज्य की नैतिक अनिवार्यता के अलावा, प्राथमिक स्वास्थ्य संरचना धारणीय विकास की एक आवश्यक पूर्व शर्त है। विश्लेषण कीजिये। (2021)