विदेशी पशुओं का पंजीकरण | 26 Aug 2024

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने लोगों, संगठनों और चिड़ियाघरों से कहा कि वे अपने पास मौजूद ऐसे किसी भी विदेशी पशुओं को पंजीकृत कराएँ, जो वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (संशोधन अधिनियम, 2022) की अनुसूची IV के तहत सूचीबद्ध हैं।

  • पंजीकरण इलेक्ट्रॉनिक रूप से PARIVESH 2.0 पोर्टल के माध्यम से किया जाना चाहिये और संबंधित राज्य के मुख्य वन्यजीव वार्डन को प्रस्तुत किया जाना चाहिये।

विदेशी प्रजातियों के संबंध में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • विदेशी पशुओं के संबंध में:
    • विदेशी प्रजातियाँ वे पशु या वनस्पति प्रजातियाँ हैं जिन्हें उनके मूल क्षेत्र (स्थान) से नए क्षेत्र में लाया जाता है। इन प्रजातियों को अक्सर लोगों द्वारा नए स्थान पर लाया जाता है।
  • विदेशी पशुओं के उदाहरण:
    • बॉल पाइथन (पश्चिमी अफ्रीका), इगुआना (मध्य और दक्षिण अमेरिका), कॉकटिएल (ऑस्ट्रेलिया), रेड-इयर्ड स्लाइडर कछुआ (अमेरिका और मैक्सिको), अफ्रीकी ग्रे तोता (मध्य अफ्रीका), अमेजोनियन तोता (दक्षिण और मध्य अमेरिका) आदि भारत में विदेशी पशुओं के उदाहरण हैं।
  • कानूनी आवश्यकता:
  • विदेशी प्रजातियों से संबंधित चिंताएँ:
    • गैर-विनियमन: विदेशी प्रजातियों को भारत में आयात किया जाता है तथा बिना उचित पंजीकरण के उन्हें बंदी बनाकर प्रजनन कराया जाता है, जिससे जूनोटिक रोगों का खतरा उत्पन्न हो सकता है।
    • आसन्न महामारी: कोविड-19 महामारी, जो एक जूनोटिक बीमारी है, ने विदेशी जानवरों के अनियमित व्यापार और स्वामित्व के खतरों की ओर ध्यान आकर्षित किया है।
    • विदेशी पशुओं की तस्करी: कार्यकर्त्ताओं ने दक्षिण-पूर्व एशिया और अन्य क्षेत्रों से भारत में लुप्तप्राय विदेशी पशुओं की बढ़ती तस्करी के बारे में चिंता जताई है।
      • विदेशी पशुओं के कब्जे संबंधित मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, विशेष रूप से असम और मिज़ोरम में जहाँ कंगारू (ऑस्ट्रेलिया), कोआला (ऑस्ट्रेलिया) तथा लीमर (मेडागास्कर) जैसी प्रजातियों को कब्जे में लिया गया है एवं उन्हें अस्थायी रूप से चिड़ियाघरों में रखा गया है।

वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (WPA) के संबंध में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 : इसका उद्देश्य वन्य जीवों, पक्षियों और पौधों का संरक्षण करना तथा देश की पारिस्थितिकी एवं पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये संबंधित मुद्दों का समाधान करना है
  • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूचियाँ: वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2022 के बाद वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में चार अनुसूचियाँ हैं।
    • अनुसूची I: उन प्रजातियों के लिये जिन्हें उच्चतम स्तर का संरक्षण प्राप्त है। जैसे, बाघ, हाथी, गैंडा आदि।
    • अनुसूची II: उन प्रजातियों के लिये जिन्हें कम संरक्षण प्राप्त है। जैसे, चील, बाज, प्रिनिया आदि।
    • अनुसूची III: पौधों की प्रजातियों के लिये
    • अनुसूची IV: वन्य जीव और वनस्पति की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) के तहत संरक्षित प्रजातियों के लिये। जैसे: भालू।
      • CITES एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वन्य पशुओं और पौधों के नमूनों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से प्रजातियों के अस्तित्व को खतरा न हो।

परिवेश 2.0 पोर्टल क्या है?

  • परिचय: परिवेश 2.0 पर्यावरण, वन, वन्यजीव और तटीय विनियमन क्षेत्र मंज़ूरी के ऑनलाइन प्रस्तुतीकरण और निगरानी के लिये एक वेब-आधारित एप्लिकेशन है।
    • परिवेश (PARIVESH) का अर्थ है इंटरएक्टिव, वर्चुअस और एनवायरनमेंटल सिंगल विंडो हब द्वारा सक्रिय और उत्तरदायी सुविधा।
  • मंत्रालय: इसे पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा विकसित किया गया है।
  • कार्य: यह सभी हरित मंज़ूरियों के प्रशासन के लिये एक व्यापक एकल खिड़की समाधान प्रदान करता है और पूरे देश में उनके पालन की निगरानी करता है।
    • नए परिवेश 2.0 पोर्टल की रूपरेखा के पीछे प्रक्रिया परिवर्तन, प्रौद्योगिकी परिवर्तन और डोमेन ज्ञान हस्तक्षेप प्रमुख चालक हैं।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ) 

प्रिलिम्स 

प्रश्न. यदि किसी पौधे की विशिष्ट जाति को वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम, 1972 की अनुसूची VI में रखा गया है, तो इसका क्या तात्पर्य है? (2020)

(a) उस पौधे की खेती करने के लिये लाइसेंस की आवश्यकता है।
(b) ऐसे पौधे की खेती किसी भी परिस्थिति में नहीं हो सकती।
(c) यह एक आनुवंशिकत: रूपांतरित फसली पौधा है।
(d) ऐसा पौधा आक्रामक होता है और पारितंत्र के लिये हानिकारक होता है।

उत्तर: (a)


प्रश्न. भारत में यदि कछुए की एक जाति को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची I के अन्तर्गत संरक्षित घोषित किया गया हो तो इसका निहितार्थ क्या है? (2017)

(a) इसे संरक्षण का वही स्तर प्राप्त है जैसा कि बाघ को।
(b) इसका अब वन्य क्षेत्रों में अस्तित्व समाप्त हो गया है, कुछ प्राणी बंदी संरक्षण के अन्तर्गत हैं; और अब इसके विलोपन को रोकना असंभव है।
(c) यह भारत के एक विशेष क्षेत्र में स्थानिक है।
(d) इस संदर्भ में उपर्युक्त (b) और (c) दोनों सही हैं।

उत्तर: (a)

प्रश्न. रेतीला और खारा क्षेत्र एक भारतीय पशु प्रजाति का प्राकृतिक आवास है। जानवर का उस क्षेत्र में कोई शिकारी नहीं है, लेकिन इसके निवास स्थान के विनाश के कारण इसके अस्तित्व को खतरा है। निम्नलिखित में से कौन-सा जानवर हो सकता है? (2011)

(a) भारतीय वन्य भैंस  
(b) भारतीय वन्य गधा 
(c) भारतीय वन्य सूअर 
(d) भारतीय चिकारा 

उत्तर: (b)