Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 31 मार्च, 2023 | 31 Mar 2023
भारत द्वारा दुर्लभ रोग दवाओं और खाद्य आयात शुल्क पर छूट की घोषणा
भारत सरकार ने दुर्लभ बीमारियों के इलाज हेतु व्यक्तिगत उपयोग के लिये आयात की जाने वाली विशेष चिकित्सा उद्देश्यों वाली सभी दवाओं एवं भोजन के संदर्भ में बुनियादी सीमा शुल्क पर छूट की घोषणा की है। यह छूट 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगी। विभिन्न तरह के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा पेम्ब्रोलिजुमाब (कीट्रूडा) को भी बुनियादी सीमा शुल्क से छूट दी गई है। पहले स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी या डचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के इलाज हेतु उपयोग की जाने वाली दवाओं को छूट प्रदान की जाती थी। व्यक्तिगत आयातक को छूट का लाभ उठाने हेतु केंद्रीय या राज्य निदेशक स्वास्थ्य सेवा या ज़िला चिकित्सा अधिकारी/सिविल सर्जन से एक प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा। दुर्लभ बीमारियों का इलाज बहुत महँगा हो सकता है और इस छूट के परिणामस्वरूप रोगियों को लागत की काफी बचत होगी।
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इसरो ने EOS-06 उपग्रह द्वारा कैप्चर किये गए ग्लोबल अर्थ मोज़ेक जारी किया
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने हाल ही में EOS-06 उपग्रह पर ओशन कलर मॉनिटर (OCM) पेलोड द्वारा कैप्चर की गई छवियों का एक ग्लोबल फाल्स कलर कंपोज़िट (FCC) मोज़ेक जारी किया है। वैश्विक महासागरों के लिये भूमि और महासागर बायोटा पर वैश्विक वनस्पति आवरण के संदर्भ में जानकारी प्रदान करने के लिये OCM पृथ्वी को 13 अलग-अलग तरंग दैर्ध्य में महसूस करता है। नवंबर 2021 में इसरो द्वारा लॉन्च किया गया EOS-06 उपग्रह ओशनसैट शृंखला में तीसरी पीढ़ी का है तथा समुद्र के रंग डेटा, समुद्र की सतह के तापमान और जलवायु एवं मौसम संबंधी अनुप्रयोगों हेतु पवन वेक्टर डेटा का निरीक्षण करने के लिये चार पेलोड से युक्त है
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श्यामजी कृष्ण वर्मा
30 मार्च, 2023 को श्री श्यामजी कृष्ण वर्मा की पुण्यतिथि मनाई गई। श्यामजी कृष्ण वर्मा एक प्रमुख भारतीय क्रांतिकारी थे जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ देश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह अपने मज़बूत राष्ट्रवादी आदर्शों और साहस के लिये जाने जाते थे, जिसने उस समय के कई अन्य नेताओं को प्रेरित किया। उन्होंने लंदन में इंडियन होमरूल सोसाइटी की भी स्थापना की, जिसने भारतीय छात्रों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिये एक मंच प्रदान किया। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान को व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है।
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असम की तिवा जनजाति द्वारा यांगली महोत्सव का आयोजन
असम की तिवा जनजाति के लोग बुवाई के मौसम की शुरुआत के प्रतीक के रूप में मनाने के लिये प्रत्येक तीन वर्ष में एक बार यांगली महोत्सव का आयोजन करते हैं। यांगली उत्सव, जो कि कृषि से संबंधित है, तिवा जनजाति की लोगों के लिये एक महत्त्वपूर्ण उत्सव है क्योंकि कृषि उनके समुदाय के लिये आय का मुख्य स्रोत है। उत्सव के दौरान तिवा लोग नृत्य करते हैं और उत्तम फसल के लिये प्रार्थना करते हैं तथा कीटों एवं प्राकृतिक आपदाओं से अपनी फसलों की सुरक्षा की मांग करते हैं।