Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 30 दिसंबर, 2023 | 30 Dec 2023
मलेशिया के साथ प्रसार भारती का समझौता ज्ञापन
भारतीय कैबिनेट ने नवंबर 2023 में भारत के प्रसार भारती तथा रेडियो टेलीविज़न मलेशिया (RTM) के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoU) को मंज़ूरी दे दी है। वर्तमान में विभिन्न देशों के साथ प्रसार भारती द्वारा हस्ताक्षरित MoUs की कुल संख्या 46 हो गई है।
- यह समझौता ज्ञापन वैश्विक स्तर पर सूचना साझा करने, अंतर्राष्ट्रीय प्रसारकों के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने एवं नई तकनीकी मांगों को अपनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- प्रसार भारती भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक प्रसारण एजेंसी है। यह वर्ष 1997 में प्रसार भारती अधिनियम द्वारा स्थापित एक वैधानिक स्वायत्त निकाय है तथा इसमें दूरदर्शन टेलीविज़न नेटवर्क एवं ऑल इंडिया रेडियो शामिल हैं, जो पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की मीडिया इकाइयाँ थीं।
- यह राष्ट्र-निर्माण में महत्त्वपूर्ण योगदानकर्ता है, जो घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विविध दर्शकों के लिये सार्थक व सटीक सूचना साझा करने को प्राथमिकता देता है।
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अंटार्कटिक परिध्रुवीय (Circumpolar) धारा (ACC):
वैज्ञानिकों ने दुनिया की सबसे तीव्र समुद्री धारा, अंटार्कटिक परिध्रुवीय धारा (पानी के नीचे) के अंदर छिपी एक प्राचीन पर्वत शृंखला की खोज की है।
- ACC अंटार्कटिका के निकट पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है, जो अटलांटिक, हिंद और प्रशांत महासागरों को जोड़ती है। यह एकमात्र ऐसी धारा है जो संपूर्ण विश्व के महासागरों में प्रवाहित होती है।
- यह अत्यंत विस्तृत है, लगभग 1250 किलोमीटर की चौड़ाई के साथ, यह सभी महासागरीय धाराओं में सबसे चौड़ा है।
- यह वैश्विक महासागर परिसंचरण और जलवायु विनियमन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह ताप का पुनर्वितरण करता है और वैश्विक जलवायु प्रणाली को प्रभावित करता है।
- ACC को वेस्ट विंड ड्रिफ्ट के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह मुख्य रूप से दक्षिणी गोलार्द्ध में अंटार्कटिका को कवर करने वाली तेज़ पश्चिमी पवनों द्वारा संचालित होता है।
- यह अंटार्कटिक अभिसरण बनाता है, जहाँ शीत अंटार्कटिक जल उप-अंटार्कटिक के गर्म जलधारा से मिलता है, जिससे पोषक तत्त्वों का उत्थान और उच्च जैविक उत्पादकता का एक क्षेत्र बनता है।
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केरल का मुडियेट्टू नृत्य नाट्य
मुडियेट्टू केरल का एक पारंपरिक अनुष्ठान थिएटर तथा लोकनृत्य नाटक है जिसमें देवी काली और राक्षस दारिका के बीच युद्ध की पौराणिक कथा प्रस्तुत की जाती है।
- यह परंपरा भगवती अथवा भद्रकाली उपासना की पद्धति का हिस्सा है जो आमतौर पर फसल कटाई के बाद फरवरी और मई के बीच भगवती मंदिरों में आयोजित किया जाता है।
- मरार और कुरुप्पु समुदायों के सदस्य इसका प्रदर्शन करते है, वे अपने चेहरे पर रंग लगाते हैं तथा काफी बड़ी एवं रंगीन पोशाक व टोपी पहनते हैं।
- इसमें शिव, नारद, दारिका, काली, दानवेंद्र, कोइचादर और कूली जैसे विभिन्न पात्र रूप शामिल हैं।
- विजयी काली द्वारा दारिका का सिर पकड़कर मंच पर प्रवेश करने के साथ इस अनुष्ठान का समापन होता है, जिसके बाद शिव की स्तुति-गीत का गायन होता है।
- मुडियेट्टू को वर्ष 2010 में यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया था और इससे पूर्व कुटियाट्टम को विरासत सूची में शामिल किया गया था।