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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 मई, 2023

  • 19 May 2023
  • 8 min read

NIA ऑपरेशन ध्वस्त 

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने हाल ही में आतंकवादियों, गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों के आपस में जुड़े नेटवर्क को लक्षित करते हुए 'ऑपरेशन ध्वस्त' नामक एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया है। पंजाब और हरियाणा में पुलिस के सहयोग से NIA ने कई राज्यों में 129 स्थानों पर छापे मारे, जिसके परिणामस्वरूप तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकवादी और लक्षित हत्याओं में शामिल अन्य कुख्यात गैंगस्टर, खालिस्तान समर्थक संगठनों के आतंक, वित्तपोषण, जबरन वसूली तथा ड्रग्स एवं हथियारों की तस्करी के लिये आतंकवादी गठजोड़ को तोड़ना था। NIA आतंकवाद, उग्रवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित अपराधों की जाँच व मुकदमा चलाने के लिये भारत सरकार द्वारा वर्ष 2009 में स्थापित एक संघीय एजेंसी है। यह गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और पूरे देश को प्रभावित करने वाले मामलों पर इसका अधिकार क्षेत्र है। NIA का गठन वर्ष 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के जवाब में किया गया था और यह राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) अधिनियम, 2008 के तहत काम करता है। एजेंसी को राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (संशोधन) अधिनियम, 2019 द्वारा और अधिक सशक्त बनाया गया था। NIA राज्य पुलिस बलों और अन्य एजेंसियों से आतंकवाद से संबंधित मामलों को अपने अधिकार में लेने के लिये अधिकृत है तथा यह राज्य सरकारों से पूर्व अनुमति के बिना राज्य की सीमाओं के मामलों की जाँच कर सकती है। इसके कार्यों में आतंकवाद व राष्ट्रीय सुरक्षा पर खुफिया जानकारी एकत्र करना, विश्लेषण करना तथा उसका प्रसार करना, भारत के अंदर और बाहर कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय करना व NIA विशेष न्यायालय के समक्ष मुकदमा चलाना शामिल है। इसे गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) एवं अन्य अनुसूचित अपराधों के तहत आरोपी व्यक्तियों पर मुकदमा चलाने के लिये केंद्र सरकार की मंज़ूरी की आवश्यकता होती  है।

और पढ़ें… राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA)

जाति-आधारित सर्वेक्षण 

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण पर पटना उच्च न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम रोक हटाने के आदेश को वापस कर दिया है। बिहार राज्य सरकार द्वारा विभिन्न जातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति और शैक्षणिक स्तर पर आँकड़े एकत्र करने के लिये सर्वेक्षण शुरू किया था। सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि सरकार को यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि यह एक सर्वेक्षण जनगणना थी या स्वैच्छिक अभ्यास। जाति-आधारित सर्वेक्षण एक क्षेत्र या देश में विभिन्न जातियों की जनसंख्या पर जानकारी एकत्र करने की एक प्रक्रिया है। जाति, जन्म, व्यवसाय और धर्म के आधार पर सामाजिक स्तरीकरण की एक प्रणाली है। पिछड़े वर्गों की पहचान करने के साथ आरक्षण और कल्याणकारी योजनाएँ प्रदान करने के लिये सामान्य रूप से जाति-आधारित सर्वेक्षण किये जाते हैं। हालाँकि जाति-आधारित सर्वेक्षण भी विवादास्पद हैं क्योंकि वे सामाजिक सद्भाव, राजनीतिक प्रभाव को प्रभावित कर सकते हैं। प्रतिनिधित्व और व्यक्तिगत गोपनीयता अनुच्छेद 340 सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों की स्थितियों की जाँच करने और सरकारों द्वारा उठाए जाने वाले कदमों के बारे में सिफारिशें करने के लिये एक आयोग की नियुक्ति का आदेश देता है।

और पढ़ें… जातिगत जनगणना

ई-मालखाना

विशाखापत्तनम पुलिस कमिश्नरेट, आंध्र प्रदेश जून 2023 तक सभी 23 पुलिस थानों में संपत्ति और साक्ष्य हेतु एक वैज्ञानिक भंडारण प्रणाली ई-मालखाना शुरू करने के लिये तैयार है। पहल का उद्देश्य बरामद वस्तुओं के भंडारण में दक्षता को बढ़ाना है। पहले संपत्तियों और सबूतों को पारंपरिक भंडारगृहों में संग्रहीत किया जाता था, जिससे पुनर्प्राप्ति में कठिनाइयाँ होती थीं।  ई-मालखाना के साथ जब्त की गई संपत्ति और सबूत मानकीकृत गत्ते के बक्से में संग्रहीत किये जाएंगे, प्रत्येक को एक अद्वितीय संख्या और अतिरिक्त विवरण के साथ लेबल किया जाएगा। एक डायनेमिक QR कोड जनरेट किया जाएगा और बॉक्स में चिपका दिया जाएगा, जिससे स्कैनिंग के माध्यम से मामले से संबंधित जानकारी तक आसानी से पहुँचा जा सकेगा। यह तकनीकी उन्नयन भंडारण और पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है, कानून प्रवर्तन अधिकारियों के लिये अधिक पारदर्शिता और सुविधा सुनिश्चित करता है।

CCI और ECA के बीच समझौता ज्ञापन 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (CCI) और मिस्र के प्रतिस्पर्द्धा प्राधिकरण (ECA) के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने को मंज़ूरी दे दी है। समझौता ज्ञापन, सूचना के आदान-प्रदान और सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ-साथ विभिन्न क्षमता निर्माण पहलों के माध्यम से प्रतिस्पर्द्धा कानून एवं नीति में सहयोग को बढ़ावा देने व इसे मज़बूत करने की परिकल्पना पर आधारित है। समझौता ज्ञापन का उद्देश्य CCI और ECA के बीच संबंधों को विकसित एवं मज़बूत कर अनुभव साझा करना, तकनीकी सहयोग के माध्यम से अपने संबंधित अधिकार क्षेत्र में प्रतिस्पर्द्धा कानून के प्रवर्तन में एक-दूसरे के अनुभवों से सीखना और अनुकरण करना है। प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002 की धारा 18 CCI को अधिनियम के तहत अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करने या अपने कार्यों को करने के उद्देश्य से किसी भी अन्य देश की किसी भी एजेंसी के साथ किसी भी ज्ञापन या व्यवस्था में प्रवेश करने की अनुमति देती है। प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002, भारतीय बाज़ार में प्रतिस्पर्द्धा को नियंत्रित करता है और गैर-प्रतिस्पर्द्धी प्रथाओं जैसे कार्टेल, प्रमुख बाज़ार स्थिति का दुरुपयोग और विलय एवं अधिग्रहण को प्रतिबंधित करता है जो प्रतिस्पर्द्धा पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। प्रतिस्पर्द्धा (संशोधन) अधिनियम, 2007 द्वारा अधिनियम में संशोधन किया गया है।

और पढ़ें…प्रतिस्पर्द्धा (संशोधन) विधेयक, 2022

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