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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 14 अप्रैल, 2023

  • 14 Apr 2023
  • 7 min read

जलियाँवाला बाग हत्याकांड

जलियाँवाला बाग हत्याकांड दिवस 2023, उस दु:खद घटना के 104 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है जिसे भारतीय इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जाता है। जलियाँवाला  बाग हत्याकांड एक दु:खद घटना थी जो 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर, भारत में घटित हुई थी, जहाँ ब्रिगेडियर-जनरल डायर के आदेश पर ब्रिटिश गोरखा सैनिकों ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर गोलियाँ चलाईं, जो कि रौलेट अधिनियम, 1919 के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने हेतु जलियाँवाला बाग में एकत्रित हुए थे। इस घटना के परिणामस्वरूप 1000 से अधिक निर्दोष पुरुषों, महिलाओं एवं बच्चों की मृत्यु हो गई तथा पूरे देश में व्यापक विरोध तथा अशांति फैल गई। यह घटना ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु भारत के संघर्ष में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ थी तथा इसने भारतीयों को एकजुट होने एवं अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिये संघर्ष करने हेतु प्रेरित किया। इस हत्याकांड के कारण ब्रिटिश औपनिवेशिक नीतियों की व्यापक रूप से निंदा की गई तथा इस घटना ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस घटना ने महात्मा गांधी के जीवन में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ को भी चिह्नित किया क्योंकि इसने उन्हें अपना पहला बड़ा अहिंसक सविनय अवज्ञा आंदोलन, असहयोग आंदोलन आरंभ करने के लिये प्रेरित किया, जिसने अंततः वर्ष 1947 में भारत की स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया। आज जलियाँवाला बाग स्वतंत्रता संग्राम में अनगिनत भारतीयों द्वारा किये गए बलिदानों की याद दिलाता है तथा यह विश्व भर के लोगों को उत्पीड़न एवं अन्याय के खिलाफ लड़ने हेतु प्रेरित करता है। 

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असम के बिहू नृत्य ने दो गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए 

असम के बिहू नृत्य ने गुवाहाटी के सुरसजाई स्टेडियम में 11,304 नर्तकों और संगीतकारों के प्रदर्शन के साथ दो विश्व रिकॉर्ड तोड़कर इतिहास रच दिया। कलाकारों ने दो श्रेणियों में विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास किया- सबसे बड़ा बिहू नृत्य प्रदर्शन और लोक संगीतकारों द्वारा सबसे बड़ा प्रदर्शन। यह पारंपरिक लोकनृत्य बिहू के लिये एक महत्त्वपूर्ण क्षण रहा, जो पूरे असम में लोकप्रिय है और विशेष रूप से बोहाग बिहू या रोंगाली बिहू (वसंत उत्सव जो अप्रैल के मध्य में असमिया नववर्ष की शुरुआत को इंगित करता है) के दौरान किया जाता है। भारत के राष्ट्रपति ने वैशाखी, विशु (केरल और अन्य पड़ोसी क्षेत्रों), नाबा बरशा (पश्चिम बंगाल), पुथंडु-पिरप्पु (तमिलनाडु) तथा वैशाखड़ी सहित पूरे भारत में मनाए जाने वाले विभिन्न पारंपरिक नववर्ष उत्सवों के अवसर पर बधाई दी है। बसंत के मौसम में मनाए जाने वाले ये त्योहार भारत में विभिन्न क्षेत्रीय कैलेंडर के अनुसार नए साल की शुरुआत का संकेत देते हैं। वैशाखी हिंदुओं तथा सिखों द्वारा मनाई जाती है और गुरु गोबिंद सिंह के नेतृत्त्व में योद्धाओं के खालसा पंथ के गठन का प्रतीक है। ये त्योहार संपूर्ण भारत के विभिन्न जातियों और धर्मों के लोगों को एक साथ लाते हैं और देश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का उत्सव मनाते हैं।

और पढ़ें… रोंगाली बिहू, पारंपरिक नववर्ष त्योहार 

IAF फ्राँस में आयोजित बहुराष्ट्रीय अभ्यास ओरियन में शामिल होगी 

भारतीय वायु सेना (IAF) की एक टुकड़ी 17 अप्रैल से 05 मई, 2023 तक फ्राँस में आयोजित होने वाले ओरिअन अभ्यास में भाग लेगी। इस अभ्यास का आयोजन फ्राँस के मॉन्ट डे मार्सन में फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स (FASF) के वायु सेना बेस स्टेशन पर किया जाएगा। यह अभ्यास IAF के राफेल विमान के लिये पहली विदेशी भागीदारी को चिह्नित करेगा। IAF और FASF के अलावा जर्मनी, ग्रीस, इटली, नीदरलैंड, यूनाइटेड किंगडम, स्पेन और संयुक्त राज्य अमेरिका की वायु सेनाएँ भी इस बहुपक्षीय अभ्यास में भाग लेंगी। इस अभ्यास में भागीदारी से भारतीय वायु सेना अन्य देशों की वायु सेनाओं से सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को आत्मसात कर अपनी कार्यशैली को और समृद्ध करेगी।

घाना ने ऑक्सफोर्ड की मलेरिया वैक्सीन R21 को मंज़ूरी दी 

घाना ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के मलेरिया के एक नए टीके को मंज़ूरी दे दी है, जिससे वह ऐसा करने वाला विश्व का पहला देश बन गया है। R21 के रूप में जाना जाने वाला यह टीका घरेलू स्तर पर 5-36 महीने के उन बच्चों के लिये स्वीकृत किया गया है, जिन्हें मलेरिया से मृत्यु का उच्चतम जोखिम होता है। यह स्पष्ट नहीं है कि घाना में वैक्सीन को कब शुरू किया जाएगा क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) सहित अन्य नियामक निकाय इसकी सुरक्षा और प्रभावशीलता का आकलन कर रहे हैं। यह वैक्सीन उपयोग के लिये स्वीकृत होने वाली दूसरी मलेरिया वैक्सीन है और अमीर देशों से इतर अफ्रीकी देश में स्वीकृत होने वाली पहली प्रमुख वैक्सीन है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड के साथ प्रतिवर्ष वैक्सीन की 200 मिलियन खुराक तक का उत्पादन करने हेतु समझौता किया है। WHO ने कहा है कि जिन क्षेत्रों में मॉस्क्युरिक्स का टीका दिया गया है वहाँ सभी कारणों से होने वाली बाल मृत्यु दर में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है।

और पढ़ें…विश्व मलेरिया दिवस 2022

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